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कमलनाथ सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र, मांगी आर्थिक मदद

भारी बारिश और बाढ़ के चलते प्रदेश में हुए नुकसान का आंकलन करते हुए प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने केंद्र से आर्थिक मदद मांगी है.

सीएम कमलनाथ
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Published : Oct 2, 2019, 12:28 PM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान के चलते केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आर्थिक सहायता मांगी है. जिसमें एनडीआरएफ मद में 6621.28 करोड़ की सहायता राशि मांगी है. इसके अलावा सीएम कमलनाथ ने एसडीआरएफ मद से 533 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त जारी करने की मांग की है.

mp kamalnath govenment
कमलनाथ सरकार ने केंद्र से मांगी आर्थिक मदद

प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी के अनुसार कि प्रदेश के लिए राज्य आपदा प्रबंधन के अंतर्गत वर्ष 2019-20 के लिए 1066 करोड़ रूपये स्वीकृत है .इसमें से सितम्बर महीने के मध्य तक 362 करोड़ रूपये की राशि दूसरी प्राकृतिक आपदाओं, ओला-पाला तथा राहत वितरण में खर्च की गई . वित्तीय वर्ष 2019 में केन्द्रांश के अंतर्गत 247 करोड़ की पहली किश्त जारी की गई, जिसमें पिछले वर्ष 2018-19 में दी गई 152 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केन्द्रांश राशि का समायोजन है. अत: वर्ष 2019 में प्रदेश में अब तक एसडीआरएफ में 285.50 करोड़ की राशि ही उपलब्ध है.

प्रदेश के राजस्व विभाग के अनुसार प्रदेश के 52 में से 39 जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से बहुत अधिक क्षति हुई है. राज्य में जून से सितंबर माह के बीच हुई वर्षा से लगभग 60 लाख 47 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की 16 हजार 270 करोड़ रूपये की फसल प्रभावित हुई है . इसमें लगभग 53 लाख 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत तक फसल क्षतिग्रस्त हुई है . प्रदेश में अति-वृष्टि से क्षतिग्रस्त मकानों में 55 हजार 372 पक्का-कच्चे मकान, 4 हजार 98 पक्के मकान तथा 55 हजार 267 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे मकान शामिल हैं .इसी क्रम में 3 हजार 649 झोपड़ियाँ और 3 हजार 274 पशु शेड भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान के चलते केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आर्थिक सहायता मांगी है. जिसमें एनडीआरएफ मद में 6621.28 करोड़ की सहायता राशि मांगी है. इसके अलावा सीएम कमलनाथ ने एसडीआरएफ मद से 533 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त जारी करने की मांग की है.

mp kamalnath govenment
कमलनाथ सरकार ने केंद्र से मांगी आर्थिक मदद

प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी के अनुसार कि प्रदेश के लिए राज्य आपदा प्रबंधन के अंतर्गत वर्ष 2019-20 के लिए 1066 करोड़ रूपये स्वीकृत है .इसमें से सितम्बर महीने के मध्य तक 362 करोड़ रूपये की राशि दूसरी प्राकृतिक आपदाओं, ओला-पाला तथा राहत वितरण में खर्च की गई . वित्तीय वर्ष 2019 में केन्द्रांश के अंतर्गत 247 करोड़ की पहली किश्त जारी की गई, जिसमें पिछले वर्ष 2018-19 में दी गई 152 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केन्द्रांश राशि का समायोजन है. अत: वर्ष 2019 में प्रदेश में अब तक एसडीआरएफ में 285.50 करोड़ की राशि ही उपलब्ध है.

प्रदेश के राजस्व विभाग के अनुसार प्रदेश के 52 में से 39 जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से बहुत अधिक क्षति हुई है. राज्य में जून से सितंबर माह के बीच हुई वर्षा से लगभग 60 लाख 47 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की 16 हजार 270 करोड़ रूपये की फसल प्रभावित हुई है . इसमें लगभग 53 लाख 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत तक फसल क्षतिग्रस्त हुई है . प्रदेश में अति-वृष्टि से क्षतिग्रस्त मकानों में 55 हजार 372 पक्का-कच्चे मकान, 4 हजार 98 पक्के मकान तथा 55 हजार 267 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे मकान शामिल हैं .इसी क्रम में 3 हजार 649 झोपड़ियाँ और 3 हजार 274 पशु शेड भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.

Intro:एनडीआरएफ से 6621.28 करोड़ की सहायता राशि प्रदेश को उपलब्ध कराने का किया गया अनुरोध

भोपाल | प्रदेश में हुई भारी बरसात के बाद कई जिलों में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है वहीं प्रदेश के किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार केवल राहत कार्य में ही जुटी हुई है लोगों तक सहायता राशि पहुंचाने के लिए अभी भी सरकार के पास केंद्र की ओर से किसी प्रकार की कोई मदद नहीं आई है लेकिन एक बार फिर सरकार ने केंद्र से राहत राशि देने की मांग उठाई है जिसके लिए प्रमुख सचिव के द्वारा केंद्र को पत्र भेजा गया है .

प्रदेश ने प्रदेश में अतिवर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान पर केन्द्र से एनडीआरएफ मद में 6621.28 करोड़ की केन्द्रीय सहायता राशि की माँग की है . इसके अलावा प्रदेश ने एसडीआरएफ से इस वित्त वर्ष की 533 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त भी जारी करने की माँग की है .

प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी ने बताया कि प्रदेश के लिए राज्य आपदा प्रबंधन के अंतर्गत वर्ष 2019-20 के लिए 1066 करोड़ रूपये स्वीकृत हैं .इसमें से सितम्बर मध्य तक 362 करोड़ रूपये की राशि अन्य प्राकृतिक आपदाओं, ओला-पाला तथा राहत वितरण में खर्च की गई . वित्तीय वर्ष 2019 में केन्द्रांश के अंतर्गत 247 करोड़ की पहली किश्त जारी की गई, जिसमें पिछले वर्ष 2018-19 में दी गई 152 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केन्द्रांश राशि का समायोजन है . अत: वर्ष 2019 में प्रदेश में अब तक एस.डी.आर.एफ में 285.50 करोड़ की राशि ही उपलब्ध है .
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प्रदेश के राजस्व विभाग के अनुसार प्रदेश के 52 में से 39 जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से बहुत अधिक क्षति हुई है. राज्य में जून से सितंबर माह के बीच हुई वर्षा से लगभग 60 लाख 47 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की 16 हजार 270 करोड़ रूपये की फसल प्रभावित हुई है . इसमें लगभग 53 लाख 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत तक फसल क्षतिग्रस्त हुई है . प्रदेश में अति-वृष्टि से क्षतिग्रस्त मकानों में 55 हजार 372 पक्का-कच्चे मकान, 4 हजार 98 पक्के मकान तथा 55 हजार 267 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे मकान शामिल हैं .इसी क्रम में 3 हजार 649 झोपड़ियाँ और 3 हजार 274 पशु शेड भी क्षतिग्रस्त हुए हैं .

प्रदेश में बाढ़ और आकाशीय बिजली से 674 लोगों की मृत्यु हुई, 18 लोग शारीरिक अपंगता के शिकार हुए तथा तीन लोगों को गंभीर चोटें आई हैं . लगभग 1515 दुधारू पशु, 373 भारवाही पशु तथा 3 हजार 270 मुर्गियों की क्षति हुई है .
Conclusion:
राजस्व विभाग के अनुसार प्रदेश में अति-वृष्टि से सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की राशि 2285 करोड़ रूपये आँकी गई है . फसलों की कुल क्षति का अनुमान लगभग 16 हजार 270 करोड़ रूपये है तथा फसलों के नुकसान के लिए मांगी गई सहायता राशि तीन हजार 742 करोड़ रूपये है. इसी प्रकार मकान की क्षति, लोगों और पशुओं की मृत्यु एवं अपंगता के लिए 579.96 करोड़ रूपये, रेस्क्यू आपरेशन के लिए 10.02 करोड़ रूपये, राहत शिविरों पर एक करोड़ 75 लाख रूपये, खाद्यान और मिट्टी तेल के नुकसान पर एक करोड़ 67 लाख रूपये की सहायता राशि अनुमानित है .
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