भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होती नजर आ रही है. जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग से मिलने के लिए समय मांगा है. जूनियर डॉक्टरों के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद मीणा ने एक वीडियो जारी कर सरकार से मिलने के लिए समय मांगा है. और चल रहे गतिरोध को खत्म करने की मांग की है
सरकार और जूनियर डॉक्टरों के बीच का विवाद थमता हुआ नजर आ रहा है. सरकार ने एस्मा लगाने के साथ ही जूनियर डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की है, तो हाईकोर्ट जबलपुर ने भी डॉक्टरों को वापस काम पर आने के लिए 24 घंटे का समय दिया है. हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि जिस तरह से डॉक्टर सिर्फ मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर स्ट्राइक पर हैं, यह निंदनीय है. ऐसे में इनको वापस काम पर आना चाहिए. यह सभी डॉक्टर काम पर लौट जाएं.हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी जूनियर डॉक्टर अपनी हड़ताल वापस लेने को तैयार नहीं हुए तो सरकार ने हॉस्टल खाली कराने के साथ ही जूनियर डॉक्टरों को आदेश ना मानने पर कार्रवाई करने के आदेश भी दे दिए हैं और कुछ डॉक्टरों को नोटिस भी जारी किए गए हैं. सरकार अपनी ओर से झुकने को तैयार नहीं थी और ना ही जूनियर डॉक्टर, ऐसे में रविवार को इस विवाद में ठहराव नजर आने लगा है. जूनियर डॉक्टर ने एक वीडियो जारी कर सरकार से मिलने का समय मांगा है. जूनियर डॉक्टरों के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद मीणा का कहना है कि वह मुख्यमंत्री और मंत्री से मुलाकात का समय चाहते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि बार-बार सरकार कह रही है कि जूनियर डॉक्टर मिलने नहीं आ रहे,जबकि सरकार की ओर से मिलने का कोई समय हमें नहीं दिया गया, हालांकि ऐसे में अब जूनियर डॉक्टर मिलने का समय चाहते हैं तो उन्हें मिलने का समय दिया जाए.साथ ही अरविंद मीणा ने कहा कि मरीजों को हो रही परेशानी से जूडा भी चिंतित है.
जूनियर डॉक्टरों ने दिए थे सामूहिक इस्तीफे
पिछले कुछ दिनों से जारी जूडा की हड़ताल से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है, सरकार के आग्रह और कोर्ट के आदेश के बावजदू भी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर डटे रहे और सरकार पर मांगों को मनवाने का दबाव बनाया और दबाव बनाने के लिए ही जूडा के सैकड़ों डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा भी दिया लेकिन अब लगता है कि जूडा कुछ नरम हुआ है.
यह थी मांगें
जूनियर डॉक्टर अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं.बता दें कि इसमें सबसे पहली मांग स्टाइपेंड बढ़ाने की है जो कि सरकार नहीं बढ़ा रही है. जूनियर डॉक्टर चाहते हैं कि सरकार 24% से अधिक उनका स्टाइपेंड बढ़ा दे. दूसरी मांग डॉक्टरों की सुरक्षा की है. वहीं अन्य मांगों में कोरोना काल में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों को सरकारी प्रशस्ति पत्र, 1 साल का जो ग्रामीण अंचल में काम करने के लिए फॉर्म भरा जाता है वह भी ना भरा जाए, खाने और रहने की सुविधाएं भी बेहतर दी जाएं, इन तमाम मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर गए हुए हैं