भोपाल। कोरोना वायरस को रोकने के लिए अब हर जगह पहले की तुलना में टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाया गया है. टेस्टिंग के लिए तो जहां पहले केवल आरटी-पीसीआर टेस्ट पर ही निर्भरता थी. वहीं अब रैपिड एंटीजन टेस्ट भी बड़ी मात्रा में किए जाने लगे हैं. जिसके कारण कम समय में ज्यादा से ज्यादा सैंपल टेस्टिंग का भार कम हुआ है. रैपिड एंटीजन टेस्ट का परिणाम आने में 20 से 30 मिनट का ही समय लगता है. आपात स्थिति में डॉक्टर इसी टेस्ट के परिणाम को फाइनल मानकर किसी मरीज का इलाज कर रहे हैं. हालांकि एंटीजन टेस्ट में कुछ खामियां भी हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस टेस्ट की एक्यूरेसी महज 30 फीसदी ही है.
केंद्र सरकार ने भी आरटी-पीसीआर टेस्ट किया अनिवार्य
एंटीजन टेस्ट की एक्यूरेसी कम होने की वजह से केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को रैपिड एंटीजन टेस्ट में संक्रमण मुक्त पाए गए सभी कोरोना लक्षण वाले लोगों की अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर जांच कराने के निर्देश दिए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण के मामलों पर नजर रखने के लिए सभी राज्यों से जिला और राज्य स्तर पर दो-दो टीमें बनाने को कहा है. ताकि कोरोना के हर संभावित मामले का पता लगाया जा सके. ये टीमें राज्यों और जिलों में नियमित तौर पर हो रही रैपिड एंटीजन जांच संबंधी जानकारियों का विश्लेषण करेंगी. साथ ही ये भी सुनिश्चित करेंगी कि लक्षणों वाले मरीज जो संक्रमणमुक्त पाए गए हैं उनकी दोबारा जांच में किसी तरह की देरी न हो.
रैपिड एंटीजन टेस्ट में 20 मिनट में रिपोर्ट
एंटीजन टेस्ट में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव है या निगेटिव, इसकी रिपोर्ट 15-20 मिनट में मिल जाती है और आरटी-पीसीआर की तुलना में सस्ती भी है. वहीं इससे चलते-फिरते जांच की जा सकती है. अभी राज्य सरकार द्वारा लाखों की संख्या ये किट जांच के लिए मंगवाई जा रहीं हैं.
आरटीपीसीआर से 3-4 दिनों में रिपोर्ट
प्रदेश में आरटीपीसीआर से आज की स्थिति में रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन का समय लगता है. यह जांच अभी राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और कई जिला अस्पतालों में हो रही है. प्राइवेट लैब को भी आईसीएमआर ने टेस्टिंग की अनुमति दी है. आरटीपीआर जांच को लैब में भेजना जरूरी होता है. ये रैपिड टैस्ट की तुलना में महंगी भी है.
विशेषज्ञों की राय
श्वास रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विकास मिश्रा ने बताया कि किसी भी कोरोना संदिग्ध व्यक्ति का पहले एंटीजन टेस्ट ही कराया जाता है. अगर इसका परिणाम पॉजिटिव आता है, तो हम उसे कोरोना संक्रमित मानकर चलते हैं.चूंकि इस टेस्ट की सेंसिटिविटी केवल 30 फीसदी ही है. ऐसे में यदि संदिग्ध में लक्षण होने के बावजूद रिजल्ट नेगेटिव आता है, तो हम उसका आरटी- पीसीआर टेस्ट करवाते हैं. हालांकि इस टेस्ट की एक्यूरेसी भी 70 फीसदी ही है. लेकिन ये एंटीजन टेस्ट के मुकाबले ठीक है. इसके बाद भी किसी मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो फिर सीटी स्कैन करके उसके फेफड़ों की स्थिति जांची जाती है.
भोपाल में आरटीपीसीआर टेस्ट पर निर्भरता
राजधानी भोपाल की बात की जाए तो यहां रैपिड एंटीजन टेस्ट से ज्यादा निर्भरता आरटी पीसीआर टेस्ट पर है. पिछले 10 दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल 2 हजार 905 संक्रमितों में से 909 संक्रमितों की रिपोर्ट रैपिड एंटीजन टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर बनाई गई है. वहीं 1हजार 996 रिपोर्टस को आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिए आये रिजल्ट के आधार पर कोरोना संक्रमित माना गया है. राजधानी में अभी 23 लैब्स में कोरोना वायरस के सैंपल की टेस्टिंग की जा रही है. वहीं इनके अलावा 46 फीवर क्लीनिक में सैंपल टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है. जहां एंटीजन टेस्ट भी किए जाते हैं.