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स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द होने को लेकर SC पहुंचे कमलनाथ, EC के आदेश को दी चुनौती - सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कमलनाथ

भारत चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया था. इसी मामले में कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पढ़िए पूरी खबर...

Former Chief Minister Kamal Nath
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ
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Published : Oct 31, 2020, 10:51 PM IST

नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जहां उन्होंने भारत चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती दी है.

वकील वरुण के. चोपड़ा के माध्यम से दायर याचिका में कमलनाथ ने कहा है कि, चुनाव आयोग ने 21 अक्टूबर 2020 को उन्हें एक नोटिस जारी किया था, जिसमें 18 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक शिकायत पर आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया था.

दायर याचिका में कहा गया है कि, 'याचिकाकर्ता ने 22 अक्टूबर को अपना जवाब दाखिल किया. इसके बाद, उत्तरदाता नंबर-01 (चुनाव आयोग) ने भी आदेश याचिका 26 अक्टूबर 2020 को पारित करने से पहले ही याचिकाकर्ता को एक सुनवाई का मौका दिया था. याचिकाकर्ता को प्रचार अभियान के दौरान आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग न करने की सलाह दी गई थी.'

इससे पहले, बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी के बारे में की गई कमलनाथ द्वारा अभद्र टिप्पणी से काफी विवाद पैदा हो गया था. उन्होंने उन्हें कथित तौर पर 'आइटम' कहा था, जिससे विवाद छिड़ गया था.

कमलनाथ ने दलील दी है कि, 'चुनाव आयोग ने उन्हें बिना किसी नोटिस के मामले की सुनवाई के आदेश पारित किए है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. यह आदेश गैरकानूनी, मनमाना और अनुचित है, जो प्राकृतिक न्याय के बुनियादी नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन करता है.' जहां उन्होंने इस आदेश को खारिज किए जाने की मांग की है.

गौरतलब है कि, 30 अक्टूबर यानी शुक्रवार को भारत चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया था. आयोग ने यह फैसला कमलनाथ के खिलाफ आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने के आरोप लगने के बाद लिया था. इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ अदालत का रुख करने का फैसला लिया.

नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जहां उन्होंने भारत चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती दी है.

वकील वरुण के. चोपड़ा के माध्यम से दायर याचिका में कमलनाथ ने कहा है कि, चुनाव आयोग ने 21 अक्टूबर 2020 को उन्हें एक नोटिस जारी किया था, जिसमें 18 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक शिकायत पर आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया था.

दायर याचिका में कहा गया है कि, 'याचिकाकर्ता ने 22 अक्टूबर को अपना जवाब दाखिल किया. इसके बाद, उत्तरदाता नंबर-01 (चुनाव आयोग) ने भी आदेश याचिका 26 अक्टूबर 2020 को पारित करने से पहले ही याचिकाकर्ता को एक सुनवाई का मौका दिया था. याचिकाकर्ता को प्रचार अभियान के दौरान आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग न करने की सलाह दी गई थी.'

इससे पहले, बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी के बारे में की गई कमलनाथ द्वारा अभद्र टिप्पणी से काफी विवाद पैदा हो गया था. उन्होंने उन्हें कथित तौर पर 'आइटम' कहा था, जिससे विवाद छिड़ गया था.

कमलनाथ ने दलील दी है कि, 'चुनाव आयोग ने उन्हें बिना किसी नोटिस के मामले की सुनवाई के आदेश पारित किए है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. यह आदेश गैरकानूनी, मनमाना और अनुचित है, जो प्राकृतिक न्याय के बुनियादी नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन करता है.' जहां उन्होंने इस आदेश को खारिज किए जाने की मांग की है.

गौरतलब है कि, 30 अक्टूबर यानी शुक्रवार को भारत चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया था. आयोग ने यह फैसला कमलनाथ के खिलाफ आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने के आरोप लगने के बाद लिया था. इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ अदालत का रुख करने का फैसला लिया.

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