भोपाल| ई-टेंडर घोटाले के बाद अब कमलनाथ सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन और राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना की गड़बड़ी खंगालने जा रही है. सरकार ने इसके लिए तीन मंत्रियों की एक कमेटी गठित की है जो मामले की जांच के लिए गठित आयोग के प्रतिवेदन की समीक्षा करेगी. कमेटी जांच प्रतिवेदन की कमियों को पूरा करेगी. बताया जा रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय जब इंदौर के महापौर थे, तब उनके कार्यकाल में कुछ वित्तीय अनियमित्ताएं पाई गई थी. जिसके चलके इस जांच की आंच उन तक पहुंच सकती है.
पेंशन घोटाले को लेकर कमलनाथ सरकार कार्रवाई की लंबे समय से तैयारी कर रही है. पहले भी पेंशन घोटाले से जुड़ी फाइल गायब हो चुकी थी, जिसे सरकार ने काफी मशक्कत के बाद ढूंढ निकाला. सरकार पेंशन घोटाले की जांच रिपोर्ट को बजट सत्र में विधानसभा के पटल पर रखने की तैयारी कर रही थी, लेकिन बाद में तय किया गया कि पहले जस्टिस एनके जैन की अध्यक्षता में गठित जांच आयोग द्वारा किए गए जांच प्रतिवेदन का परीक्षण कर लिया जाए. कमलनाथ सरकार ने इसके लिए तीन मंत्रियों वित्त मंत्री तरुण भनोट, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल और श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया की एक कमेटी गठित कर दी है. ये कमेटी जस्टिस एनके जैन द्वारा दी गई एक हजार पेज के जांच प्रतिवेदन का रिव्यू करेगी. इसके लिए 15 अगस्त के बाद बैठक बुलाई गई है.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में गड़बड़ी उजागर होने के बाद राज्य सरकार ने 21 दिसंबर 2012 को मामले की जांच के लिए जस्टिस एनके जैन की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित किया था. आयोग ने एक साल के अंदर ही जांच पूरी कर प्रतिवेदन तैयार कर लिया था, लेकिन बीजेपी सरकार ने इस जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.