भोपाल। दिल्ली में किसान आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभा रहे मध्य प्रदेश के किसान नेता शिवकुमार कक्का ने कहा कि सरकार की मंशा एक तानाशाही जैसी नजर आ रही है. लेकिन हमारा आंदोलन अनुशासित और अहिंसात्मक रहा है और आगे भी रहेगा. इस आंदोलन को सरकार ने कई बार बदनाम करने की कोशिश की है लेकिन जब तक कृषि कानून वापस नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
जारी रहेगा किसान आंदोलन
किसान नेता शिव कुमार ने कहा कि हम लोग शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं लेकिन इस बीच सरकार ने आंदोलन को बदनाम करने की कई कोशिशें की हैं. हमारे साथियों के बच्चे और उनके रिश्तेदार जो विदेशों में हैं वह वहां से मदद कर रहे हैं. लाखों जैकेट उन्होंने भेजे हैं, खाने पीने का सामान और कई सामान उपलब्ध करा रहे हैं. ऐसे में सरकार इसे विदेशी फंडिंग कह रही है. जबकि यह वही बच्चे हैं जो उन किसानों के बेटे हैं जो विदेशों में रहकर पढ़ाई या नौकरी कर रहे हैं. इस दौरान आंदोलन को कुचलने की भी कोशिश की जा रही है. मध्यप्रदेश से कई किसान दिल्ली जा रहे थे जिन्हें पलवल पर रोका है लेकिन किसान कमजोर नहीं हुए और वहां की टेंट लगाकर वह आंदोलन पर बैठे हैं.
कक्का का कहना है कि हम हर स्तर पर बातचीत करने को तैयार हैं लेकिन जब तक हमारी मांगे सरकार नहीं मांगेगी आंदोलन जारी रहेगा. कानून को लेकर सरकार के सारे दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. प्रदेश की 47 मंडियां बंद हो चुकी हैं और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत अब तक 90 एफआईआर हो चुकी हैं और किसानों को करोड़ों रुपए की चपत लगाकर व्यापारी फरार चल रहे हैं.
हम एक कर सकते हैं साल तक आंदोलन
किसान आंदोलन को लेकर मिल रहे सहयोग पर किसान नेता शिवकुमार कक्का का कहना है कि हम एक साल तक आंदोलन पर बैठ सकते हैं. कई संगठनों से हमें इतना सहयोग मिला है और इतना राशन है कि हमें गोडाउन किराए से लेना पड़ा है. एक बेटी ने 4 लाख जर्सी दिल्ली भेजी हैं. एक तरफ जहां सरकार हजारों किसानों को घटाकर बड़े-बड़े आयोजन कर रही है और जब किसान आंदोलन के नाम पर 50 किसानों को एक जगह खट्टा करने पर पाबंदी लगाई गई है. लेकिन हम भी गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि हमारे किसान भाई इस आंदोलन में सफल होंगे.
दिल्ली में किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे शिवकुमार कक्का मध्यप्रदेश में भी कई किसान आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं. बरेली में हुआ किसान आंदोलन और मंदसौर में किसान आंदोलन में भी शिवकुमार कक्का की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी और अब दिल्ली में किसान आंदोलन में भूमिका निभा रहे हैं. शिवकुमार कक्का सरकार से हुई कई दौर की बातचीत में शामिल हुए हैं.