भोपाल। राजगढ़ कलेक्टर द्वारा बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पुलिसकर्मियों से मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में डीजीपी की ओर से रिपोर्ट भेजने के बाद सरकार ने दो सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है. इस जांच कमेटी को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने नाराजगी जताई हैं. उनका कहना है कि जब घटना साबित हो चुकी है, इसके बाद जांच दल के नाम पर सरकार द्वारा उच्च अधिकारी को भेजना सिर्फ राजनीतिक कर्मकांड है. ये मामले को दबाने का और विवादास्पद बनाने का एक सरकारी प्रयास है. मैं सरकार की चालाकी की निंदा करता हूँ. प्रदेश सरकार इस प्रकार से अपने दोषी अधिकारियों को संरक्षण देना बंद करे. फिलहाल राजगढ़ कलेक्टर मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष की तकरार रुकने का नाम नहीं ले रही है.
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि जब राजगढ़ की घटना शुरुआती जांच में सही पाई गई है. तो इसके बाद इसकी जांच वरिष्ठ अफसरों से करवाने का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी जांच दल के नाम पर सरकार द्वारा उच्च अधिकारी को भेजना सिर्फ राजनीतिक कर्मकांड है.