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हरदा जनसुनवाई में दिव्यांग की गजब गुहार, सीईओ और सरपंच रह गये सन्न - HARDA JANSUNWAI

मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक दिव्यांग ने जनसुनवाई में जनपद के सीईओ के खिलाफ शराब के नशे में जांच करने की शिकायत की.

HARDA PUBLIC HEARING
दिव्यांग ने सीईओ पर लगाया घूस लेने का आरोप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 21, 2025, 10:04 PM IST

हरदा: जिले में जनसुनवाई के दौरान एक हैरान करने वाली बात सामने आई है, जहां एक दिव्यांग ने जनपद पंचायत के सीईओ पर शराब के नशे में जांच करने और रिश्वत लेकर काम नहीं करने का आरोप लगाया है. दिव्यांग राकेश सिंह का आरोप है कि उसने घर के बाहर आने-जाने का स्लोप बनाया था, लेकिन कुछ लोगों ने अतिक्रमण बताकर इसकी शिकायत सरपंच सचिव से की. जिसके बाद स्लोप को तोड़ दिया गया. कलेक्टर के द्वारा जांच के आदेश देने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया स्लोप

दरअसल, पूरा मामला जिले के धुरगाड़ा गांव का है, जहां दिव्यांग राकेश सिंह ने करीब दो महीने पहले घर के सामने स्लोप बनाया था. हालांकि गांव के लोगों ने इसको अतिक्रमण बताकर सरपंच सचिव से शिकायत की. जिसके बाद उसको तोड़ दिया गया. दिव्यांग राकेश ने एक महीने पहले जनसुनवाई में पहुंच कर कलेक्टर से इसकी शिकायत की. जिसमें कहा कि झूठी शिकायत पर मेरे स्लोप को तोड़ दिया गया. इसको फिर से बनवा दिया जाए.

जनसुनवाई में फरियादी में जमकर किया हंगामा (ETV Bharat)

शराब के नशे में जांच करने पहुंचे सीईओ

कलेक्टर ने जनपद पंचायत के सीईओ बलवान मवासे को जांच करने का आदेश दिया था. लेकिन स्लोप फिर से नहीं बनाया गया. जिसके बाद दिव्यांग ने फिर से जनसुनवाई में पहुंच कर अधिकारियों को जनपद सीईओ के खिलाफ गंभीर आरोप लगाया. दिव्यांग ने कहा, " सीईओ शराब के नशे में मामले की जांच करने पहुंचे थे. सरपंच और गांव के लोगों से पैसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है."

इस पूरे मामले में सीईओ बलवान मवासे ने कहा, " राकेश ने सड़क पर अतिक्रमण किया था, जिसे तोड़ा गया था. राकेश ने मेरे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाया है. यह बिलकुल झूठ बात है, मैंने किसी से कोई घूस की रकम नहीं लिया है."

हरदा: जिले में जनसुनवाई के दौरान एक हैरान करने वाली बात सामने आई है, जहां एक दिव्यांग ने जनपद पंचायत के सीईओ पर शराब के नशे में जांच करने और रिश्वत लेकर काम नहीं करने का आरोप लगाया है. दिव्यांग राकेश सिंह का आरोप है कि उसने घर के बाहर आने-जाने का स्लोप बनाया था, लेकिन कुछ लोगों ने अतिक्रमण बताकर इसकी शिकायत सरपंच सचिव से की. जिसके बाद स्लोप को तोड़ दिया गया. कलेक्टर के द्वारा जांच के आदेश देने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया स्लोप

दरअसल, पूरा मामला जिले के धुरगाड़ा गांव का है, जहां दिव्यांग राकेश सिंह ने करीब दो महीने पहले घर के सामने स्लोप बनाया था. हालांकि गांव के लोगों ने इसको अतिक्रमण बताकर सरपंच सचिव से शिकायत की. जिसके बाद उसको तोड़ दिया गया. दिव्यांग राकेश ने एक महीने पहले जनसुनवाई में पहुंच कर कलेक्टर से इसकी शिकायत की. जिसमें कहा कि झूठी शिकायत पर मेरे स्लोप को तोड़ दिया गया. इसको फिर से बनवा दिया जाए.

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शराब के नशे में जांच करने पहुंचे सीईओ

कलेक्टर ने जनपद पंचायत के सीईओ बलवान मवासे को जांच करने का आदेश दिया था. लेकिन स्लोप फिर से नहीं बनाया गया. जिसके बाद दिव्यांग ने फिर से जनसुनवाई में पहुंच कर अधिकारियों को जनपद सीईओ के खिलाफ गंभीर आरोप लगाया. दिव्यांग ने कहा, " सीईओ शराब के नशे में मामले की जांच करने पहुंचे थे. सरपंच और गांव के लोगों से पैसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है."

इस पूरे मामले में सीईओ बलवान मवासे ने कहा, " राकेश ने सड़क पर अतिक्रमण किया था, जिसे तोड़ा गया था. राकेश ने मेरे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाया है. यह बिलकुल झूठ बात है, मैंने किसी से कोई घूस की रकम नहीं लिया है."

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