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Golden Kite man: सोने की पतंग से लदा 'स्वर्णिम' जादूगर!

एमपी की राजधानी भोपाल में एक काइट मैन हैं, जो गोल्ड की पतंगों को गले में, कानों में उंगलियों में पहनते हैं. देखिए मकर सक्रांति के अवसर पर गोल्ड काइट मैन की ये दिलचस्प कहानी.

kiteman laxminarayan khandelwal
काइटमैन
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Published : Jan 12, 2021, 8:06 PM IST

भोपाल। जनवरी के महीने में आसमान में उड़ती पतंगें मकर संक्राति का संदेश दे देती हैं. मकर संक्राति के त्योहार पर नीला आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से सज जाता है. और पतंगबाजों को अच्छा मौका मिल जाता है. आप ने आसमान में पतंग उड़ाने का जुनून तो कई लोगों में देखा और सुना होगा, लेकिन क्या कभी ऐसे शख्स के बारे में सुना है जो पतंग को न सिर्फ उड़ाता है, बल्कि पतंग को पहनता भी है. जी हां, एमपी की राजधानी भोपाल में एक काइटमैन हैं, जो गोल्ड की पतंगों को गले में पहनते हैं.

काइटमैन की दिलचस्प कहानी

भोपाल में एक छोटी सी दुकान में पतंग का होलसेल व्यापार करने वाले लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल की पहचान पतंग बेचने के लिए नहीं बल्कि पतंगों के आभूषणों को पहने के लिए है. पुराने भोपाल के इतवारा क्षेत्र में लक्ष्मी टॉकीज के पास लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल की दुकान हैं. वे पिछले 50 साल से पतंग बेचते आ रहे हैं. लेकिन पतंग के प्रति उनका ऐसा लगाव है कि वे गले में, कान में, अंगूठियों में गोल्ड की पतंगों को आभूषण के रूप में पहनते हैं.

10 साल की उम्र में चढ़ा पतंग का शौक

काइटमैन लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल बताते हैं कि वे 50 साल से पतंग उड़ाते आ रहे हैं. जब वे 10 साल के थे, तब उन्हें पतंग का ऐसा शौक चढ़ा की आज तक नहीं उतरा. काइट मैन बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें पतंग उड़ाने की बेसब्री से इंतजार रहता था. हर साल मकर सक्रांति का इंतजार रहता था कि कब त्योहार आए और वे पतंग उड़ाएं. सक्रांति तो साल में 1 दिन के लिए आती है और चली जाती है. उस दिन तो वे जी भरकर पतंग उड़ाते हैं, लेकिन उसके बाद पूरा साल कैसे बीते.

kiteman laxminarayan khandelwal
गले में काइट

पढ़ें- बाबा गोरक्षनाथ को आज भी चढ़ाई जाती है नेपाल नरेश की भेजी गई खिचड़ी

दिवानगी को बनाया पेशा

काइटमैन ने बताया कि पतंग के प्रति दीवानगी को उन्होंने अपना पेशा ही बना लिया. उन्होंने पतंग का थोक और फुटकर व्यापार शुरू कर दिया. इसके बाद पतंगों से काफी ज्यादा लगाव होने के कारण उन्होंने सोचा कि क्यों न पतंग को गहना बनाकर पहना जाए. उस दिन से ऐसा पतंग के आभूषण बनवाने का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ, जो समय के साथ बढ़ता ही गया.

kiteman laxminarayan khandelwal
कानों में भी काइट

हर साल संक्राति पर न्यू काइट ज्वेलरी

काइटमैन ने बताया कि पहले उन्होंने चांदी की पतंग के ज्वेलरी बनवाने से शुरूआत की. इसके बाद समय का पहिया बढ़ा और उन्होंने गोल्ड पतंग बनवाना शुरू कर दी. अब ये परंपरा बन गई है. हर साल सक्रांति आने से पहले गोल्ड की छोटी या बड़ी पतंग बनवाकर वे पहनते हैं.

12 तोला गोल्ड की हैं पतंगों की ज्वेलरी

काइटमैन लक्ष्मी नारायण ने अपने गले में गोल्ड की दो बड़ी पतंगें पहनी हुई हैं. इसके अलावा पतंग बनी हुई चार अंगूठियां, दो कान के बालियां और एक चकरी पहनी हुई है. ये सभी ज्वेलरी करीब 10 से 12 तोला की है, जिसकी कीमत करीब 5 से 6 लाख रुपए हैं.

kiteman laxminarayan khandelwal
अंगूठियों में भी पतंग

पढ़ें- मकर संक्रांति स्पेशल: केरमलाइज मखाने को 5 मिनिट में आप कर सकते हैं तैयार

2021 संक्राति के लिए तैयार है नई ज्वेलरी

काइटमैन लक्ष्मी नारायण ने बताया कि इस साल संक्राति के लिए उन्होंने 2 तोला गोल्ड का पतंग सहित चकरी और मांजे का निर्माण कराया है, जिसमें पेंडल के रूप में पतंग बनी हुई है.

शानदार कॉमेंट्री सुनने पहुंचते हैं लोग

लक्ष्मी नारायण भोपाल के साथ कई जगहों पर होने वाली पतंग महोत्सव में जरूरी रूप से हिस्सा लेते हैं, जिसके लिए वे भोपाल के अलावा कई शहरों में भी जाते हैं. मकर सक्रांति के उत्सव पर कोलार में होने वाली प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के साथ कॉमेंट्री करने का काम भी बड़ा अद्भुत तरीके से वे भोपाली लैंग्वेज में करते हैं, जिसे सुनने के लिए आसपास से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते है.

भोपाल। जनवरी के महीने में आसमान में उड़ती पतंगें मकर संक्राति का संदेश दे देती हैं. मकर संक्राति के त्योहार पर नीला आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से सज जाता है. और पतंगबाजों को अच्छा मौका मिल जाता है. आप ने आसमान में पतंग उड़ाने का जुनून तो कई लोगों में देखा और सुना होगा, लेकिन क्या कभी ऐसे शख्स के बारे में सुना है जो पतंग को न सिर्फ उड़ाता है, बल्कि पतंग को पहनता भी है. जी हां, एमपी की राजधानी भोपाल में एक काइटमैन हैं, जो गोल्ड की पतंगों को गले में पहनते हैं.

काइटमैन की दिलचस्प कहानी

भोपाल में एक छोटी सी दुकान में पतंग का होलसेल व्यापार करने वाले लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल की पहचान पतंग बेचने के लिए नहीं बल्कि पतंगों के आभूषणों को पहने के लिए है. पुराने भोपाल के इतवारा क्षेत्र में लक्ष्मी टॉकीज के पास लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल की दुकान हैं. वे पिछले 50 साल से पतंग बेचते आ रहे हैं. लेकिन पतंग के प्रति उनका ऐसा लगाव है कि वे गले में, कान में, अंगूठियों में गोल्ड की पतंगों को आभूषण के रूप में पहनते हैं.

10 साल की उम्र में चढ़ा पतंग का शौक

काइटमैन लक्ष्मी नारायण खंडेलवाल बताते हैं कि वे 50 साल से पतंग उड़ाते आ रहे हैं. जब वे 10 साल के थे, तब उन्हें पतंग का ऐसा शौक चढ़ा की आज तक नहीं उतरा. काइट मैन बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें पतंग उड़ाने की बेसब्री से इंतजार रहता था. हर साल मकर सक्रांति का इंतजार रहता था कि कब त्योहार आए और वे पतंग उड़ाएं. सक्रांति तो साल में 1 दिन के लिए आती है और चली जाती है. उस दिन तो वे जी भरकर पतंग उड़ाते हैं, लेकिन उसके बाद पूरा साल कैसे बीते.

kiteman laxminarayan khandelwal
गले में काइट

पढ़ें- बाबा गोरक्षनाथ को आज भी चढ़ाई जाती है नेपाल नरेश की भेजी गई खिचड़ी

दिवानगी को बनाया पेशा

काइटमैन ने बताया कि पतंग के प्रति दीवानगी को उन्होंने अपना पेशा ही बना लिया. उन्होंने पतंग का थोक और फुटकर व्यापार शुरू कर दिया. इसके बाद पतंगों से काफी ज्यादा लगाव होने के कारण उन्होंने सोचा कि क्यों न पतंग को गहना बनाकर पहना जाए. उस दिन से ऐसा पतंग के आभूषण बनवाने का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ, जो समय के साथ बढ़ता ही गया.

kiteman laxminarayan khandelwal
कानों में भी काइट

हर साल संक्राति पर न्यू काइट ज्वेलरी

काइटमैन ने बताया कि पहले उन्होंने चांदी की पतंग के ज्वेलरी बनवाने से शुरूआत की. इसके बाद समय का पहिया बढ़ा और उन्होंने गोल्ड पतंग बनवाना शुरू कर दी. अब ये परंपरा बन गई है. हर साल सक्रांति आने से पहले गोल्ड की छोटी या बड़ी पतंग बनवाकर वे पहनते हैं.

12 तोला गोल्ड की हैं पतंगों की ज्वेलरी

काइटमैन लक्ष्मी नारायण ने अपने गले में गोल्ड की दो बड़ी पतंगें पहनी हुई हैं. इसके अलावा पतंग बनी हुई चार अंगूठियां, दो कान के बालियां और एक चकरी पहनी हुई है. ये सभी ज्वेलरी करीब 10 से 12 तोला की है, जिसकी कीमत करीब 5 से 6 लाख रुपए हैं.

kiteman laxminarayan khandelwal
अंगूठियों में भी पतंग

पढ़ें- मकर संक्रांति स्पेशल: केरमलाइज मखाने को 5 मिनिट में आप कर सकते हैं तैयार

2021 संक्राति के लिए तैयार है नई ज्वेलरी

काइटमैन लक्ष्मी नारायण ने बताया कि इस साल संक्राति के लिए उन्होंने 2 तोला गोल्ड का पतंग सहित चकरी और मांजे का निर्माण कराया है, जिसमें पेंडल के रूप में पतंग बनी हुई है.

शानदार कॉमेंट्री सुनने पहुंचते हैं लोग

लक्ष्मी नारायण भोपाल के साथ कई जगहों पर होने वाली पतंग महोत्सव में जरूरी रूप से हिस्सा लेते हैं, जिसके लिए वे भोपाल के अलावा कई शहरों में भी जाते हैं. मकर सक्रांति के उत्सव पर कोलार में होने वाली प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के साथ कॉमेंट्री करने का काम भी बड़ा अद्भुत तरीके से वे भोपाली लैंग्वेज में करते हैं, जिसे सुनने के लिए आसपास से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते है.

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