भोपाल। कोरोना महामारी में अपनी जान की परवाह किए बिना मेडिकल स्टाफ मरीजों की सेवा और इस वायरस से लड़ने में लगा हुआ है. ऐसे ही कोरोना योद्धाओं का सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मान किया. इस सम्मान समारोह से जूनियर डॉक्टर नाखुश नजर आए. क्योंकि उन्हें लगता है कि सरकार दोहरी नीति अपना रही है. जहां एक ओर वह कोरोना योद्धाओं का सम्मान कर रही है वहीं दूसरी ओर जूनियर डॉक्टर्स की मांगों को लंबे समय से अनदेखा कर रही है.
जूनियर डॉक्टरों ने किया सम्मान का बहिष्कार
अपनी नाराजगी जताने के लिए प्रदेशभर के जूनियर डॉक्टरों ने सम्मान का बहिष्कार और काली पट्टी बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन किया. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ हरीश पाठक ने कहा कि सांकेतिक प्रदर्शन हम यह बताने के लिए कर रहे है कि जूनियर डॉक्टर्स की मांगों को कोई तवज्जों नहीं दी जा रही है और दूसरी ओर यहां इस तरह का सम्मान किया जा रहा है, यह दिखावा है.
डॉ हरीश पाठक ने बताया कि पहले जब कोई भी रेसिडेंट कोविड ड्यूटी करता था तो उसे 7 दिन की छुट्टी मिलती थी जिसे अब कैंसिल कर दिया गया. इसके अलावा यदि कोई रेसिडेंट कोरोना संक्रमित होता है तो उसके इलाज, दवाइयों, इन्शुरन्स का कोई प्रावधान नहीं है. हमारी ड्यूटी बढ़ती जा रही है.
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ हरीश पाठक ने कहा कहा कि इन सब मांगों को लेकर हम कई बार ज्ञापन सौंप चुके हैं, पर अब यदि हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो हम रूटीन ओपीडी भी बंद कर देंगे.
बता दें कि सीनियर, रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ जूनियर डॉक्टर्स भी कोविड ड्यूटी में पिछले 6 महीने से लगे हुए हैं. इस दौरान जूनियर डॉक्टर्स की कई मांगें भी रही जिसे जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन में कई बार मेडिकल कॉलेज के डीन और चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सामने भी रखी हैं.