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प्रांतीय अशासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने सातवें वेतनमान के लिए शिक्षा विभाग को लिखा पत्र

भोपाल में प्रांतीय अशासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. पत्र में मध्यप्रदेश के सरकरी कॉलजों में कार्यरत प्रभारी प्राचार्य का सातवें वेतनमान नहीं बढ़ने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जो प्राचार्य जिस कॉलेज में पढ़ा रहे हैं उनका कॉलेज में वेतनमान तय किया जाए.

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Published : Apr 10, 2019, 11:32 PM IST

भोपाल। प्रांतीय अशासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. पत्र में मध्यप्रदेश के सरकरी कॉलजों में कार्यरत प्रभारी प्राचार्य का सातवें वेतनमान नहीं बढ़ने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जो प्राचार्य जिस कॉलेज में पढ़ा रहे हैं उनका कॉलेज में वेतनमान तय किया जाए.

प्रांतीय अशासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखा पत्र

इस मामले में मोतीलाल कॉलेज के प्रोफेसर त्यागी ने कहा कि हमने इसके लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. मध्यप्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत प्रभारी प्राचार्य का सातवें यूजीसी वेतनमान का निर्धारण नहीं किया जा रहा है प्रभारी प्राचार्य का वेतन निर्धारण संबंधित क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय द्वारा किया जाता है जिसमें कुछ समय से वेतन निर्धारण में कठिनाइयां आ रही है. जिस कारण उनका वेतन निर्धारण नहीं हो पा रहा है.उन्होंने मांग रखी है कि प्रभारी प्राचार्य प्राध्यापक के वेतन संबंधित संस्थाओं से निर्धारित किए जाने के निर्देश जारी किए जाएं ताकि प्रभारी प्राचार्य को भी सातवें वेतनमान का लाभ मिल सके.

प्रो. त्यागी ने बताया प्रदेश के लगभग 400 से अधिक कॉलेजों में प्राचार्य के पद पर कई सालों से पदोन्नति नहीं हो रही है. ऐसी स्थिति में कॉलेज में कार्यरत वरिष्ठ प्राध्यापक प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्य कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर प्राध्यापक कई सालों से अपने मूल कार्य अध्यापन के साथ-साथ प्रभारी प्राचार्य के रूप में भी सेवा दे रहे हैं. इसके बावजूद उन्हें किसी भी प्रकार का वित्तीय लाभ विभाग द्वारा नहीं दिया जा रहा है.

भोपाल। प्रांतीय अशासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. पत्र में मध्यप्रदेश के सरकरी कॉलजों में कार्यरत प्रभारी प्राचार्य का सातवें वेतनमान नहीं बढ़ने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जो प्राचार्य जिस कॉलेज में पढ़ा रहे हैं उनका कॉलेज में वेतनमान तय किया जाए.

प्रांतीय अशासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखा पत्र

इस मामले में मोतीलाल कॉलेज के प्रोफेसर त्यागी ने कहा कि हमने इसके लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. मध्यप्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत प्रभारी प्राचार्य का सातवें यूजीसी वेतनमान का निर्धारण नहीं किया जा रहा है प्रभारी प्राचार्य का वेतन निर्धारण संबंधित क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय द्वारा किया जाता है जिसमें कुछ समय से वेतन निर्धारण में कठिनाइयां आ रही है. जिस कारण उनका वेतन निर्धारण नहीं हो पा रहा है.उन्होंने मांग रखी है कि प्रभारी प्राचार्य प्राध्यापक के वेतन संबंधित संस्थाओं से निर्धारित किए जाने के निर्देश जारी किए जाएं ताकि प्रभारी प्राचार्य को भी सातवें वेतनमान का लाभ मिल सके.

प्रो. त्यागी ने बताया प्रदेश के लगभग 400 से अधिक कॉलेजों में प्राचार्य के पद पर कई सालों से पदोन्नति नहीं हो रही है. ऐसी स्थिति में कॉलेज में कार्यरत वरिष्ठ प्राध्यापक प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्य कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर प्राध्यापक कई सालों से अपने मूल कार्य अध्यापन के साथ-साथ प्रभारी प्राचार्य के रूप में भी सेवा दे रहे हैं. इसके बावजूद उन्हें किसी भी प्रकार का वित्तीय लाभ विभाग द्वारा नहीं दिया जा रहा है.

Intro:प्रांतीय अशासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है जिसमें मध्य प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत प्रभारी प्राचार्य का सातवें यूजीसी वेतनमान का निर्धारण नहीं होने पर नाराजगी जताई है


Body:राजधानी भोपाल के मोतीलाल महाविद्यालय प्रोफेसर डॉक्टर त्यागी ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है प्रोफेसर त्यागी का कहना है मध्य प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय में कार्यरत प्रभारी प्राचार्य का सातवें यूजीसी वेतनमान का निर्धारण नहीं किया जा रहा है जिसकी नाराजगी मध्य प्रदेश के प्रभारी प्राचार्य में है संघ के अध्यक्ष ने बताया कि प्रभारी प्राचार्य का वेतन निर्धारण संबंधित क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय द्वारा किया जाता है कुछ कारणों से वेतन निर्धारण में कठिनाइयां आ रही है जिस कारण उनका वेतन निर्धारण नहीं हो पा रहा है यही वजह है कि उन्हें छठवें यूजीसी वेतनमान के अनुसार ही वेतनमान का भुगतान किया जा रहा है संघ ने मांग की है कि प्रभारी प्राचार्य प्राध्यापक है इसलिए इनका वेतन भी संबंधित संस्थाओं से निर्धारित किए जाने के निर्देश जारी किए जाएं ताकि प्रभारी प्राचार्य को भी सातवें वेतनमान का लाभ मिल सके..
प्रोफेसर त्यागी ने बताया प्रदेश के लगभग 400 से अधिक महाविद्यालय में प्राचार्य के पद पर विगत कई वर्षों से पदोन्नति नहीं हो रही है ऐसी स्थिति में महा विद्यालय में कार्यरत वरिष्ठ प्राध्यापक प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्य कर रहे हैं इनमें से ज्यादातर प्राध्यापक कई सालों से अपने मूल कार्य अध्यापन के साथ-साथ प्रभारी प्राचार्य के रूप में भी प्रशासनिक सेवा दे रहे हैं इसके बावजूद उन्हें किसी भी प्रकार का वित्तीय लाभ विभाग द्वारा नहीं दिया जा रहा है जबकि मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के उपरोक्त संदर्भित आदेश अनुसार शासन के अन्य विभागों में उच्च पद का अतिरिक्त कार्य करने वाले संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को उस उच्च पद हेतु निर्धारित भत्ते का भुगतान किया जा रहा है इसी विषय में प्रोफेसर त्यागी ने उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और अपनी मांगों को पूरा करने का अनुरोध किया है


Conclusion:प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यालय प्रभारी प्राचार्य को उच्च पद का अतिरिक्त कार्य करने हेतु नियम अनुसार बच्चे का भुगतान किए जाने के लिए मुद्रण महाविद्यालय के प्रोफेसर त्यागी ने उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा
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