भोपाल। राजधानी के कोलार थाना क्षेत्र स्थित बैरागढ़ चीचली गांव में एक 3 वर्षीय बच्चे के अपहरण करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बच्चा बीते दिन शाम 7 बजे से ही लापता है, जिसकी तलाश देर रात तक चलती रही. इसके बाजवूद उसका कोई सुराग नहीं लगा. ग्रामीणों के मुताबिक एक सफेद कलर की क्रेटा कार उसे चीचली गांव से उठाकर ले गई है. इस दौरान पास में लगे बैरिकेड्स को तोड़ते हुए कार सीहोर रोड की तरफ गई है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सर्चिंग अभियान शुरू किया.
तीन थानों के प्रभारी सहित सीएसपी और एसपी देर रात तक बच्चे की तलाश में जुटे रहे. पास में ही जंगल होने की वजह से बच्चे को ढूंढने में सफलता नहीं मिल पाई है. चीचली गांव राजधानी के मुख्य मार्ग से 6 किलोमीटर अंदर है. इस गांव से लगा हुआ केरवा का जंगल काफी लंबे स्तर पर फैला हुआ है.
200 लोगों की टीम जुटी रही जांच में
यही वजह है कि पुलिस की कई टीमें जंगल में बच्चे की तलाश करती रही. बच्चे को ढूंढने में गांव के 200 लोगों की टीम भी रातभर जुटी रही. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आशंका है कि बच्चों का अपहरण करने वाले गिरोह ने बच्चे को किडनैप किया है. वहीं गांव में ये अफवाह है कि बच्चों की किडनी निकालने का काम कोई गिरोह कर रहा है.
पुलिस कर रही ये दावा
हालांकि पुलिस इस तरह की अफवाह से कोई इत्तेफाक नहीं रखती है. पुलिस का मानना है कि बच्चे को जल्द ढूंढ निकाला जाएगा. हबीबगंज थाना सीएसपी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि चीचली गांव में रहने वाले बच्चे के पिता फॉरेस्ट में नौकरी करते हैं. बच्चा उस वक्त गायब हुआ जब वह घर के पास स्थित एक दुकान में कुछ सामान लेने गया था. काफी देर बाद जब वह नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश की और पुलिस को उसके लापाता होने की सूचना दी.
अपहरण के पहले कुछ लोगों को पुलिस ने पीटा था
पीड़ित परिवार ने बताया कि क्षेत्र में लगातार इस तरह की बात सामने आ रही थी कि कुछ लोग बच्चों का अपहरण कर रहे हैं. इसे देखते हुए आसपास के गांव के लोग सड़कों पर हथियार लेकर घूम रहे थे. रास्ते पर आने-जाने वाले लोगों के साथ कई बार मारपीट भी कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने मारपीट करने वाले गांव वालों के खिलाफ भी कार्रवाई भी की थी. लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई के अगले दिन ही बच्चे के इस अपहरण के मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है.