भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खराब हुई सोयाबीन की फसलों का तत्काल सर्वे कर किसानों को राहत राशि देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि यह सही वक्त है, जब कांग्रेस द्वारा की गई कर्जमाफी की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए. ताकि किसानों के नुकसान की पूरी भरपाई हो सके. इसी को लेकर कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि सीहोर, देवास, हरदा, होशंगाबाद सहित प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक जिलों में पीला मोजेक रोग और तना छेदक मक्खी के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल पूरी तरह खराब हो गई हैं.
जिसके चलते किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. यह संकट इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि प्रदेश के किसान कोरोना काल में उपज की बिक्री ना होने और फसल का उचित मूल्य ना मिल पाने से पहले से ही परेशान था.
किसानों का हितैषी बनने का दावा करने वाली भाजपा सरकार विकट परिस्थितियों में भी अब तक किसानों को कोई राहत प्रदान नहीं की है, ना ही इस दिशा में कोई प्रयास किए जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसके पहले मुख्यमंत्री ने उड़द और मूंग को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा की थी, लेकिन यह घोषणा भी पूरी नहीं की गई. समय पर मक्का खरीदी ना होने के कारण मक्का किसानों को भी समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पाया. जिससे स्पष्ट है कि भाजपा सरकार की नीयत और नीति किसानों के प्रति असंवेदनशील है.
कमलनाथ ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने की शुरूआत करते हुए कई किसानों का कर्जा माफ कर दिया था. जिसके बाद जय किसान फसल ऋण माफी योजना भी भाजपा ने सरकार में आने के बाद बंद कर दी.
उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में सरकार को चाहिए कि वह कर्ज माफी की प्रक्रिया फिर से शुरू करें और जून 2020 से शुरु होने वाले तीसरे चरण के कर्ज माफी की प्रक्रिया प्रारंभ करें. उन्होंने फसल बीमा का लाभ भी किसानों को अविलंब देने की मांग की है.