भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने बुधवार को विधानसभा में पहला पूर्णकालिक बजट पेश किया. वित्त मंत्री तरुण भनोत ने करीब दो लाख 33 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया. बजट की कुल विनियोग राशि 233605.89 करोड़ रुपए है. वित्त मंत्री ने 214085.02 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है. बजट में विनियोग की राशि में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है तो पूंजीगत व्यय में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि सरकार ने कृषि विभाग के बजट में 66 प्रतिशत वृद्धि का दावा किया है.
कमलनाथ सरकार के बजट में कृषि और किसानों पर के अलावा महिला सशक्तिकरण, रोजगारपरक शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया गया है, लेकिन बढ़ोत्तरी के मामले में कृषि विभाग सबसे ऊपर है. वित्त मंत्री तरुण भनोट ने बताया कि कृषि विभाग के बजट में 66 फीसदी की वृद्धि की गई है.
किसानों के लिए बजट की खास बातें
- जय किसान ऋण माफी योजना के लिए 8000 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
- गेहूं पर बोनस के लिए 1600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
- कृषि क्षेत्र में रोजगार के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
- इंदिरा किसान ज्योति एवं कृषि पंप योजना के लिए 7117 करोड़ रुपये आवंटित.
- कृषि क्षेत्र में रोजगार के लिए मुख्यमंत्री बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना शुरू करने के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
- सहकारी बैंकों की स्थिति मजबूत करने के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2201 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- भावांतर भुगतान योजना के लिए 2720 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- किसानों के लिए कर्जमाफी की प्रतिबद्धता के साथ किसान सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा.
- उन्नत खेती के लिए प्रदेश के किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
- किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पशु पालकों और मछुआरों को भी मिलेगा.
- वर्ष 2018-19 में प्रदेश का कृषि बजट 37498 करोड़ रुपए था, जिसे बढ़ाकर 40599 करोड़ रुपए किया गया है.
किस विभाग को मिला कितना पैसा
- अनुसूचित जाति विभाग के लिए 22793 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- गृह विभाग के लिए 7635 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- पशु पालन विभाग के लिए 1204 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास के लिए 17186 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- नगरीय प्रशासन विकास के लिए 15665 करोड़ रुपए आवंटित.
- स्मार्ट सिटी के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- लोक निर्माण विभाग के लिए 9220 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- नर्मदा घाटी विकास के लिए 3322 करोड़ का प्रावधान.
- सिंचाई परियोजना के लिए 6877 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- पीएचई विभाग की योजनाओं के लिए 4366 करोड़ का प्रावधान.
- स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 24499 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- तकनीकी शिक्षा के लिए 1666 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- आदिम जाति कल्याण के लिए 7492 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 821 करोड़ का प्रावधान.
- चिकित्सा शिक्षा के लिए 2309 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- आयुष विभाग के लिए 482 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- महिला एवं बाल विकास के लिए 5292 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए 9888 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के लिए 1012 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग के अंतर्गत 1121 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- संस्कृति विभाग के अंतर्गत 226 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- पर्यटन विभाग के लिए 229 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- विधि एवं विधाई विभाग के लिए 2210 करोड़ रुपये का प्रावधान.
बजट से जुड़ी अन्य प्रमुख बातें
- सामाजिक न्याय विभाग का बजट करीब 43% बढ़ाया गया है. जिसमें 2891 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
- मुख्यमंत्री कमलनाथ की फ्लैगशिप योजना मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के लिए 330 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- स्वास्थ्य विभाग के बजट में 32% की वृद्धि की गई है, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए संजीवनी योजना और स्वास्थ्य का अधिकार कानून बनाया जाएगा.
- केंद्रीय पुलिस कॉल सेंटर एवं नियंत्रण कक्ष तंत्र के लिए 122 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासियों को निजी क्षेत्र में 70% रोजगार के लिए कानूनी प्रावधान किया जाएगा.
- शासकीय भूमि के बेहतर प्रबंधन हेतु लैंड मैनेजमेंट अथॉरिटी का गठन किया जाएगा.
- भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस वे के निर्माण के साथ ही सेटेलाइट टाउन का विकास इंडस्ट्रियल एरिया का विकास और ड्राई पोर्ट की व्यवस्था की जाएगी.
- जल संरक्षण के लिए 36 जिलों की 41 नदियों को पुनर्जीवित किया जाएगा.
- आवाम को पानी का अधिकार देने के लिए राइट टू वाटर के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान.
- नई एमएसएमई नीति की घोषणा के तहत 17 हजार युवाओं को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी.
- मछली पालन के लिए 16 फीसदी से ज्यादा बजट का प्रावधान किया गया है.
- गोशाला के लिए विशेष प्रावधान गोवंश आहार के लिए प्रतिदिन 20 रुपए की व्यवस्था.
- ग्वालियर-जबलपुर में डेयरी साइंस कॉलेज की स्थापना.
- भोपाल में राज्यस्तरीय हाइटेक लाइब्रेरी का निर्माण.
- भोपाल, ग्वालियर और इंदौर मेडिकल कॉलेज में नई बर्न यूनिट.
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन 300 से बढ़ाकर 600 रूपये किया गया.
- श्रमिकों के लिए नया सवेरा योजना की शुरुआत.
- शहरी आवास में रहने वालों के लिए 4200 करोड़ रुपये का प्रावधान, इसके तहत 450 वर्ग फीट और ढाई लाख रुपए अनुदान का प्रावधान. ग्रामीण क्षेत्रों में इसी योजना के लिए 1400 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- आध्यात्मिक विभाग के अंतर्गत पुजारियों के मानदेय में 3 गुना वृद्धि और पुजारी कल्याण कोष की व्यवस्था का एलान.
- मनरेगा के लिए 25100 करोड़ रुपए का प्रावधान.
- प्रदेश के 9 शहरों को आदर्श शहर बनाया जाएगा.
- प्रदेश के शहरों के मुख्य खानपान की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग की व्यवस्था.
- पुलिस फोर्स को मजबूत किया जाएगा, रानी दुर्गावती अकादमी की स्थापना की जाएगी, साइबर अपराध से निपटने के लिए नई तकनीक विकसित की जाएगी.