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जम्बूपानी में पैग पर पनिशमेंट, पकड़े गये तो लगेगा 21 हजार का जुर्माना - GRAM PANCHAYAT JAMBUPANI MP

आदिवासी बहुल जम्बूपानी गांव के लोगों ने शराबबंदी का निर्णय लिया है. सरपंच ने गांव में शराब बनाने, बेचने और पीने पर पाबंदी लगाई है.

ALCOHOL BANNED IN JAMBUPANI VILLAGE MP
ALCOHOL BANNED IN JAMBUPANI VILLAGE MP (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 22, 2024, 9:31 PM IST

Updated : Nov 22, 2024, 10:34 PM IST

बुरहानपुर: जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर आदिवासी बहुल जम्बूपानी गांव में सरपंच, सचिव सहित ग्रामीणों ने नशा मुक्ति की दिशा में सराहनीय कदम उठाया है. दरअसल गांव में शराबबंदी का निर्णय लिया है. गांव में शराब बनाने और बेचने वालों पर 21 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा. सरपंच लाल सिंह पटेल ने गांव में शराब बनाने, बेचने और पीने पर पाबंदी लगाई है.

यह तय किया गया है कि यदि कोई शराब बेचते और पीते पाया गया तो उसके खिलाफ पंचायत स्तर सहित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आरोपी के खिलाफ शाहपुर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई जाएगी. सरपंच की मौजूदगी में ग्रामीणों ने एक बैठक आयोजित की, जिसमें ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया. पहले दिन ग्रामीण आदिवासियों ने गांव में भारी मात्रा में शराब बनाने की सामग्री और महुआ नष्ट किया है.

ALCOHOL BANNED IN JAMBUPANI VILLAGE MP (Etv Bharat)

मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र के सीमावर्ती ग्राम पंचायत जम्बूपानी में रहते हैं 3500 लोग

बता दें कि ग्राम पंचायत जम्बूपानी में पांढरी, ग्राम गढ़ी, ग्राम सराय और खेड़ा फालिया आते हैं. इन गांवों की कुल आबादी 3500 है. इन गांवों में 384 मकान हैं. गांव में माध्यमिक विद्यालय. पूरा गांव आदिवासी बाहुल्य है. सरपंच की पहल पर ग्रामीण एकजुट होकर नशा मुक्त गांव बनाने के लिए आगे आए हैं. शाहपुर थाना क्षेत्र के सतपुड़ा की पहाड़ी पर बसा जम्बूपानी मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र का सीमावर्ती गांव है.

जागरूक ग्रामीणों के मुताबिक नशे की लत से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है. इतना ही नहीं शराब पीने और बेचने के दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. इससे घरेलू विवाद बढ़ रहा है. जिसको देखते हुए ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि अब गांव को पूरी तरह शराब मुक्त किया जाए. जिससे कि युवा पीढ़ी के साथ ही सभी ग्रामीणों को शराब की लत से छुटकारा मिल सके.

फैसले के बाद ग्रामीणों ने महुआ शराब बनाने वालों का नष्ट किया शराब बनाने का सामान

गुरुवार को बैठक के बाद ग्रामीणों ने महुआ शराब बनाने वालों के घर-घर जाकर उनके यहां रखा शराब बनाने का महुआ और इसको तैयार करने के सामान को नष्ट किया. लोगों को समझाइश दी गई है. सरपंच लालसिंह पटेल का कहना है "गांव में ना महुआ की शराब बेचेंगे और ना ठेके की बेचने देंगे, गांव को अब शराब मुक्त कर दिया गया है."

गांव की महिलाओं ने बुजुर्ग सरपंच के इस फैसले को बताया स्वागतयोग्य

सरपंच के इस निर्णय का शाहपुर थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने स्वागत किया है. उनका कहना है, "ऐसे निर्णय समाज हित में व्यापक बदलाव लाते हैं. इस निर्णय से गांव में सुधार होगा." इसी तरह ग्रामीण महिलाओं ने बुजुर्ग सरपंच के निर्णय को स्वागतयोग्य बताया है. उन्होंने कहा, "इससे गृह क्लेश और आपसी विवाद से छुटकारा मिलेगा. युवा पीढ़ी में जागरूकता आएगी. इस पहल से जुड़कर अन्य गांवों के जिम्मेदार नागरिकों ने भी शराबबंदी के दिशा में कदम उठाना चाहिए."

बुरहानपुर: जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर आदिवासी बहुल जम्बूपानी गांव में सरपंच, सचिव सहित ग्रामीणों ने नशा मुक्ति की दिशा में सराहनीय कदम उठाया है. दरअसल गांव में शराबबंदी का निर्णय लिया है. गांव में शराब बनाने और बेचने वालों पर 21 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा. सरपंच लाल सिंह पटेल ने गांव में शराब बनाने, बेचने और पीने पर पाबंदी लगाई है.

यह तय किया गया है कि यदि कोई शराब बेचते और पीते पाया गया तो उसके खिलाफ पंचायत स्तर सहित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आरोपी के खिलाफ शाहपुर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई जाएगी. सरपंच की मौजूदगी में ग्रामीणों ने एक बैठक आयोजित की, जिसमें ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया. पहले दिन ग्रामीण आदिवासियों ने गांव में भारी मात्रा में शराब बनाने की सामग्री और महुआ नष्ट किया है.

ALCOHOL BANNED IN JAMBUPANI VILLAGE MP (Etv Bharat)

मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र के सीमावर्ती ग्राम पंचायत जम्बूपानी में रहते हैं 3500 लोग

बता दें कि ग्राम पंचायत जम्बूपानी में पांढरी, ग्राम गढ़ी, ग्राम सराय और खेड़ा फालिया आते हैं. इन गांवों की कुल आबादी 3500 है. इन गांवों में 384 मकान हैं. गांव में माध्यमिक विद्यालय. पूरा गांव आदिवासी बाहुल्य है. सरपंच की पहल पर ग्रामीण एकजुट होकर नशा मुक्त गांव बनाने के लिए आगे आए हैं. शाहपुर थाना क्षेत्र के सतपुड़ा की पहाड़ी पर बसा जम्बूपानी मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र का सीमावर्ती गांव है.

जागरूक ग्रामीणों के मुताबिक नशे की लत से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है. इतना ही नहीं शराब पीने और बेचने के दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. इससे घरेलू विवाद बढ़ रहा है. जिसको देखते हुए ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि अब गांव को पूरी तरह शराब मुक्त किया जाए. जिससे कि युवा पीढ़ी के साथ ही सभी ग्रामीणों को शराब की लत से छुटकारा मिल सके.

फैसले के बाद ग्रामीणों ने महुआ शराब बनाने वालों का नष्ट किया शराब बनाने का सामान

गुरुवार को बैठक के बाद ग्रामीणों ने महुआ शराब बनाने वालों के घर-घर जाकर उनके यहां रखा शराब बनाने का महुआ और इसको तैयार करने के सामान को नष्ट किया. लोगों को समझाइश दी गई है. सरपंच लालसिंह पटेल का कहना है "गांव में ना महुआ की शराब बेचेंगे और ना ठेके की बेचने देंगे, गांव को अब शराब मुक्त कर दिया गया है."

गांव की महिलाओं ने बुजुर्ग सरपंच के इस फैसले को बताया स्वागतयोग्य

सरपंच के इस निर्णय का शाहपुर थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने स्वागत किया है. उनका कहना है, "ऐसे निर्णय समाज हित में व्यापक बदलाव लाते हैं. इस निर्णय से गांव में सुधार होगा." इसी तरह ग्रामीण महिलाओं ने बुजुर्ग सरपंच के निर्णय को स्वागतयोग्य बताया है. उन्होंने कहा, "इससे गृह क्लेश और आपसी विवाद से छुटकारा मिलेगा. युवा पीढ़ी में जागरूकता आएगी. इस पहल से जुड़कर अन्य गांवों के जिम्मेदार नागरिकों ने भी शराबबंदी के दिशा में कदम उठाना चाहिए."

Last Updated : Nov 22, 2024, 10:34 PM IST
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