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तालों में ताल भोपाल ताल, बाकी सब तलैया, रानी तो कमलापति बाकी सब रनैया

भोपाल के बड़े तालाब और छोटे तालाब के बीचों बीच बना रानी कमलापति का महल खूबसूरती को दर्शाता है. आइये जानते है इस महल के बारे में....

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Published : Jan 18, 2020, 6:17 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 11:17 PM IST

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इतिहास बयान करता रानी कमलापति का महल

भोपाल। ताल तो भोपाल ताल बाकी सब तलैया, रानी तो कमलापति बाकी सब गधे गधययां, यह कहावत तो सुनी ही होगी. तो आइए दर्शन कराते हैं उसी रानी के महल की यानी कमलापति महल की.

रानी कमलापति का महल भोपाल के बड़े तालाब और छोटे तलाब के बीच में बना हुआ है. कमलापति के महल का निर्माण 1989 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित किया गया था, इस महल से दोनों झीलों का खूबसूरत मंजर साफ तौर पर देखा जा सकता है. ये महल लखोरी ईटों और मिट्टी से बना हुआ है. वहीं महल के नीचे के हिस्से में भारी भरकम पत्थरों का आधार तैयार किया गया है, ताकी झील के पानी में महल धंस न जाए.

इतिहास बयान करता रानी कमलापति का महल

इस महल की कुछ मंजिलें पानी में डूबने के कारण दिखाई नहीं देती हैं, बताया जाता है कि प्राचीन काल में महल को रोशन करने के लिए खिड़कियों और रोशनदानों में मशालें जलाकर रखी जाती थी. इसका प्रतिबिंब बड़े तालाब में जहाज की तरह दिखता था, जिसके बाद इस महल को जहाज महल भी कहा जाता है.

भोपाल। ताल तो भोपाल ताल बाकी सब तलैया, रानी तो कमलापति बाकी सब गधे गधययां, यह कहावत तो सुनी ही होगी. तो आइए दर्शन कराते हैं उसी रानी के महल की यानी कमलापति महल की.

रानी कमलापति का महल भोपाल के बड़े तालाब और छोटे तलाब के बीच में बना हुआ है. कमलापति के महल का निर्माण 1989 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित किया गया था, इस महल से दोनों झीलों का खूबसूरत मंजर साफ तौर पर देखा जा सकता है. ये महल लखोरी ईटों और मिट्टी से बना हुआ है. वहीं महल के नीचे के हिस्से में भारी भरकम पत्थरों का आधार तैयार किया गया है, ताकी झील के पानी में महल धंस न जाए.

इतिहास बयान करता रानी कमलापति का महल

इस महल की कुछ मंजिलें पानी में डूबने के कारण दिखाई नहीं देती हैं, बताया जाता है कि प्राचीन काल में महल को रोशन करने के लिए खिड़कियों और रोशनदानों में मशालें जलाकर रखी जाती थी. इसका प्रतिबिंब बड़े तालाब में जहाज की तरह दिखता था, जिसके बाद इस महल को जहाज महल भी कहा जाता है.

Intro:ताल तो भोपाल ताल बाकी सब तलैया रानी तो कमलापति बाकी सब गधे गधययां यहां यह कहावत तो आपने सुनी होगी चलिए उसी रानी के महल का दर्शन हम आपको करवाते हैं यानी रानी कमलापति के महल का


Body:रानी कमलापति का महल जो भोपाल में बड़े तालाब और छोटे तलाब के मध्य में बना हुआ है कमलापति के महल का निर्माण आज से करीब 300 वर्ष पूर्व हुआ था इस महल से दोनों झीलो का खूबसूरत मंजर देखा जा सकता है यह महल लखोरी ईटों और मिट्टी से बना हुआ है महल के नीचे के हिस्से में भारी-भरकम पत्थरों का आधार तैयार किया गया था ताकि यह झील के पानी में धसा ना जाए सात मंजिला इस महल की कुछ मंजिलें पानी में डूबने की वजह से आज दिखाई नहीं देती प्राचीन काल में रात के समय महल को रोशन करने के लिए उसकी खिड़कियों और रोशनदान में मशाले जलाकर रखी जाती थी इसका प्रतिबिंब बड़े तालाब में जहाज की तरह दिखता था तभी इसे जहाज महल भी कहा जाता था


Conclusion:इस महल को सन 1989 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित किया गया था
बाइट
सिकंदर
हिस्ट्री टेलर
Last Updated : Jan 18, 2020, 11:17 PM IST
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