भोपाल। 1985 बैच के आईएएस अधिकारी एम गोपाल रेड्डी मध्यप्रदेश के अगले मुख्य सचिव होंगे. राज्य सरकार ने उन्हें मुख्य सचिव कार्यालय में ओएसडी बनाए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं. माना जाता है कि, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष और जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव एम गोपाल रेड्डी मुख्यमंत्री की गुड लिस्ट में सबसे ऊपर हैं, यही वजह है कि, 1983 और 85 बैच के कई अफसरों को दरकिनार कर गोपाल रेड्डी का नाम मुख्य सचिव के लिए फाइनल किया गया है.
छह माह का होगा कार्यकाल
सीएम बनने के बाद कमलनाथ ने रेड्डी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लाया था. इससे पहले गोपाल रेड्डी छिंदवाड़ा के कलेक्टर भी रह चुके हैं. रेड्डी का मुख्य सचिव पद का कार्यकाल करीब 6 महीने का होगा, क्योंकि सितंबर माह में उनका रिटायरमेंट होना है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि, नगरीय निकाय चुनाव के बहाने सरकार उन्हें अगले 6 महीने का एक्सटेंशन दिला सकती है.
वरिष्ठता को दरकिनार कर चुना गया नाम
31 दिसंबर 2018 को मुख्य सचिव का पद संभालने वाले एसआर मोहंती 31 मार्च को रिटायर हो रहे हैं, जिसके बाद मुख्य सचिव की रेस में 1983 और 85 बैच के कई अफसर थे, जिसमें इकबाल सिंह बैस, प्रभांशु कमल, दीपक खांडेकर, राधेश्याम जुलानिया प्रमुख हैं. लेकिन उन्हें किनारे कर एम गोपाल रेड्डी को चुना गया. हालांकि वरिष्ठता को दरकिनार करना कोई नई बात नहीं है. शिवराज सरकार ने भी 1982 बैच के सुधी रंजन मोहंती को दरकिनार कर 1984 बैच के बीपी सिंह को मुख्य सचिव बनाया था.