भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को वोटिंग होगी. मतदान से 5 दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक संदेश जारी कर अपने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि चुनाव के आखिरी दिनों में आपको अपनी पूरी ताकत लगा देनी है. और जनता तक ये संदेश पहुंचाना है, कि बीजेपी की सरकार बोली लगाकर बनाई गई नोटों की सरकार है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से संदेश के जरिए अपील करते हुए कहा कि चुनाव के आखरी दिन चल रहे हैं. सभी कार्यकर्ता आखरी दिनों में अपना घर, परिवार, काम भूलकर मतदाता तक ये बात पहुंचाएं, कि ये सरकार बोली और खरीद फरोख्त की सरकार है. ये चुनाव किसी प्रत्याशी का नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के भविष्य का चुनाव है. ये चुनाव सच्चाई और झूठ का है. ये चुनाव मध्यप्रदेश के भविष्य का चुनाव है, इसलिए जनता इन खरीद-फरोख्त करने वाले लोगों को सबक सिखाए. कमलनाथ ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सभी विधायकों पर पैसे लेकर पार्टी छोड़ने का आरोप लगाया है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी कई बार मंच से बीजेपी सरकार को नोटों की सरकार कह चुके हैं और विधायकों की बोली लगाकर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए कमलनाथ ने एक बार फिर अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है, कि वो जनता को बताएं कि किस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने नोटों के सहारे सरकार बनाई है.
कमलनाथ बीजेपी पर लगा रहे आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी पर एक बार फिर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को पता है कि चुनाव में क्या परिणाम आएंगे, इसलिए वो पहले ही बाजार में निकल गए हैं, कि जो मिले उसे खरीद लो. बीजेपी के पास बिकाऊ की राजनीति ही एक मात्र उपाय रह गई है.
'प्रजातंत्र का उत्सव बन गया खरीदी उत्सव'
कमलनाथ ने दावा करते हुए कहा कि हमारे कई विधायकों के फोन आ रहे हैं, वे बता रहे हैं कि भाजपा उन्हें पैसे का ऑफर दे रही है. एडवांस देने की बात कर रही है. आज का मतदाता बहुत समझदार है. चुनाव तो प्रजातंत्र का उत्सव होता है, लेकिन यह तो सौदेबाजी का उत्सव हो गया है. कमलनाथ ने कहा कि चुनाव प्रजातंत्र का उत्सव होता है, लेकिन उन्हें इस बात का बेहद दुख है कि यह चुनाव खरीद उत्सव और बिकाऊ उत्सव बन गया है.
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'कमलनाथ की अधिकारियों को नसीहत'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एमपी को पूरे प्रदेश में कलंकित किया जा रहा है. हमारा चुनाव भाजपा के साथ ही नहीं, बल्कि ऐसे अधिकारियों से भी है, जो भाजपा की मदद कर रहे हैं. 10 तारीख के बाद 11 भी आएगी, यह सभी अधिकारी ध्यान रखे. हमें उदाहरण देना है कि प्रदेश में कांग्रेस ऐसी राजनीति नहीं करती. बीजेपी 10 नवंबर तक इंतजार क्यों नहीं कर रही है, उसे क्या डर है. जनता जो फैसला करेगी वो सबको मंजूर होगा.
मैं मध्यप्रदेश को कभी कलंकित नहीं करूंगा: कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा, 'मैं सौदेबाजी की राजनीति में विश्वास नहीं करता. मैं चाहता तो मैं भी ऐसी राजनीति कर सकता था, लेकिन मैं मध्य प्रदेश को कभी कलंकित नहीं होने दूंगा. मैं कभी भी सौदेबाजी की राजनीति नहीं करूंगा. कांग्रेस मध्यप्रदेश में सौदेबाजी की राजनीति नहीं कर एक उदाहरण प्रस्तुत करेगी.
'सरकार में कैसे वापसी करनी है यह मैं जानता हूं'
कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा तो खुद ही कह रही है कि अभी दो-तीन विधायक और आ रहे हैं, तो क्या बगैर सौदेबाजी के आ रहे हैं. यहां तक की बीजेपी वाले, विधायकों को एडवांस पैसे देने को भी तैयार हैं. सरकार में कैसे वापसी करनी है, यह मैं जानता हूं.
मुश्किल में कांग्रेस की डगर !
कांग्रेस के लिए मुश्किल यह भी है कि अभी तक उसके चार विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. रविवार को दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए. इससे पहले, जुलाई में मंधाता से नारायण पटेल, बड़ा मलहरा से प्रद्युम्न सिंह लोधी और नेपानगर से विधायक सुमित्रा देवी कासडेकर ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे.