भोपाल। मध्य प्रदेश में चीतों की लगातार मौत को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चीतों के रहन-सहन को लेकर ना तो बेहतर व्यवस्थाएं हैं और ना ही उनकी चिकित्सकीय सुविधाएं बेहतर है. यही वजह है कि चीता प्रोजेक्ट के तहत मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर में लाए गए चीतों की लगातार मौतें हो रही हैं. कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि चीता प्रोजेक्ट को इवेंट के तौर पर पेश करने वाले बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी भी अब लगातार हो रही चीतों की मौतों को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. उधर चीते की मौत कैसे हुई. इसके लिए विभाग को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार है.
कूनो में लगातार हो रही चीतों की मौत: दरअसल मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट के तहत लाए गए चीतों की लगातार मौत हो रही है. मंगलवार को एक और चीता तेजस ने घायल होने के बाद दम तोड़ दिया. मॉनिटरिंग टीम ने उसकी गर्दन पर चोट का निशान देखा था. जिसके बाद मौके पर वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम पहुंची, लेकिन तब तक नर चीता तेजस ने दम तोड़ दिया. कूनो नेशनल पार्क में अब तक साउथ अफ्रीका से लाए गए 7 चीतों की मौत हो चुकी है, इनमें तीन शावक और चार बड़े चीतें शामिल हैं. विधानसभा में चीतों की मौत को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने वन विभाग की तैयारियों को लेकर सवाल उठाए. "उन्होंने कहा कि जिस तरह से लगातार चीतों की मौत हो रही है. उससे साफ है कि कूनो में ना तो चीतों के लिए बेहतर प्रबंधन किए गए और ना ही उनके लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध है. यही वजह है कि लगातार चीते दम तोड़ रहे हैं."
शिवराज सरकार में कोई सुरक्षित नहीं: पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ कमलनाथ ने चीतों की मौत सहित कई घटनाओं को लेकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम ने कहा कि "बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में न तो चीते, न महिलाएं और न ही आदिवासी समुदाय सुरक्षित हैं. कमलनाथ ने कहा कि हर क्षेत्र में "अराजकता" है. उन्होंने कहा कि यहां केवल ठेकेदारों और भ्रष्टाचारियों को संरक्षित किया जाता है. चाहे चीतों का मुद्दा हो या आदिवासियों का उचित व्यवस्था कहां है. यह देखकर बहुत दुख होता है कि मध्य प्रदेश को किस दिशा में घसीटा जा रहा है"
हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए: उधर पूर्व मंत्री व कांग्रेस के सीनियर विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि "कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने जमकर महिमामंडन किया था. 1 महीने तक इसका इवेंट चलता रहा और अब जब चीतों की लगातार मौत हो रही है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं. बिना बेहतर संसाधन तैयार किए कूनो में चीतों को शिफ्ट कर दिया गया और यही वजह है कि अब उनकी मौत हो रही है. सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि चीतों की मौत को लेकर हत्या उन पर तो हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए."
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अधिकारी बोले पोस्टमार्ट रिपोर्ट से पता चलेगी वजह: उधर पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ जेएस चौहान ने कहा कि "चीतों की मौत दुखद है. 1 दिन पहले मॉनिटरिंग टीम ने तेजस को घायल अवस्था में देखा था, उसका इलाज हो पाता उसके पहले ही उसने दम तोड़ दिया. उसके पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलेगा कि आखिर उसकी मौत कैसे हुई. जिस बाड़े में तेजस को रखा गया था. उसमें उसके अलावा एक मादा चीता भी थी. हालांकि अधिकारी इस बात से इंकार कर रहे हैं कि उन्हें मेटिंग के लिए एक साथ रखा गया था.