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शिवराज पर कमलनाथ का पलटवार, कहा- 15 महीने में ही कर दिया 15 साल से ज्यादा का काम - Kamal Nath

लॉकडाउन के बीच मजूदूरों की घर वापसी की जा रही है. इसी बीच पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज के एक दावे को लेकर पलटवार किया है. कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार काम करे उसका गुणगान करना बंद करे. पढ़िए पूरी खबर...

Kamal Nath retaliated on CM Shivraj Singh's claim in bhopal
सीएम शिवराज सिंह के दावे पर कमलनाथ ने किया पलटवार
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Published : May 18, 2020, 4:53 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा ये दावा किया गया कि उनकी सरकार ने डेढ़ माह में गरीब, किसान और मजदूर का भाग्य उदय कर दिया. उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार से कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे तब कांग्रेस सरकार ने गरीब, किसान और मजदूरों के लिए मात्र 15 माह में ही 15 साल से ज्यादा किया और उसे अपना कर्तव्य माना, जताने का काम कभी नहीं किया और ना ही इसे प्रचार-प्रसार का माध्यम बनाया.

पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार को भी इन कामों को अपना कर्तव्य मानकर इसके गुणगान से बचने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि ऐसा करके शिवराज सरकार कहीं ना कहीं ऐसा कर उन गरीब, किसानों, मजदूर भाइयों का अपमान कर रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से कहा कि जो आप कह रहे हैं कि आपने डेढ़ माह में गरीब, किसान और मजदूर का भाग्य उदय कर दिया, कोरोना काल में इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.

कमलनाथ ने कहा कि हमने तो खाली खजाने से भी लाखों किसानों का कर्ज माफ किया. खाली खजाने का रोना तो आपके पूर्व वित्त मंत्री ही सार्वजनिक रूप से बयां करते थे. आपकी पूर्व की 15 वर्ष की सरकार में भी आप किसानों के खातों में 30 हजार करोड़ से अधिक राशि डालने का दावा करते थे, उसके बाद भी प्रदेश का किसान कर्जदार बना रहा. आपकी सरकार ने किसानों का एक रुपए का भी कर्ज माफ नहीं किया.

कमलनाथ ने कहा कि कर्ज माफी का वादा कर आप मुकर गए. हमने तो प्रदेश के लाखों किसानों का करोड़ों रुपए का कर्ज माफ किया. इसके गवाह प्रदेश के किसान खुद है. हमने किसानों को कर्ज माफी से मुक्ति दिलाई, हमने इसे अपना कर्तव्य माना, आपकी तरह हमने इसे प्रचार-प्रसार का माध्यम नहीं बनाया.

प्रदेश में वापस प्रचार-प्रसार वाली सरकार लौट आई

कमलनाथ ने कहा कि ये सही है कि प्रदेश में वापस प्रचार-प्रसार वाली सरकार लौट आई है, करेंगे थोड़ा, दिखाएंगे ज्यादा, ये वापस से शुरू हो गया है. इसके माध्यम से वापस गुमराह करने का खेल खेलेंगे. डेढ़ माह के कार्यकाल में ही घोटालों के मामले सामने आना शुरू हो गए है. ग्वालियर में आटा घोटाला, इंदौर में नकली मास्क और पीपीई खरीदी घोटाला, श्रमिकों की बस के नाम पर घोटाला. ये सही है कि जनता ने 15 माह में किसी भी घोटाले का नाम नहीं सुना था, लेकिन कोरोना के संकट में भी मात्र डेढ़ माह के कार्यकाल में ही वापस घोटाले सामने आना शुरू हो गए हैं.

शिवराज सरकार को काम कर्तव्य मानकर करना चाहिए

कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने भी 15 माह में किसानों, गरीबों, मजदूरों के खातों में लाखों रूपए की राशि कई योजनाओं के तहत डाली, गेहूं उपार्जन की राशि किसानों के खाते में डाली, आवास योजना की राशि डाली, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि हितग्राहियों को दी, विभिन्न छात्रवृत्ति की राशि डाली, लेकिन हमने ये सब हमारा कर्तव्य मान कर किया. उन्होंने कहा कि हमने किसान, मजदूर और गरीब भाइयों पर कोई एहसान नहीं किया जो इस राशि का महिमामंडन करते. इसे प्रचार-प्रचार का माध्यम बनाते. शिवराज सरकार को भी इन कामों को अपना कर्तव्य मानकर इसके गुणगान से बचना चाहिए.

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा ये दावा किया गया कि उनकी सरकार ने डेढ़ माह में गरीब, किसान और मजदूर का भाग्य उदय कर दिया. उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार से कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे तब कांग्रेस सरकार ने गरीब, किसान और मजदूरों के लिए मात्र 15 माह में ही 15 साल से ज्यादा किया और उसे अपना कर्तव्य माना, जताने का काम कभी नहीं किया और ना ही इसे प्रचार-प्रसार का माध्यम बनाया.

पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार को भी इन कामों को अपना कर्तव्य मानकर इसके गुणगान से बचने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि ऐसा करके शिवराज सरकार कहीं ना कहीं ऐसा कर उन गरीब, किसानों, मजदूर भाइयों का अपमान कर रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से कहा कि जो आप कह रहे हैं कि आपने डेढ़ माह में गरीब, किसान और मजदूर का भाग्य उदय कर दिया, कोरोना काल में इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.

कमलनाथ ने कहा कि हमने तो खाली खजाने से भी लाखों किसानों का कर्ज माफ किया. खाली खजाने का रोना तो आपके पूर्व वित्त मंत्री ही सार्वजनिक रूप से बयां करते थे. आपकी पूर्व की 15 वर्ष की सरकार में भी आप किसानों के खातों में 30 हजार करोड़ से अधिक राशि डालने का दावा करते थे, उसके बाद भी प्रदेश का किसान कर्जदार बना रहा. आपकी सरकार ने किसानों का एक रुपए का भी कर्ज माफ नहीं किया.

कमलनाथ ने कहा कि कर्ज माफी का वादा कर आप मुकर गए. हमने तो प्रदेश के लाखों किसानों का करोड़ों रुपए का कर्ज माफ किया. इसके गवाह प्रदेश के किसान खुद है. हमने किसानों को कर्ज माफी से मुक्ति दिलाई, हमने इसे अपना कर्तव्य माना, आपकी तरह हमने इसे प्रचार-प्रसार का माध्यम नहीं बनाया.

प्रदेश में वापस प्रचार-प्रसार वाली सरकार लौट आई

कमलनाथ ने कहा कि ये सही है कि प्रदेश में वापस प्रचार-प्रसार वाली सरकार लौट आई है, करेंगे थोड़ा, दिखाएंगे ज्यादा, ये वापस से शुरू हो गया है. इसके माध्यम से वापस गुमराह करने का खेल खेलेंगे. डेढ़ माह के कार्यकाल में ही घोटालों के मामले सामने आना शुरू हो गए है. ग्वालियर में आटा घोटाला, इंदौर में नकली मास्क और पीपीई खरीदी घोटाला, श्रमिकों की बस के नाम पर घोटाला. ये सही है कि जनता ने 15 माह में किसी भी घोटाले का नाम नहीं सुना था, लेकिन कोरोना के संकट में भी मात्र डेढ़ माह के कार्यकाल में ही वापस घोटाले सामने आना शुरू हो गए हैं.

शिवराज सरकार को काम कर्तव्य मानकर करना चाहिए

कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने भी 15 माह में किसानों, गरीबों, मजदूरों के खातों में लाखों रूपए की राशि कई योजनाओं के तहत डाली, गेहूं उपार्जन की राशि किसानों के खाते में डाली, आवास योजना की राशि डाली, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि हितग्राहियों को दी, विभिन्न छात्रवृत्ति की राशि डाली, लेकिन हमने ये सब हमारा कर्तव्य मान कर किया. उन्होंने कहा कि हमने किसान, मजदूर और गरीब भाइयों पर कोई एहसान नहीं किया जो इस राशि का महिमामंडन करते. इसे प्रचार-प्रचार का माध्यम बनाते. शिवराज सरकार को भी इन कामों को अपना कर्तव्य मानकर इसके गुणगान से बचना चाहिए.

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