भोपाल। कोरोना वायरस के सैंपल की जांच के लिए भोपाल में तीन लैब सेंटर अधिकृत किए गए हैं. शहर के गांधी मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के लैब और भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) के लैब में कोरोना वायरस के सैंपल की जांच की जा रही है. शहर में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के कारण रोजाना सैकड़ों की संख्या में सैंपल जांच के लिए इन तीनों लैबों में भेजे जाते हैं. यहां का स्टाफ और मशीनरी लगातार काम कर रही है पर कुछ कमियों के कारण लैब पर ज्यादा सैंपल्स की टेस्टिंग नहीं हो पा रही है.
RNA एक्सटेंशन मशीन की कमी
इस बारे में जानकारी देते हुए हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया की जीएमसी के स्टेट वायरोलॉजी लैब में हम रोजाना लगभग 150 से 170 सैंपल की टेस्टिंग कर रहे हैं. एम्स भोपाल में रोजाना 100 से 150 सेम्पल की जांच हो रही है और BMHRC में रोजाना 50 से 70 सेंपल की जांच हो रही है. इस तरह तीनों लैबों में औसतन 400 से 450 सैंपल की जांच की जा रही है. हमारा टारगेट 600 सेंपल जांच का है लेकिन अभी हमारे पास आरएनए एक्सटेंशन मशीन नहीं है. जिसके कारण हम ज्यादा सैंपल की जांच नहीं कर पा रहे हैं. यदि ये मशीन लैब्स में लगवा दी जाएं तो जांच की क्षमता को दोगुना किया जा सकता है.
लैब में मैन पावर की कभी बड़ी समस्या
इसके अलावा अगर मेडिकल स्टाफ की बात करें तो लैब में मैन पावर की भी कमी है,जो स्टाफ अभी सेंपल टेस्टिंग के काम में लगा है, वो लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. यदि मैन पावर बढ़ जाए, तो ज्यादा से ज्यादा सैम्पल की जांच हो सकती है.
बता दें कि इन तीनों लैब्स में ना केवल भोपाल के बल्कि आसपास के क्षेत्र (सीहोर, विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद, इंदौर) के भी सैंपल जांच के लिए आते हैं. जिसके कारण यहां पर स्टाफ के ऊपर काम का दबाव बहुत ज्यादा है.