भोपाल। इन दिनों किसानों के मुद्दे से राजनीतिक गलियारों में पारा चढ़ा हुआ है. जहां दिसंबर की सर्द हवा में नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान पिछले एक महीने से धरने पर बैठे हैं. वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसान सम्मान निधि राशि की वापसी के लिए किसानों को भेजे जा रहे नोटिस पर शिवराज सरकार पर ट्वीट कर निशाना साधा है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत चुनावों को देखते हुए पहले तो शिवराज सिंह ने खाते में किश्त की राशि डाली और अब नोटिस भेजकर सम्मान निधि वापस मांगकर किसानों का अपमान किया जा रहा है. कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार को अजब गजब की सरकार बताया है.
-
कुछ को तो जितनी राशि दी नहीं , उससे ज़्यादा वापसी का नोटिस , कुछ को झूठा आयकर दाता , कुछ को अपात्र बताकर राशि वापसी के नोटिस ?
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
किसानो का अपमान करना , दमन करना इनकी आदत बन चुका है।
">कुछ को तो जितनी राशि दी नहीं , उससे ज़्यादा वापसी का नोटिस , कुछ को झूठा आयकर दाता , कुछ को अपात्र बताकर राशि वापसी के नोटिस ?
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 25, 2020
किसानो का अपमान करना , दमन करना इनकी आदत बन चुका है।कुछ को तो जितनी राशि दी नहीं , उससे ज़्यादा वापसी का नोटिस , कुछ को झूठा आयकर दाता , कुछ को अपात्र बताकर राशि वापसी के नोटिस ?
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 25, 2020
किसानो का अपमान करना , दमन करना इनकी आदत बन चुका है।
'किसानों का दमन करना भाजपा की आदत'
कमलनाथ ने ट्वीट में शिवराज सरकार पर किसानों से सम्मान राशि से अधिक रुपये लेने का आरोप लगाया है.उन्होंने अपने ट्वीट में इस बात का जिक्र किया है कि सरकार किसानों को आयकर दाता मानकर अब सरकार इन से रुपये ले रही है. यहीं नहीं कुछ किसानों को सरकार अपात्र बताकर राशि वापसी का नोटिस भेज रही है. किसानों का दमन करना इनकी आदत बन चुकी है.
ये भी पढ़ें: पीएम किसान सम्मान निधि का रियलिटी चेक, किसी के खातों में आए पैसे, तो कई को नहीं मिली राशि
यह है पूरा मामला
शिवराज सरकार ने प्रदेश भर में हजारों किसानों को नोटिस भेजा है. इसमें राज्य शासन की ओर से किसानों से किसान सम्मान निधि की राशि को वापस लौटाने की बात कही है. कहा गया है कि वे इस किसान सम्मान निधि के पात्र नहीं है. जिस वजह से उन्हें किसान सम्मान निधि की राशि को वापस करना होगा. खास बात यह है कि नोटिस में 10 हजार लौटाने की बात कही है जबकि किसानों का दावा है कि उनके खाते में सम्मान निधि के सिर्फ 8 हजार रुपए डाले गए थे.