भोपाल। जूनियर्स डॉक्टर एसोसिएशन अपनी मांगों को पूरा करने की अपील सरकार सहित हॉस्पिटल प्रशासन से करता आ रहा है, लेकिन शिक्षाचिकित्सा मंत्री के आश्वासन के बाद भी डॉक्टर की मांगों पर ध्यान नहीं दिया. ऐसे में अब जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे हैं. संकट के इस दौर में इन डॉक्टर्स का हड़ताल पर जाना मरीजों के लिये एक बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है.
हड़ताल पर डॉक्टर्स
जूनियर डॉक्टर गुरुवार से हॉस्पिटल मे एमरजेंसी ड्यूटी सहित ओपीडी, वार्ड ड्यूटी में मरीजों का इलाज नहीं करेंगे. ऐसे मे मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था बिगड़ सकती है. इसका असर कोरोना के मरीजो पर भी पड़ सकता है. इसका विशेष असर राजधानी भोपाल के हमीदिया ओर गांधी मेडिकल कॉलेज मे देखने को मिल सकता है.
डॉक्टरों ने कही हड़ताल पर जाने की बात
डॉक्टरों ने लिखित मे प्रेस नोट जारी कर हड़ताल पर जाने की बात कही है. उनका कहना है की जूनियर डॉक्टर्स ने 12 मार्च को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के आश्वासन के बाद मरीजों के हित में अपनी हड़ताल रद्द कर दी थी. हडताल रद्द करने के 3 हफ्ते बाद तक भी जूनियर डॉक्टर्स की मांगों पर कोई अमल नहीं किया गया.
मंत्री ने दिया सिर्फ आश्वाशन
वहीं, 3 मार्च को भी प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा मंत्री से मुलाकात की गई थी. उसमे भी मंत्री जी द्वारा जूनियर डॉक्टर्स की मांगों को लेकर आश्वाशन ही दिया गया. सरकार को जूनियर डॉक्टर द्वारा विगत 5-6 माह से बार बार अपनी मांगों का आग्रह कर चुके हैं. अब कोरोना महामारी के बीच मे सरकार के रवैये के बाद हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.
बिगड़ सकते हैं हॉस्पिटलों के हालात
डॉक्टर के हड़ताल से प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के हालात बिगड़ सकते हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंदर मीणा का कहना है की सरकार लगातार डॉक्टर की मांगों को नजरअंदाज करती आ रही है. इस रवैये से सिद्ध होता है कि सरकार को अपने डॉक्टर्स की कोई परवाह नहीं है, जिसके चलते जूनियर डॉक्टर से असंतोष का माहौल है.
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आदेशों पर सरकार का ध्यान नहीं
दरअसल, डॉक्टर्स को कोरोना की सेवा करते हुए भी ना तो उचित वेतन मिल रहा है, ना ही उचित सुरक्षा एवं इलाज की व्यवस्था है. इसी के चलते हमने हमारे कई होनहार डॉक्टरों को खो दिया है. पिछले एक महीने में गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र ,कर्नाटक और दिल्ली आदि राज्यों में जूनियर डॉक्टर्स के हित में वैतन वृद्धि तथा मूलभूत सुविधाओं जैसे उचित स्वास्थ्य सुविधाएं देने के आदेश जारी किये गए हैं, लेकिन प्रदेश में इस पर ध्यान नही दिया जा रहा है.