भोपाल 9 दिसंबर (आईएएनएस)| बुंदेलखंड को सूखा का पर्याय माना जाता है और यही इस इलाके की पहचान भी बन गया है, मगर केंद्र सरकार द्वारा मंजूर की गई केन-बेतवा लिंक परियोजना इस इलाके के माथे पर लगे सूखा के कलंक को तो दूर करेगी ही, साथ में यह भी उम्मीद जाग उठी है कि इस इलाके में खुशहाली के गीत भी गूंज सकते हैं. बुंदेलखंड मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 14 जिलों को मिलाकर बना है, इस इलाके के बड़े हिस्से की प्रमुख समस्या पानी की है. इसके चलते एक तरफ खेती पर असर होता है तो वहीं दूसरी ओर लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करनी होती है. यहां के लोगों को अरसे से केन-बेतवा लिंक परियोजना के अस्तित्व में आने का इंतजार है ताकि एक बड़ी समस्या से निजात मिल सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बुधवार को लगभग 45 हजार करोड़ की इस परियोजना को मंजूरी दे दी. इस परियोजना से जहां साढ़े 10 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी, वहीं 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिल सकेगा. इस परियोजना का सपना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था. इस परियोजना से मध्य प्रदेश के सिर्फ बुंदेलखंड के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ, निवाड़ी, दमोह, सागर और दतिया के अलावा शिवपुरी, विदिशा और रायसेन को भी लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए वरदान है और एक नया सवेरा भी है. 44 हजार 605 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के पूरा होने पर 103 मेगा वाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न होगी. परियोजना से बुंदेलखंड में भी खुशहाली और सम्पन्नता आएगी.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि परियोजना के लिये केंद्रीय समर्थन के रूप में 39 हजार 317 करोड़ रुपये, सहायक अनुदान के रूप में 36 हजार 290 करोड़ रुपये और ऋण के रूप में 3,027 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूर किया गया है. यह परियोजना भारत में नदियों को आपस में जोड़ने की अन्य परियोजनाओं का भी मार्ग प्रशस्त करेगी.
इस परियोजना के पूरा होने से मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा तथा खुशहाली आएगी. जल संकट से प्रभावित प्रदेश की 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी. परियोजना से भू-जल स्तर की स्थिति सुधरेगी.
इस परियोजना से प्रदेश के पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, सागर, दतिया, शिवपुरी, विदिशा, रायसेन जिले लाभांवित होंगे. परियोजना से 103 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा, जिसका उपयोग पूर्णरूप से मध्य प्रदेश करेगा. जल आपूर्ति होने पर बुन्देलखण्ड क्षेत्र में औद्योगीकरण एवं निवेश को बढ़ावा मिलेगा. बुन्देलखण्ड क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुन्देलखण्ड की न सिर्फ प्यास बुझेगी बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.
शर्मा ने कहा कि इस परियोजना से 44 लाख 605 करोड़ रुपये लागत से मध्य प्रदेश के खजुराहो लोकसभा समेत बुंदेलखण्ड क्षेत्र में पानी की समस्या से नागरिकों को निजात मिलेगी. लाखों लोगों की पेयजल की समस्या का समाधान होगा.
--आईएएनएस
Ken Betwa link project: सूखे बुंदेलखंड में केन-बेतवा परियोजना से जागी खुशहाली की आस - 45 हजार करोड़ की केन बेतवा लिंक परियोजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बुधवार को केन-बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दे दी है, जोकि लगभग 45 हजार करोड़ की है. जानकारी देते हुए बता दें की इस परियोजना का सपना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था.
भोपाल 9 दिसंबर (आईएएनएस)| बुंदेलखंड को सूखा का पर्याय माना जाता है और यही इस इलाके की पहचान भी बन गया है, मगर केंद्र सरकार द्वारा मंजूर की गई केन-बेतवा लिंक परियोजना इस इलाके के माथे पर लगे सूखा के कलंक को तो दूर करेगी ही, साथ में यह भी उम्मीद जाग उठी है कि इस इलाके में खुशहाली के गीत भी गूंज सकते हैं. बुंदेलखंड मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 14 जिलों को मिलाकर बना है, इस इलाके के बड़े हिस्से की प्रमुख समस्या पानी की है. इसके चलते एक तरफ खेती पर असर होता है तो वहीं दूसरी ओर लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करनी होती है. यहां के लोगों को अरसे से केन-बेतवा लिंक परियोजना के अस्तित्व में आने का इंतजार है ताकि एक बड़ी समस्या से निजात मिल सके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बुधवार को लगभग 45 हजार करोड़ की इस परियोजना को मंजूरी दे दी. इस परियोजना से जहां साढ़े 10 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी, वहीं 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिल सकेगा. इस परियोजना का सपना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था. इस परियोजना से मध्य प्रदेश के सिर्फ बुंदेलखंड के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ, निवाड़ी, दमोह, सागर और दतिया के अलावा शिवपुरी, विदिशा और रायसेन को भी लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए वरदान है और एक नया सवेरा भी है. 44 हजार 605 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के पूरा होने पर 103 मेगा वाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न होगी. परियोजना से बुंदेलखंड में भी खुशहाली और सम्पन्नता आएगी.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि परियोजना के लिये केंद्रीय समर्थन के रूप में 39 हजार 317 करोड़ रुपये, सहायक अनुदान के रूप में 36 हजार 290 करोड़ रुपये और ऋण के रूप में 3,027 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूर किया गया है. यह परियोजना भारत में नदियों को आपस में जोड़ने की अन्य परियोजनाओं का भी मार्ग प्रशस्त करेगी.
इस परियोजना के पूरा होने से मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा तथा खुशहाली आएगी. जल संकट से प्रभावित प्रदेश की 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी. परियोजना से भू-जल स्तर की स्थिति सुधरेगी.
इस परियोजना से प्रदेश के पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, सागर, दतिया, शिवपुरी, विदिशा, रायसेन जिले लाभांवित होंगे. परियोजना से 103 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा, जिसका उपयोग पूर्णरूप से मध्य प्रदेश करेगा. जल आपूर्ति होने पर बुन्देलखण्ड क्षेत्र में औद्योगीकरण एवं निवेश को बढ़ावा मिलेगा. बुन्देलखण्ड क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुन्देलखण्ड की न सिर्फ प्यास बुझेगी बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.
शर्मा ने कहा कि इस परियोजना से 44 लाख 605 करोड़ रुपये लागत से मध्य प्रदेश के खजुराहो लोकसभा समेत बुंदेलखण्ड क्षेत्र में पानी की समस्या से नागरिकों को निजात मिलेगी. लाखों लोगों की पेयजल की समस्या का समाधान होगा.
--आईएएनएस