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कोरोना इफेक्ट: कमलनाथ ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर दिए सुझाव - shivraj singh chouhan

कोरोना वायरस और किसानों को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सुझाव दिए हैं.

Kamal Nath wrote suggestions to Chief Minister Shivraj
कमलनाथ ने लिखे मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र लिखकर दिए सुझाव
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Published : Mar 26, 2020, 3:49 PM IST

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोनावायरस और किसानों के लिए राहत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा है. किसानों को लेकर कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से कहा है कि एक तरफ तो किसानों को फसल की कटाई में दिक्कत आ रही हैं, लेकिन फसल नष्ट होने के डर से जिन किसानों ने फसल काट ली है. उनके सामने भंडारण और विक्रय की समस्या खड़ी हो गई है. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा है कि महत्वपूर्ण पहलुओं पर अभी तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. वहीं उन्होंने किसानों को अंतरिम राहत के रूप में 7500 रूपए प्रति माह की राशि 2 माह तक देने की मांग की है.इसके अलावा कमलनाथ ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 6 सुझाव भी सरकार को दिए हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि आज प्रदेश कोरोना महामारी के कारण गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है. मध्य प्रदेश सहित पूरे भारत में 21 दिन का लाकडाउन किया गया है. इसके पहले भी प्रदेश के कई जिलों में कर्फ्यू और लॉकडाउन प्रभाव सील रहा है, जो कि अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने लिखा है कि लॉक डाउन के के चलते लोगों के सामने कई परिस्थितियां खड़ा हो गई हैं. प्रदेश के किसानों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. रबी की फसल की कटाई और विक्रय का समय शुरू हो चुका है. अनेक फसलें गेहूं, मटर, धनिया, सरसों,चना आदि कटने की स्थिति में आ चुके हैं, लेकिन लॉक डाउन के कारण फसलों की कटाई नहीं हो पा रही है और फसल खराब होने की संभावना बन गई है.

कई सब्जी उत्पादक जिलों में सब्जी को निकालकर खेतों में रखा गया है, लेकिन परिवहन व्यवस्था नहीं होने से सब्जियां सड़ने की स्थिति पहुंच रही हैं. जैसे संतरे को समय पर नहीं तोड़ा गया तो फल खराब हो जाएगा और अगर फल तोड़ भी लिया गया तो परिवहन और विक्रय के अभाव में फल सड़ जाएगा. वहीं असमय वर्षा के कारण भी स्थिति चिंतनीय हो गई है. प्रदेश के किसान भाइयों को राहत देने के लिए आवश्यक है कि प्रदेश सरकार द्वारा फलों, सब्जियों-फलों की कटाई, भंडारण, परिवहन और विक्रय के लिए किसान हितेषी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इस विषम परिस्थिति में किसानों को राहत देने के लिए अंतरिम राहत पैकेज घोषित किया जाए और प्रत्येक किसान भाई को न्यूनतम 7500 रूपए प्रति माह की राशि आगामी दो माह तक स्वीकृत कर वितरित की जाए.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोना महामारी के बीच प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को 6 सुझाव दिए गए हैं।

  • क्लीनिकल केयर के लिए एमपी के चिकित्सा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए WHO की गाइड लाइन के अनुसार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स की अनिवार्यता सुनिश्चित करना.
  • हेज्मेट सूट और N-95 मास्क की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करना.
  • हर जिले में कोरोना वायरस के लिए अलग से अस्पताल को चिह्नित करने और व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना.
  • निजी अस्पतालों को अधिग्रहित कर कोरोना के इलाज हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना.
  • कोरोना के लक्षण प्रतीत होने पर उनकी जांच के लिए हर जिले में लैब की व्यवस्था सुनिश्चित करना.
  • प्रत्येक जिले में चिन्हित अस्पताल में वेंटिलेटर एवं व्यवस्था सुनिश्चित करना.

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोनावायरस और किसानों के लिए राहत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा है. किसानों को लेकर कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से कहा है कि एक तरफ तो किसानों को फसल की कटाई में दिक्कत आ रही हैं, लेकिन फसल नष्ट होने के डर से जिन किसानों ने फसल काट ली है. उनके सामने भंडारण और विक्रय की समस्या खड़ी हो गई है. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा है कि महत्वपूर्ण पहलुओं पर अभी तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. वहीं उन्होंने किसानों को अंतरिम राहत के रूप में 7500 रूपए प्रति माह की राशि 2 माह तक देने की मांग की है.इसके अलावा कमलनाथ ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 6 सुझाव भी सरकार को दिए हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि आज प्रदेश कोरोना महामारी के कारण गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है. मध्य प्रदेश सहित पूरे भारत में 21 दिन का लाकडाउन किया गया है. इसके पहले भी प्रदेश के कई जिलों में कर्फ्यू और लॉकडाउन प्रभाव सील रहा है, जो कि अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने लिखा है कि लॉक डाउन के के चलते लोगों के सामने कई परिस्थितियां खड़ा हो गई हैं. प्रदेश के किसानों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. रबी की फसल की कटाई और विक्रय का समय शुरू हो चुका है. अनेक फसलें गेहूं, मटर, धनिया, सरसों,चना आदि कटने की स्थिति में आ चुके हैं, लेकिन लॉक डाउन के कारण फसलों की कटाई नहीं हो पा रही है और फसल खराब होने की संभावना बन गई है.

कई सब्जी उत्पादक जिलों में सब्जी को निकालकर खेतों में रखा गया है, लेकिन परिवहन व्यवस्था नहीं होने से सब्जियां सड़ने की स्थिति पहुंच रही हैं. जैसे संतरे को समय पर नहीं तोड़ा गया तो फल खराब हो जाएगा और अगर फल तोड़ भी लिया गया तो परिवहन और विक्रय के अभाव में फल सड़ जाएगा. वहीं असमय वर्षा के कारण भी स्थिति चिंतनीय हो गई है. प्रदेश के किसान भाइयों को राहत देने के लिए आवश्यक है कि प्रदेश सरकार द्वारा फलों, सब्जियों-फलों की कटाई, भंडारण, परिवहन और विक्रय के लिए किसान हितेषी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इस विषम परिस्थिति में किसानों को राहत देने के लिए अंतरिम राहत पैकेज घोषित किया जाए और प्रत्येक किसान भाई को न्यूनतम 7500 रूपए प्रति माह की राशि आगामी दो माह तक स्वीकृत कर वितरित की जाए.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कोरोना महामारी के बीच प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को 6 सुझाव दिए गए हैं।

  • क्लीनिकल केयर के लिए एमपी के चिकित्सा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए WHO की गाइड लाइन के अनुसार पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स की अनिवार्यता सुनिश्चित करना.
  • हेज्मेट सूट और N-95 मास्क की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करना.
  • हर जिले में कोरोना वायरस के लिए अलग से अस्पताल को चिह्नित करने और व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना.
  • निजी अस्पतालों को अधिग्रहित कर कोरोना के इलाज हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना.
  • कोरोना के लक्षण प्रतीत होने पर उनकी जांच के लिए हर जिले में लैब की व्यवस्था सुनिश्चित करना.
  • प्रत्येक जिले में चिन्हित अस्पताल में वेंटिलेटर एवं व्यवस्था सुनिश्चित करना.
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