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परिवहन विभाग के कर्मचारियों का छलका दर्द, दूसरे कामों से फ्री करने की लगाई गुहार - परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत

मध्यप्रदेश परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने शासन से गुहार लगाई है कि ज्यादा से ज्यादा राजस्व वसूली के लिए उन्हें दूसरे सरकारी दायित्वों से मुक्त किया जाए, ताकि वे राजस्व के तय लक्ष्य को हासिल कर सकें.

परिवहन विभाग की बैठक
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Published : Nov 12, 2019, 10:49 AM IST

Updated : Nov 12, 2019, 2:37 PM IST

भोपाल। प्रदेश के परिवहन विभाग की हालत दो दशक से अब तक सुधर नहीं पाई है. जिसकी वजह से इतने सालों के बाद भी अब तक परिवहन विभाग राजस्व वसूली के मामले में फिसड्डी साबित हुआ है. केंद्र और राज्य के स्रोत से होने वाली राजस्व आय घटने से सरकार की भी चिंताएं बढ़ने लगी हैं. प्रदेश में अति वर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को भी एक बड़ी राशि की दरकार है, लेकिन विभाग से होने वाली राजस्व वसूली लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है.

परिवहन विभाग की बैठक

ऐसी स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने शासन को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है, जिसमें निवेदन किया गया है कि उनके मैदानी अमले को अब किसी दूसरे काम में नहीं लगाया जाए, ताकि राजस्व वसूली ज्यादा से ज्यादा हो सके.

परिवहन विभाग को इस साल चार हजार करोड़ रुपए राजस्व सरकार को देने का लक्ष्य मिला है. इस एवज में विभाग ने सितंबर माह तक सरकार के राजस्व में केवल 1 हजार 652 करोड़ रुपए ही जमा करवाए हैं.

परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पिछले दिनों विभागीय समीक्षा में इस बात पर नाराजगी जताते हुए विभागीय अधिकारियों को वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले तय लक्ष्य हासिल करने के लिए कहा था.

विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजकर साफ कर दिया है कि उनके मैदानी अमले को अब किसी और दूसरे कार्य में ना लगाया जाए. कलेक्टर की टाइम लिमिट संबंधी बैठक और जनसुनवाई में जब परिवहन से संबंधित मामला ना आए, तो विभागीय अधिकारियों को इन बैठकों में शामिल ना होने की छूट दी जाए. इसके अलावा चुनाव और जिले में होने वाले शासकीय कार्यक्रमों से भी परिवहनकर्मियों को दूर रखा जाए, ताकि वे अपना पूरा ध्यान राजस्व संग्रहण पर लगा सकें.

भोपाल। प्रदेश के परिवहन विभाग की हालत दो दशक से अब तक सुधर नहीं पाई है. जिसकी वजह से इतने सालों के बाद भी अब तक परिवहन विभाग राजस्व वसूली के मामले में फिसड्डी साबित हुआ है. केंद्र और राज्य के स्रोत से होने वाली राजस्व आय घटने से सरकार की भी चिंताएं बढ़ने लगी हैं. प्रदेश में अति वर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को भी एक बड़ी राशि की दरकार है, लेकिन विभाग से होने वाली राजस्व वसूली लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है.

परिवहन विभाग की बैठक

ऐसी स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने शासन को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है, जिसमें निवेदन किया गया है कि उनके मैदानी अमले को अब किसी दूसरे काम में नहीं लगाया जाए, ताकि राजस्व वसूली ज्यादा से ज्यादा हो सके.

परिवहन विभाग को इस साल चार हजार करोड़ रुपए राजस्व सरकार को देने का लक्ष्य मिला है. इस एवज में विभाग ने सितंबर माह तक सरकार के राजस्व में केवल 1 हजार 652 करोड़ रुपए ही जमा करवाए हैं.

परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पिछले दिनों विभागीय समीक्षा में इस बात पर नाराजगी जताते हुए विभागीय अधिकारियों को वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले तय लक्ष्य हासिल करने के लिए कहा था.

विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजकर साफ कर दिया है कि उनके मैदानी अमले को अब किसी और दूसरे कार्य में ना लगाया जाए. कलेक्टर की टाइम लिमिट संबंधी बैठक और जनसुनवाई में जब परिवहन से संबंधित मामला ना आए, तो विभागीय अधिकारियों को इन बैठकों में शामिल ना होने की छूट दी जाए. इसके अलावा चुनाव और जिले में होने वाले शासकीय कार्यक्रमों से भी परिवहनकर्मियों को दूर रखा जाए, ताकि वे अपना पूरा ध्यान राजस्व संग्रहण पर लगा सकें.

Intro:परिवहन विभाग में कर्मचारियों को दूसरे काम में ना लगाने की शासन से लगाई गुहार


भोपाल | प्रदेश के परिवहन विभाग की हालत दो दशक से अब तक सुधर नहीं पाई है यही वजह है कि इतने वर्षों के बाद भी अब तक परिवहन विभाग राजस्व वसूली के मामले में फिसड्डी साबित हुआ है केंद्र व राज्य के स्रोत से होने वाली राजस्व आय घटने से सरकार की भी चिंताएं बढ़ने लगी है प्रदेश में अति वर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को भी एक बड़ी राशि की दरकार है ऐसे में राजस्व वसूली सरकार के लिए नई ऊर्जा का काम कर सकती है लेकिन विभागों के उदासीन रवैए के चलते ही राजस्व वसूली ना के बराबर हो पाती है केंद्र सरकार से राहत पैकेज मिलने के अभी भी सकारात्मक संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं वही परिवहन जैसे बड़े विभाग से होने वाली आय लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है ऐसी स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने शासन को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है जिसमें निवेदन किया गया है कि हमारे मैदानी अमले को अब किसी दूसरे काम में ना लगाया जाए ताकि राजस्व की वसूली शत-प्रतिशत हो सके .Body:परिवहन विभाग को इस वर्ष चार हजार करोड़ रुपए राजस्व सरकार को देने का लक्ष्य मिला है लेकिन इस मामले में भी परिवहन विभाग ने 50 फ़ीसदी भी वसूली नहीं की है विभाग ने सितंबर माह तक सरकार के राजस्व में एक हजार 652 करोड़ रुपए ही जमा करवाए हैं .

लक्ष्य पूर्ति का दबाव बढ़ने पर विभाग ने अब अपने कर्मचारियों को दूसरे कामों में नहीं लगाने के लिए सरकार से छूट मांगी है वहीं इस मामले में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत इसी महीने सभी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों की बैठक भी करने जा रहे हैंConclusion:परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पिछले दिनों विभागीय समीक्षा में इस बात पर नाराजगी जताते हुए विभागीय अधिकारियों को वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले लक्ष्य को 7% हासिल करने के लिए कहा था साथ ही इस दिशा में जो भी कदम उठाए जाने चाहिए उनके भी निर्देश दिए थे यही वजह है कि विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजकर साफ कर दिया है कि हमारे मैदानी अमले को अब किसी और दूसरे कार्य में ना लगाया जाए कलेक्टर की टाइम लिमिट संबंधी बैठक और जनसुनवाई में जब परिवहन से संबंधित मामला ना हो तो विभागीय अधिकारियों को ऐसी बैठकों में शामिल ना होने की छूट दी जाए चुनाव और जिले में होने वाले अन्य शासकीय कार्यक्रमों से भी परिवहन कर्मियों को दूर रखा जाए ताकि वे अपना पूरा ध्यान राजस्व संग्रहण पर लगा सके .


बता दें कि जिलों में परिवहन विभाग राजस्व वसूली के लिए दिए गए लक्ष्य से करीब 10 वीसीडी पीछे चल रहा है सितंबर 2019 की स्थिति में केवल उमरिया ,शहडोल, शिवपुरी ,सीहोर और भिंड जिले ऐसे हैं जिन्होंने लक्ष्य से अधिक वसूली की है . वही भोपाल 09.62 , ग्वालियर 15.69 , इंदौर 11.77 और जबलपुर में भी वसूली के लक्ष्य से 09.46 प्रतिशत पीछे रहे हैं .प्रदेश के सभी बड़े शहरों में राजस्व वसूली का प्रतिशत काफी नीचे रहा है .जबकि अन्य छोटे-छोटे जिलों में वसूली का प्रतिशत काफी अच्छा दिखाई दे रहा है .
Last Updated : Nov 12, 2019, 2:37 PM IST
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