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3 साल के बच्चे का किडनैप, पुलिस के साथ देर रात तक 200 से ज्यादा लोग खंगालते रहे जंगल - चीचली गांव का बच्चा

राजधानी के कोलार थाना क्षेत्र स्थित बैरागढ़ चीचली गांव में 3 वर्षीय बच्चे के अपहरण का मामला सामने आया है. देर रात तक पुलिस के साथ करीब 200 से ज्यादा लोग बच्चे को जंगल में तलाशते रहे, लेकिन उसका सुराग नहीं लगा.

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Published : Jul 15, 2019, 8:34 AM IST

भोपाल। राजधानी के कोलार थाना क्षेत्र स्थित बैरागढ़ चीचली गांव में एक 3 वर्षीय बच्चे के अपहरण करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बच्चा बीते दिन शाम 7 बजे से ही लापता है, जिसकी तलाश देर रात तक चलती रही. इसके बाजवूद उसका कोई सुराग नहीं लगा. ग्रामीणों के मुताबिक एक सफेद कलर की क्रेटा कार उसे चीचली गांव से उठाकर ले गई है. इस दौरान पास में लगे बैरिकेड्स को तोड़ते हुए कार सीहोर रोड की तरफ गई है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सर्चिंग अभियान शुरू किया.

3 साल के बच्चे का किडनैप

तीन थानों के प्रभारी सहित सीएसपी और एसपी देर रात तक बच्चे की तलाश में जुटे रहे. पास में ही जंगल होने की वजह से बच्चे को ढूंढने में सफलता नहीं मिल पाई है. चीचली गांव राजधानी के मुख्य मार्ग से 6 किलोमीटर अंदर है. इस गांव से लगा हुआ केरवा का जंगल काफी लंबे स्तर पर फैला हुआ है.

200 लोगों की टीम जुटी रही जांच में
यही वजह है कि पुलिस की कई टीमें जंगल में बच्चे की तलाश करती रही. बच्चे को ढूंढने में गांव के 200 लोगों की टीम भी रातभर जुटी रही. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आशंका है कि बच्चों का अपहरण करने वाले गिरोह ने बच्चे को किडनैप किया है. वहीं गांव में ये अफवाह है कि बच्चों की किडनी निकालने का काम कोई गिरोह कर रहा है.

पुलिस कर रही ये दावा
हालांकि पुलिस इस तरह की अफवाह से कोई इत्तेफाक नहीं रखती है. पुलिस का मानना है कि बच्चे को जल्द ढूंढ निकाला जाएगा. हबीबगंज थाना सीएसपी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि चीचली गांव में रहने वाले बच्चे के पिता फॉरेस्ट में नौकरी करते हैं. बच्चा उस वक्त गायब हुआ जब वह घर के पास स्थित एक दुकान में कुछ सामान लेने गया था. काफी देर बाद जब वह नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश की और पुलिस को उसके लापाता होने की सूचना दी.

अपहरण के पहले कुछ लोगों को पुलिस ने पीटा था
पीड़ित परिवार ने बताया कि क्षेत्र में लगातार इस तरह की बात सामने आ रही थी कि कुछ लोग बच्चों का अपहरण कर रहे हैं. इसे देखते हुए आसपास के गांव के लोग सड़कों पर हथियार लेकर घूम रहे थे. रास्ते पर आने-जाने वाले लोगों के साथ कई बार मारपीट भी कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने मारपीट करने वाले गांव वालों के खिलाफ भी कार्रवाई भी की थी. लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई के अगले दिन ही बच्चे के इस अपहरण के मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है.

भोपाल। राजधानी के कोलार थाना क्षेत्र स्थित बैरागढ़ चीचली गांव में एक 3 वर्षीय बच्चे के अपहरण करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बच्चा बीते दिन शाम 7 बजे से ही लापता है, जिसकी तलाश देर रात तक चलती रही. इसके बाजवूद उसका कोई सुराग नहीं लगा. ग्रामीणों के मुताबिक एक सफेद कलर की क्रेटा कार उसे चीचली गांव से उठाकर ले गई है. इस दौरान पास में लगे बैरिकेड्स को तोड़ते हुए कार सीहोर रोड की तरफ गई है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सर्चिंग अभियान शुरू किया.

3 साल के बच्चे का किडनैप

तीन थानों के प्रभारी सहित सीएसपी और एसपी देर रात तक बच्चे की तलाश में जुटे रहे. पास में ही जंगल होने की वजह से बच्चे को ढूंढने में सफलता नहीं मिल पाई है. चीचली गांव राजधानी के मुख्य मार्ग से 6 किलोमीटर अंदर है. इस गांव से लगा हुआ केरवा का जंगल काफी लंबे स्तर पर फैला हुआ है.

200 लोगों की टीम जुटी रही जांच में
यही वजह है कि पुलिस की कई टीमें जंगल में बच्चे की तलाश करती रही. बच्चे को ढूंढने में गांव के 200 लोगों की टीम भी रातभर जुटी रही. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आशंका है कि बच्चों का अपहरण करने वाले गिरोह ने बच्चे को किडनैप किया है. वहीं गांव में ये अफवाह है कि बच्चों की किडनी निकालने का काम कोई गिरोह कर रहा है.

पुलिस कर रही ये दावा
हालांकि पुलिस इस तरह की अफवाह से कोई इत्तेफाक नहीं रखती है. पुलिस का मानना है कि बच्चे को जल्द ढूंढ निकाला जाएगा. हबीबगंज थाना सीएसपी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि चीचली गांव में रहने वाले बच्चे के पिता फॉरेस्ट में नौकरी करते हैं. बच्चा उस वक्त गायब हुआ जब वह घर के पास स्थित एक दुकान में कुछ सामान लेने गया था. काफी देर बाद जब वह नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश की और पुलिस को उसके लापाता होने की सूचना दी.

अपहरण के पहले कुछ लोगों को पुलिस ने पीटा था
पीड़ित परिवार ने बताया कि क्षेत्र में लगातार इस तरह की बात सामने आ रही थी कि कुछ लोग बच्चों का अपहरण कर रहे हैं. इसे देखते हुए आसपास के गांव के लोग सड़कों पर हथियार लेकर घूम रहे थे. रास्ते पर आने-जाने वाले लोगों के साथ कई बार मारपीट भी कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने मारपीट करने वाले गांव वालों के खिलाफ भी कार्रवाई भी की थी. लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई के अगले दिन ही बच्चे के इस अपहरण के मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है.

Intro: ( एक्सक्लूसिव खबर )


घर के पास से बच्चे के अपहरण की आशंका के बाद देर रात तक जंगलों में होती रही सर्चिंग


भोपाल | राजधानी के कोलार थाना क्षेत्र स्थित बैरागढ़ चीचली गांव में एक 3 वर्ष के बच्चे के अपहरण करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है 3 वर्षीय वरुण मीना शाम 7:00 बजे से ही लापता है जिसकी तलाश देर रात तक चलती रही लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई है वही जानकारी मिली है कि एक सफेद कलर की क्रेटा कार उसे चीचली गांव से उठाकर ले गई है और पास में लगे ना के के वेरीकेट को तोड़ते हुए सीहोर रोड की तरफ भागी है हाला की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के आला अधिकारी भी देर रात मौके पर पहुंच गए थे बच्चे के अपहरण की सूचना मिलने के बाद तीन थानों के थाना प्रभारी सहित सीएसपी और एसपी देर रात तक बच्चे की तलाश में जुटे रहे हालांकि रात का समय और पास में ही जंगल होने की वजह से बच्चे को ढूंढने में सफलता नहीं मिल पाई है .


Body:चीचली गांव राजधानी के मुख्य मार्ग से 6 किलोमीटर अंदर है इस गांव से लगा हुआ केरवा का जंगल काफी लंबे स्तर पर फैला हुआ है यही वजह है कि पुलिस की कई टीमें जंगल में बच्चे की तलाश करती रही बच्चे को ढूंढने में गांव के 200 लोगों की टीम भी रात भर जुटी रही . ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अंदेशा है कि कुछ दिनों से बच्चों को अपहरण करने की आवाज सुनाई दे रही थी जिसमें बताया जा रहा था कि कुछ लोगों का गिरोह बच्चों का अपहरण कर रहा है और बच्चों की किडनी निकालने का काम कर रहा है हालांकि इस घटना के बाद उन्हें इस अभाव पर यकीन होने लगा है हालांकि पुलिस इस तरह की अफवाह से कोई फर्क नहीं रखती है पुलिस का मानना है कि बच्चे को जल्द ढूंढ निकाला जाएगा .


Conclusion:हबीबगंज थाना सीएसपी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि बच्चे के गुम होने की सूचना मिलने के तुरंत बाद ही पुलिस के आला अधिकारी और पूरी टीम बच्चे को ढूंढने के प्रयास में जुट गई है वही गांव के 200 लोगों का भी सहयोग बच्चे को ढूंढने में मिल रहा है आसपास जंगली क्षेत्र होने की वजह से कुछ दिक्कतें आ रही हैं हालांकि पुलिस की टीम जंगली क्षेत्र में लगातार सर्च अभियान जारी रखे हुए हैं . उन्होंने बताया कि चीचली गांव में रहने वाले विपिन मीना लाइट का काम करते हैं और उनके पिता फॉरेस्ट में नौकरी करते हैं हालांकि मीना परिवार का खेती बाड़ी का भी काम है बच्चा वरुण मीना देर शाम घर के पास दुकान से कुछ सामान लेने के लिए गया था लेकिन वह काफी देर तक जब घर नहीं लौटा तब परिवार कि लोग उसे ढूंढने निकले लेकिन जब कई घंटों के बाद भी बच्चे का पता नहीं चला तो पुलिस को सूचना दी गई है वहीं उन्होंने बच्चों के अपहरण करने वाले गिरोह की खबर पर असहमति जताते हुए कहा कि हम इस मामले में भी जांच कर रहे हैं हालांकि दो दिन पहले कुछ लोगों के ऊपर कार्यवाही की गई थी क्योंकि वह लोग इसी क्षेत्र के रहने वाले हैं और लोगों के ऊपर हमला कर रहे थे उन्हें इस बात का शक था कि जो व्यक्ति आ रहा है वह बच्चों को अपहरण कर सकता है इस मामले में भी अब जांच की जा रही है .



वही बच्चे के चाचा पवन मीना का कहना है कि बच्चा घर के पास ही खेल रहा था वह दुकान से सामान लेने के लिए गया था लेकिन काफी देर तक जब घर नहीं लौटा तो परिवार के लोग उसे ढूंढने निकले लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं मिल सका है हालांकि जानकारी मिली है कि एक सफेद कलर की क्रेटा कार उसे चिकली गांव से उठाकर ले गई है चिकनी गांव उसके पास से ही केरवा डैम के लिए एक रास्ता करता है जो सीधा सीहोर हाईवे रोड की तरफ जाता है यह गाड़ी जंगली क्षेत्र से होते हुए निकली है हालांकि आगे पुलिस के बैरिकेड लगाए गए थे क्योंकि इस रास्ते से किसी को भी आने जाने की इजाजत नहीं रहती है लेकिन गाड़ी ने उन बैरी केटों को तोड़ दिया और वहां से निकल कर भागी है सभी लोगों को शंका है कि बच्चे का अपहरण करके वही गाड़ी यहां से ले गई है हालांकि पुलिस ने चारों तरफ नाकेबंदी कर दी है लेकिन इसी बात की है कि कुछ दिनों से लगातार इस क्षेत्र में अफवाह है कि कुछ लोगों का ग्रुप बच्चों को किडनैप करने का काम कर रहा है और बच्चों की किडनी निकाल रहा है लेकिन अभी तक तो हम उसे केवल अफवाह समझ रहे थे लेकिन जिस तरह का मामला हमारे खुद के परिवार में हुआ है उससे हमें अब इस बात पर यकीन होने लगा है क्योंकि इससे पहले भी कुछ बच्चों के गुम हो जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिनका अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है .


उन्होंने बताया कि क्षेत्र में लगातार इस तरह की बात सामने आ रही थी कि कुछ लोग बच्चों का अपहरण कर रहे हैं इसे देखते हुए आसपास के गांव के लोग सड़कों पर हथियार लेकर घूम रहे थे और रास्ते पर आने जाने वाले लोगों के साथ कई बार मारपीट भी कर रहे थे जिसके बाद पुलिस ने मारपीट करने वाले गांव वालों के खिलाफ भी कार्यवाही की थी लेकिन पुलिस की इस कार्यवाही के अगले दिन ही बच्चे के इस अपहरण के मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है .
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