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प्रदेश में उद्योग आमंत्रित करने का यह स्वर्णिम अवसरः सीएम शिवराज

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Published : May 10, 2020, 2:35 PM IST

मुख्यमंत्री ने औद्योगिक भूमि तथा नीति के परिदृश्य को लेकर समीक्षा बैठक में कहा की प्रदेश में उद्योग आमंत्रित करने का यह स्वर्णिम अवसर, प्रदेश की उद्योग नीति ऐसी बनाई जाए की कि प्रदेश के बच्चे उद्योग स्थापित कर सकें.

CM Shivraj Singh Chauhan
सीएम शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। प्रदेश में लागू लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद पड़ी हुई हैं, ऐसी विषम परिस्थितियों में बड़े-बड़े उद्योग भी बंद हो गए हैं. उद्योगों में काम करने वाले मजदूर भी पलायन कर चुके, इन हालात में भी प्रदेश के सीएम को पूरा भरोसा है कि इन परिस्थितियों में प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योगों को स्थापित किया जा सकता है और यह प्रदेश के लिए एक स्वर्णिम अवसर है. जब अन्य राज्यों के अलावा दूसरे देशों से भी बड़े उद्योगों को प्रदेश में लाया जा सकता है.

उद्योग आमंत्रित करने का यह स्वर्णिम अवसर

मुख्यमंत्री ने औद्योगिक भूमि तथा नीति के परिदृश्य को लेकर समीक्षा बैठक की. जिसमें उन्होंने ने कहा है कि प्रदेश में श्रम कानूनों में व्यापक संशोधन एवं उनका सरलीकरण किया गया है और उद्योगों को विभिन्न प्रकार की सहूलियतें दी जा रही हैं. इसके चलते प्रदेश में उद्योग स्थापित करना और चलाना बहुत आसान हो गया है. अब हमें प्रदेश में उद्योग आमंत्रित करने में देरी नहीं करनी चाहिए, यह स्वर्णिम अवसर है. इस संबंध में सभी औद्योगिक संगठनों, औद्योगिक घरानों आदि से बातचीत की जाए तथा प्रदेश अधिक से अधिक उद्योग स्थापित करवाने के प्रयास किए जाएं.

Industries will come in Madhya Pradesh
समीक्षा बैठक

हमारे बच्चे भी उद्योग लगाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भूमि पूलिंग नीति के चलते पर्याप्त भूमि उद्योगों के लिये उपलब्ध है. प्रदेश के प्रमुख नगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर तथा रीवा में 2 हजार 902 हेक्टेयर विकसित भूमि तथा 10 हजार 673 हेक्टेयर अविकसित भूमि उद्योगों के लिये उपलब्ध है. भूमि का मूल्य भी बहुत कम रखा गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इस प्रकार की उद्योग नीति बनाई है, जिससे मध्यप्रदेश के बच्चे भी यहां उद्योग स्थापित कर सकें. लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिये सरकार विभिन्न प्रकार की सहूलियतें दे रही है और अत्यंत कम ब्याज दर पर उद्योगों की स्थापना के लिये ऋण उपलब्ध करा रही है.

फूड प्रोसेसिंग एवं गारमेंट उद्योग की अधिक संभावना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फूड इंडस्ट्री एवं गारमेंट इंडस्ट्री के लिये शासन द्वारा अन्य राज्यों की तुलना में अधिक सुविधाएं एवं सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है. अत: इन दोनों क्षेत्रों में उद्योग स्थापना की अधिक संभावना है. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में चावल, विभिन्न प्रकार की दालें एवं तेल आदि से संबंधित उद्योग स्थापित किये जा सकते हैं .

भोपाल में आई.टी. पार्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आज रोजगार के बड़े अवसर है. भोपाल में आईटी पार्क स्थापित करने के संबंध में भी योजना बनाई जाये . बताया गया कि बी.एच.ई.एल. की 600 एकड़ भूमि मध्यप्रदेश शासन को मिल रही है. बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस प्रकार की योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत उद्योगों को बिजली प्रदान करने के लिये पृथक विद्युत कम्पनी की स्थापना पर विचार किया जा रहा है. ऐसा होने पर हम उद्योगों को 7.50 रूपये प्रति यूनिट के स्थान पर 4 रूपये प्रति यूनिट बिजली दे पायेंगे.

अपनी कमियों पर भी ध्यान दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों की स्थापना के संबंध में हम अपनी कमियों पर भी ध्यान दें और देखें कि उन्हें किस प्रकार दूर किया जा सकता है. प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी बहुत अच्छी नहीं है तथा यह 'लैण्ड लॉक्ड' प्रदेश है . हमें हमारी एयर कनेक्टिविटी बेहतर करनी होगी.

भोपाल। प्रदेश में लागू लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद पड़ी हुई हैं, ऐसी विषम परिस्थितियों में बड़े-बड़े उद्योग भी बंद हो गए हैं. उद्योगों में काम करने वाले मजदूर भी पलायन कर चुके, इन हालात में भी प्रदेश के सीएम को पूरा भरोसा है कि इन परिस्थितियों में प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योगों को स्थापित किया जा सकता है और यह प्रदेश के लिए एक स्वर्णिम अवसर है. जब अन्य राज्यों के अलावा दूसरे देशों से भी बड़े उद्योगों को प्रदेश में लाया जा सकता है.

उद्योग आमंत्रित करने का यह स्वर्णिम अवसर

मुख्यमंत्री ने औद्योगिक भूमि तथा नीति के परिदृश्य को लेकर समीक्षा बैठक की. जिसमें उन्होंने ने कहा है कि प्रदेश में श्रम कानूनों में व्यापक संशोधन एवं उनका सरलीकरण किया गया है और उद्योगों को विभिन्न प्रकार की सहूलियतें दी जा रही हैं. इसके चलते प्रदेश में उद्योग स्थापित करना और चलाना बहुत आसान हो गया है. अब हमें प्रदेश में उद्योग आमंत्रित करने में देरी नहीं करनी चाहिए, यह स्वर्णिम अवसर है. इस संबंध में सभी औद्योगिक संगठनों, औद्योगिक घरानों आदि से बातचीत की जाए तथा प्रदेश अधिक से अधिक उद्योग स्थापित करवाने के प्रयास किए जाएं.

Industries will come in Madhya Pradesh
समीक्षा बैठक

हमारे बच्चे भी उद्योग लगाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भूमि पूलिंग नीति के चलते पर्याप्त भूमि उद्योगों के लिये उपलब्ध है. प्रदेश के प्रमुख नगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर तथा रीवा में 2 हजार 902 हेक्टेयर विकसित भूमि तथा 10 हजार 673 हेक्टेयर अविकसित भूमि उद्योगों के लिये उपलब्ध है. भूमि का मूल्य भी बहुत कम रखा गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इस प्रकार की उद्योग नीति बनाई है, जिससे मध्यप्रदेश के बच्चे भी यहां उद्योग स्थापित कर सकें. लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिये सरकार विभिन्न प्रकार की सहूलियतें दे रही है और अत्यंत कम ब्याज दर पर उद्योगों की स्थापना के लिये ऋण उपलब्ध करा रही है.

फूड प्रोसेसिंग एवं गारमेंट उद्योग की अधिक संभावना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फूड इंडस्ट्री एवं गारमेंट इंडस्ट्री के लिये शासन द्वारा अन्य राज्यों की तुलना में अधिक सुविधाएं एवं सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है. अत: इन दोनों क्षेत्रों में उद्योग स्थापना की अधिक संभावना है. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में चावल, विभिन्न प्रकार की दालें एवं तेल आदि से संबंधित उद्योग स्थापित किये जा सकते हैं .

भोपाल में आई.टी. पार्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आज रोजगार के बड़े अवसर है. भोपाल में आईटी पार्क स्थापित करने के संबंध में भी योजना बनाई जाये . बताया गया कि बी.एच.ई.एल. की 600 एकड़ भूमि मध्यप्रदेश शासन को मिल रही है. बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस प्रकार की योजना बनाई गई है, जिसके अंतर्गत उद्योगों को बिजली प्रदान करने के लिये पृथक विद्युत कम्पनी की स्थापना पर विचार किया जा रहा है. ऐसा होने पर हम उद्योगों को 7.50 रूपये प्रति यूनिट के स्थान पर 4 रूपये प्रति यूनिट बिजली दे पायेंगे.

अपनी कमियों पर भी ध्यान दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों की स्थापना के संबंध में हम अपनी कमियों पर भी ध्यान दें और देखें कि उन्हें किस प्रकार दूर किया जा सकता है. प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी बहुत अच्छी नहीं है तथा यह 'लैण्ड लॉक्ड' प्रदेश है . हमें हमारी एयर कनेक्टिविटी बेहतर करनी होगी.

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