भोपाल। राजधानी भोपाल में अपनी मांगों को लेकर करणी सेना का आंदोलन लगातार जारी है. 3 दिनों से चल रहे इस आंदोलन को लेकर सरकार और करणी सेना के पदाधिकारियों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई है. उधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री और सरकार को करणी सेना परिवार से बात करनी चाहिए. समझना चाहिए कि आखिर यह आक्रोश क्यों है और उस आक्रोश को सुनकर सरकार को जो भी लगे उस पर निर्णय लेना चाहिए. (kamalnath said government should talk)
Karni Sena Protest: भोपाल के जंबूरी मैदान से करणी सेना की ललकार, फिर गूंजे 'माई के लाल' के नारे
करणी सेना का आंदोलन सरकार के खिलाफः कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए कमलनाथ से जब करणी सेना के आंदोलन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अगर हमारी सरकार आती है तो हम उनसे बात करेंगे. मैंने पहले भी यह परंपरा बनाई थी कि सभी से बात की जाए. करणी सेना के मामले में पहले अधिकारियों के साथ मीटिंग कर लें, इसके बाद मुख्यमंत्री बात करें. करणी सेना के आंदोलन को कांग्रेस के समर्थन के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह आंदोलन बीजेपी सरकार के खिलाफ है. इसमें कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है. यह जो भी आंदोलन हो रहा है, वह समाज कर रहा है तो ऐसे में कांग्रेस इसमें क्या हस्तक्षेप कर सकती है. यदि करणी सेना के लोग हमसे बात करना चाहते हैं तो हम जरूर बात करेंगे. (karni sena movement against government)
गोविंद सिंह बोले मुझे क्यों नहीं बुलायाः नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि करणी सेना कि जो भी जनाधार वाले लोग हैं. सरकार ने उन्हें न बुलाकर सरकारी खर्चे पर मुख्यमंत्री निवास पर कार्यक्रम करा लिया था. क्या पार्टी से जुड़े लोग ही राजपूत समाज के लोग हैं, मैं असली राजपूत हूं. मुझे बुलाने में सरकार को क्या परेशानी थी. करणी सेना का विरोध जायज है, उनकी अधिकांश मांगे जायज है. उन्होंने अपने मांग पत्र में लिखा है कि जिन मांगों से किसी वर्ग का नुकसान न हो उसे मान लिया जाए. बातचीत के जरिए उनकी मांगों पर समाधान निकाला जा सकता है. बातचीत न करके टीन के चद्दर लगाकर मैदान को बंद करना आंदोलन की अनुमति न देना आखिर यह किस तरह का लोकतंत्र है. सरकार यदि उनकी वाजिब मांगों को मान लेगी तो समस्या का समाधान हो जाएगा. (Govind singh said why didnot you invite me)