ETV Bharat / state

बासमती GI टैग पर कमलनाथ का बयान, कहा- केंद्र में बीजेपी फिर क्यों मध्यप्रदेश की अनदेखी?

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मध्यप्रदेश के बासमती चावल की GI टैगिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. जिस पर सीएम शिवराज ने टवीट कर लिखा है कि आखिर अमरिंदर सिंह की मध्य प्रदेश के किसानों से क्या दुश्मनी है, शिवराज सिंह के आरोपों पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने पलटवार किया और बीजेपी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. पढ़िए पूरी खबर...

kamalnath
कमनलाथ
author img

By

Published : Aug 6, 2020, 5:59 PM IST

भोपाल। बासमती चावल को जीआई टैग (GI TAG) मामले में मध्यप्रदेश की सियासत में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. पंजाब की कांग्रेस सरकार ने बासमती चावल के जीआई टैग मध्य प्रदेश को मिलने पर आपत्ति जताई है. जिस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कमलनाथ को कांग्रेस को समझाना चाहिए और यह भी बताना चाहिए की, वो किसके साथ हैं. नरोत्तम मिश्रा द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और PCC चीफ कमलनाथ का बयान सामने आया है.

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, 'भाजपा हर मामले में झूठ बोलने व झूठ फैलाने में माहिर है. मध्यप्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग मिले, मैं व मेरी सरकार सदैव से इसकी पक्षधर रही और मैं आज भी इस बात का पक्षधर हूं.' उन्होंने कहा कि 'बासमती चावल को जीआई टैग मिले, इसकी शुरुआत ऐपिडा ने नवम्बर 2008 में की थी. उसके बाद 10 वर्षों तक प्रदेश में भाजपा की सरकार रही, जिसने इस लड़ाई को ठीक ढंग से नहीं लड़ा. केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकार के दौरान ही 5 मार्च 2018 को जीआई रजिस्ट्री ने मध्यप्रदेश को बासमती उत्पादक राज्य मानने से इंकार किया.'

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

कमलनाथ ने कहा कि 'हमने 15 माह की सरकार में इस लड़ाई को दमदारी से लड़ा. पंजाब के मुख्यमंत्री वहां के किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं, मैं प्रदेश के किसानों के साथ खड़ा हूं, इसमें कांग्रेस- भाजपा वाली कुछ बात नहीं है. इस हिसाब से तो केंद्र में तो वर्तमान में भाजपा की सरकार है, फिर राज्य की अनदेखी क्यों हो रही है ?'

  • मैं प्रदेश के किसानो के साथ खड़ा हूँ , सदैव उनकी लड़ाई को लड़ूँगा।

    इसमें कांग्रेस - भाजपा वाली कुछ बात नहीं है।
    इस हिसाब से तो केन्द्र में तो वर्तमान में भाजपा की सरकार है , फिर राज्य की अनदेखी क्यों हो रही है ?
    6/6

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 6, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कहां से शुरू हुआ विवाद

इससे पहले मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग न देने की मांग करते हुए पंजाब के सीएम अमरिंद सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि अगर एमपी को बासमती चावल को जीआई टैगिंग मिलने से पाकिस्तान को फायदा होगा, पंजाब के सीएम के इस पत्र का आज मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर विरोध किया , उन्होंने कहा कि, 'मैं पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग देने के मामले में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र की निंदा करता हूं और इसे राजनीति से प्रेरित मानता हूं'. शिवराज सिंह के इसी ट्वीट के बाद कमलनाथ ने अपना पक्ष रखा.

क्या है विवाद की वजह

दुनिया भर में अपनी खुशबू और स्‍वाद के लिए मशहूर बासमती चावल इन दिनों अपनी भौगोलिक पहचान का पेंच कानूनी विवाद में उलझा हुआ है. 12 साल से चल रही यह लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है. ये पूरा मामला मध्य प्रदेश बनाम सात अन्य राज्यों से जुड़ा हुआ है. इसी सिलसिले में सीएम शिवराज सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी. साथ ही उन्होंने बासमती चावल को जियोग्राफिकल इंडिकेशन यानी जीआई टैग दिलाने में मदद करने की गुहार लगाई थी. जिसके बाद बासमती चावल के जीआई टैग को लेकर पंजाब सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया है, जिसमें मध्यप्रदेश की बासमती चावल के जीआई टैग न देने की बात कही गई है.

शिवराज सरकार का दावा

इस मामले शिवराज सरकार का दावा है कि मध्यप्रदेश के कई इलाकों में परंपरागत तरीके से बासमती धान की खेती होती है. इसी आधार पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल में भौगोलिक संकेतक के लिए चेन्नई स्थित जीआई रजिस्ट्री में प्रदेश का आवेदन कराया था और सालों पुराने प्रमाणित दस्तावेज भी जुटाकर दिए थे. लेकिन, एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलमेंट अथॉरिटी) के विरोध के कारण इसे मान्यता नहीं मिल सकी, जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इसी को लेकर मध्यप्रदेश से लेकर पंजाब तक सियासी बलाव मचा हुआ है.

भोपाल। बासमती चावल को जीआई टैग (GI TAG) मामले में मध्यप्रदेश की सियासत में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. पंजाब की कांग्रेस सरकार ने बासमती चावल के जीआई टैग मध्य प्रदेश को मिलने पर आपत्ति जताई है. जिस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कमलनाथ को कांग्रेस को समझाना चाहिए और यह भी बताना चाहिए की, वो किसके साथ हैं. नरोत्तम मिश्रा द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और PCC चीफ कमलनाथ का बयान सामने आया है.

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, 'भाजपा हर मामले में झूठ बोलने व झूठ फैलाने में माहिर है. मध्यप्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग मिले, मैं व मेरी सरकार सदैव से इसकी पक्षधर रही और मैं आज भी इस बात का पक्षधर हूं.' उन्होंने कहा कि 'बासमती चावल को जीआई टैग मिले, इसकी शुरुआत ऐपिडा ने नवम्बर 2008 में की थी. उसके बाद 10 वर्षों तक प्रदेश में भाजपा की सरकार रही, जिसने इस लड़ाई को ठीक ढंग से नहीं लड़ा. केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकार के दौरान ही 5 मार्च 2018 को जीआई रजिस्ट्री ने मध्यप्रदेश को बासमती उत्पादक राज्य मानने से इंकार किया.'

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

कमलनाथ ने कहा कि 'हमने 15 माह की सरकार में इस लड़ाई को दमदारी से लड़ा. पंजाब के मुख्यमंत्री वहां के किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं, मैं प्रदेश के किसानों के साथ खड़ा हूं, इसमें कांग्रेस- भाजपा वाली कुछ बात नहीं है. इस हिसाब से तो केंद्र में तो वर्तमान में भाजपा की सरकार है, फिर राज्य की अनदेखी क्यों हो रही है ?'

  • मैं प्रदेश के किसानो के साथ खड़ा हूँ , सदैव उनकी लड़ाई को लड़ूँगा।

    इसमें कांग्रेस - भाजपा वाली कुछ बात नहीं है।
    इस हिसाब से तो केन्द्र में तो वर्तमान में भाजपा की सरकार है , फिर राज्य की अनदेखी क्यों हो रही है ?
    6/6

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 6, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कहां से शुरू हुआ विवाद

इससे पहले मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग न देने की मांग करते हुए पंजाब के सीएम अमरिंद सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि अगर एमपी को बासमती चावल को जीआई टैगिंग मिलने से पाकिस्तान को फायदा होगा, पंजाब के सीएम के इस पत्र का आज मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर विरोध किया , उन्होंने कहा कि, 'मैं पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग देने के मामले में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र की निंदा करता हूं और इसे राजनीति से प्रेरित मानता हूं'. शिवराज सिंह के इसी ट्वीट के बाद कमलनाथ ने अपना पक्ष रखा.

क्या है विवाद की वजह

दुनिया भर में अपनी खुशबू और स्‍वाद के लिए मशहूर बासमती चावल इन दिनों अपनी भौगोलिक पहचान का पेंच कानूनी विवाद में उलझा हुआ है. 12 साल से चल रही यह लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है. ये पूरा मामला मध्य प्रदेश बनाम सात अन्य राज्यों से जुड़ा हुआ है. इसी सिलसिले में सीएम शिवराज सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी. साथ ही उन्होंने बासमती चावल को जियोग्राफिकल इंडिकेशन यानी जीआई टैग दिलाने में मदद करने की गुहार लगाई थी. जिसके बाद बासमती चावल के जीआई टैग को लेकर पंजाब सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया है, जिसमें मध्यप्रदेश की बासमती चावल के जीआई टैग न देने की बात कही गई है.

शिवराज सरकार का दावा

इस मामले शिवराज सरकार का दावा है कि मध्यप्रदेश के कई इलाकों में परंपरागत तरीके से बासमती धान की खेती होती है. इसी आधार पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल में भौगोलिक संकेतक के लिए चेन्नई स्थित जीआई रजिस्ट्री में प्रदेश का आवेदन कराया था और सालों पुराने प्रमाणित दस्तावेज भी जुटाकर दिए थे. लेकिन, एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलमेंट अथॉरिटी) के विरोध के कारण इसे मान्यता नहीं मिल सकी, जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इसी को लेकर मध्यप्रदेश से लेकर पंजाब तक सियासी बलाव मचा हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.