भोपाल। कोरोना काल में जूनियर डॉक्टर भी लगातार कोविड ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे में कई समस्याओं का सामना उन्हें करना पड़ रहा है. अपनी इन्हीं समस्याओं को लेकर के अब जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन को अपनी मांगों से अवगत कराने के लिए पत्र लिखा है.
जूडा ने अपनी मांग रखते हुए कहा है कि किसी भी डॉक्टर की कोविड-19 ड्यूटी 7 दिन लगने के बाद 7 दिन के लिए ड्यूटी ऑफ दिया जाए, यदि कोई रेसिडेंट डॉक्टर कोविड-19 पॉजिटिव आता है तो उसके लिए एंटीवायरस और इलाज के लिए जरूरी दवाएं भी निशुल्क दी जाएं.
जीएमसी में कोई भी नया वार्ड या आईसीयू खोलने से पहले प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद ही उसे चालू किया जाए और बिना लक्षण वाले मरीजों का इलाज हमीदिया जैसे टर्शियरी केयर सेंटर पर बंद किया जाए, ताकि रेसिडेंट की उपलब्धता बढ़ सके और वह अधिक दक्षता से कोविड और नॉन कोविड वार्डो में काम कर सकें.
जूडा का कहना है कि कोविड-19 के दौरान नॉन कोविड वार्ड में आवश्यक दवाइयों और उपकरणों की बहुत ज्यादा कमी पाई गई है, जिसके कारण मरीजों का इलाज ठीक से नहीं हो पा रहा है और हेल्थ स्टाफ के सुरक्षा के लिए भी आवश्यक सामग्री जैसे दस्ताने, मास्क,सेनेटाइजर आदि की व्यवस्था नहीं है, इस हेतु निवेदन है कि जल्द से जल्द इन व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाए.
इसके अलावा ऐसे रेसिडेंस डॉक्टर जिन को हॉस्टल रूम नहीं मिले हैं और जो रेसिडेंस हॉस्टल में नहीं रहे रहे हैं उनकी फीस भरने की अनिवार्यता को रद्द किया जाए और पहले साल के जूनियर डॉक्टर के रहने की उचित व्यवस्था भी की जाए. साथ ही अस्पताल में सुरक्षाकर्मियों की संख्या को बढ़ाया जाए.
इससे पहले भी जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन इन मांगों को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और डीन को पत्र लिख चुका है, पर अब तक दोनों ही ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसे लेकर एक बार फिर जुडा ने यह पत्र डीन के नाम लिखा है.