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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर बोले मंत्री लाखन सिंह, कहा- इस मामले पर जल्द होना चाहिए फैसला

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात कर प्रदेश में चल रहे घमासान को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी.

प्रदेश में चल रहे घमासान को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी
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Published : Sep 11, 2019, 3:24 PM IST

भोपाल। कांग्रेस में मचे घमासान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट दी है और साथ ही प्रदेश के प्रभारी दीपक बावरिया ने भी अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपी है. अब देखना यह होगा कि मंत्रियों के बीच चल रहे आपसी घमासान पर वरिष्ठ नेतृत्व क्या फैसला लेता है और किस मंत्री पर गाज गिर सकती है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर बोले मंत्री लाखन सिंह
इस पर पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर जल्द फैसला होना चाहिए और उनका तर्क है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ही अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर इस बात को सोनिया गांधी से कहा था वहीं लोकसभा चुनाव के चलते उन्हें पद पर बने रहने के लिए भी कहा गया था. लेकिन अब समय की मांग है कि अध्यक्ष पद पर नियुक्ति होना चाहिए और साथ ही यादव का कहना हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की सोनिया गांधी से मुलाकात विकास और उन्नति को लेकर हुई थी और किसी भी नेता मंत्री पर कोई कार्रवाई करना है तो इस मामले में वरिष्ठ नेता ही तय करेंगे.वहीं उमंग सिंगार ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए सार्वजनिक तौर पर उन्हें पावर सेंटर कहा था. उसके बाद से माना जा रहा है कि शायद उमंग सिंगार का मंत्री पद जा सकता है हालांकि अभी कोई बात किसी नेता ने नहीं कही है.अब देखना यह होगा कि सरकार में चल रहे अंतरकलह का फायदा बीजेपी कितना ले पाती है और जिस तरीके से नेताओं ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है उसके बाद कोई हल निकल कर सामने आता है या नहीं. क्योंकि अब सोनिया गांधी की नाराजगी के बाद से प्रदेश के कांग्रेस नेता और मंत्रियों के बयान सामने आना बंद हो गए हैं शायद वरिष्ठ नेताओं ने एक लकीर खींचकर नेताओं को अपने दायरे में रहने के लिए बोल दिया है.

भोपाल। कांग्रेस में मचे घमासान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट दी है और साथ ही प्रदेश के प्रभारी दीपक बावरिया ने भी अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपी है. अब देखना यह होगा कि मंत्रियों के बीच चल रहे आपसी घमासान पर वरिष्ठ नेतृत्व क्या फैसला लेता है और किस मंत्री पर गाज गिर सकती है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर बोले मंत्री लाखन सिंह
इस पर पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर जल्द फैसला होना चाहिए और उनका तर्क है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ही अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर इस बात को सोनिया गांधी से कहा था वहीं लोकसभा चुनाव के चलते उन्हें पद पर बने रहने के लिए भी कहा गया था. लेकिन अब समय की मांग है कि अध्यक्ष पद पर नियुक्ति होना चाहिए और साथ ही यादव का कहना हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की सोनिया गांधी से मुलाकात विकास और उन्नति को लेकर हुई थी और किसी भी नेता मंत्री पर कोई कार्रवाई करना है तो इस मामले में वरिष्ठ नेता ही तय करेंगे.वहीं उमंग सिंगार ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए सार्वजनिक तौर पर उन्हें पावर सेंटर कहा था. उसके बाद से माना जा रहा है कि शायद उमंग सिंगार का मंत्री पद जा सकता है हालांकि अभी कोई बात किसी नेता ने नहीं कही है.अब देखना यह होगा कि सरकार में चल रहे अंतरकलह का फायदा बीजेपी कितना ले पाती है और जिस तरीके से नेताओं ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है उसके बाद कोई हल निकल कर सामने आता है या नहीं. क्योंकि अब सोनिया गांधी की नाराजगी के बाद से प्रदेश के कांग्रेस नेता और मंत्रियों के बयान सामने आना बंद हो गए हैं शायद वरिष्ठ नेताओं ने एक लकीर खींचकर नेताओं को अपने दायरे में रहने के लिए बोल दिया है.
Intro:कांग्रेस में मचे घमासान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट दे दी है पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर जल्द फैसला होना चाहिए हालांकि उनका तर्क है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ही अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सोनिया गांधी से कही थी लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते उन्हें पद पर बने रहने के लिए कहा गया था लेकिन अब समय की मांग है कि अध्यक्ष पद पर नियुक्ति होना चाहिए यादव का कहना है मुख्यमंत्री कमलनाथ की सोनिया गांधी से मुलाकात विकास और उन्नति को लेकर हुई थी और किसी भी नेता मंत्री पर कोई कार्यवाही करना है तो इस मामले में वरिष्ठ नेता ही तय करेंगे


Body:मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात कर प्रदेश में चल रहे घमासान को लेकर अपनी रिपोर्ट दे दी है साथ ही प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने भी अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी है अब देखना यह होगा कि मंत्रियों के बीच चल रहे आपसी घमासान पर वरिष्ठ नेतृत्व क्या फैसला लेता है क्या किसी मंत्री पर गाज गिर सकती है जिस तरीके से माना जा रहा है कि उमंग सिंगार ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए सार्वजनिक तौर पर उन्हें पावर सेंटर कहा था उसके बाद से माना जा रहा है कि शायद उमंग सिंगार का मंत्री पद जा सकता है हालांकि अभी कोई बात किसी नेता के द्वारा नहीं कही गई है


Conclusion:अब देखना यह होगा कि सरकार में चल रहे अंतर कल है का फायदा बीजेपी कितना ले पाती है और क्या जिस तरीके से भ्रष्ट नेताओं ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है उसके बाद कोई हल निकल कर सामने आता है या नहीं हालांकि सोनिया गांधी के नाराजगी के बाद से प्रदेश के कांग्रेस नेता और मंत्रियों के बयान सामने आना बंद हो गए हैं शायद वरिष्ठ नेताओं ने एक लकीर खींच कर नेताओं को अपने दायरे में रहने के लिए कह दिया है

byte-लाखन सिंह यादव,पशुपालन मंत्री
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