भोपाल। मध्यप्रदेश की जेलों में कई ऐसे भी कैदी हैं जो सजा पूरी होने के बाद भी बंद हैं. क्योकि उन्होंने अपराध की सजा तो काट ली है पर उन पर जो जुर्माना लगाया गया था, उसे चुकाने के लिए उनके या उनके परिवार के लोगों के पास राशि नहीं है. जिसके कारण वह अभी भी जेल में बंद है. अब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले में पहल की है. सीएम ने पैसे के अभाव में जेलों में बंद कैदियों को बाहर निकालने के लिए दो कमेटियों का गठन किया है. ये कमेटी राज्य स्तर पर और जिला स्तर पर गठित की गई हैं. ये कमेटियां जुर्माने की राशि का भुगतान कर कैदियों को बाहर निकलवाने का काम करेंगी.
गरीब कैदियों पर मेहरबानी : मध्य प्रदेश की जेलो में सजा पूरी होने के बाद भी बंद गरीब कैदियों पर सरकार मेहरबान हो रही है. पूरे प्रदेश में अब ऐसे कैदियों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जमानत और जुर्माना राशि के लिए राज्य और जिला स्तर की कमेटी बनाई गई हैं. कमेटी की सिफारिश से कैदियों की जमानत और जुर्माना राशि के भुगतान पर प्रशासन फैसला करेगा. अब राज्य निगरानी और जिला निगरानी समिति गरीब कैदियों के जुर्माने की राशि का भुगतान करेंगी. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार की ओर से कोर्ट में जुमाने की राशि जमा होगी.
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निगरानी समितियां गठित : सूत्रों के अनुसार प्रदेश में काम करने वाली कमेटी में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय निगरानी समिति बनाई जाएगी. जिला विधिक सेवा के प्राधिकरण के सचिव, पुलिस अधीक्षक, जेल के अधीक्षक एवं संबंधित जेल के प्रभारी न्यायाधीश इसके सदस्य होंगे. इनकी अनुशंसा के आधार पर ही राज्य स्तर की कमेटी के पास जाएगी. इसके लिए राज्य स्तरीय निगरानी समिति गठित की गई है, जिसमें विधि विभाग के सचिन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जेल विभाग के उप सचिव डीजी जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं इसके सदस्य हैं.