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झाबुआ में गिट्टी-गारे पर लगा सरकारी दफ्तर, 1 हजार के लिए 'लाडली बहना' पहुंची पहाड़ पर - लाडली बहना योजना

झाबुआ से एक ऐसी तस्वीर हम आपको दिखा रहे हैं जहां सरकारी दफ्तर गिट्टी-गारे पर जमा हुआ दिखाई दे रहा है. हाल ही में शुरू हुई लाडली बहना योजना के लिए ये दफ्तर यहां लगाया गया है . ताकि सरकारी कवायद पूरी करने के साथ बहनों के खाते में एक हजार रुपए समय से ट्रांसफर हो सकें . इस एक तस्वीर से समझिए योजना के एलान और सिस्टम की चुनौतियों को.

jhabua government office on mountain
झाबुआ में गिट्टी गारे पर लगा सरकारी दफ्तर
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Published : Mar 17, 2023, 4:27 PM IST

भोपाल/झाबुआ। मध्यप्रदेश सरकार की लाडली बहना योजना के एलान के बाद जिस तादात में बहनों की उम्मीदें बढ़ी हैं उसी हिसाब से बढ़ गई हैं सरकारी सिस्टम में बैठे कर्मचारियों की चुनौतियां. आपको ये दिखाई भले न दे रहा हो लेकिन ये सबकुछ इस एक तस्वीर में दर्ज है. आम होते हुए भी बेहद खास है ये तस्वीर जो हम आपको दिखा रहे हैं. झाबुआ जिले की एक पहाड़ तक सरकार के कारिंदे और सरकार की योजना के दायरे में आने वाली ये बहनें इस उम्मीद में चली आई हैं कि उन्हें नेटवर्क मिल जाएगा. नेटवर्क की कनेक्टिविटी मिली तो बहनों के खाते में 1 हजार कैश भी आ जाएगा. बता दें कि ये सारी कवायद लाडली बहना योजना का लाभ दिलाने के लिए की जा रही है.

सरकार का एलान कर्मचारी का इम्तेहान: सरकार में किए गए एलान किस तरह से कर्मचारियों के लिए इम्तेहान बनते हैं उसकी मिसाल झाबुआ जिले की ये तस्वीर है. पेटलावद की ग्राम पंचायत मोहकमपुरा के चंद्रगढ़ गांव से एक तस्वीर सामने आई है जहां गिट्टी-गारे पर पूरा दफ्तर जमा है. आपके जहन में ये सवाल जरूर आया होगा कि गिट्टी-गारे पर इस तरह से बैठक करने की वजह क्या है? दरअसल नेटवर्क की वजह से ये सरकारी दफ्तर लैपटॉप के साथ इस पहाड़ी तक चला आया है. नेटवर्क यहां आकर मिला तो लाडली बहना योजना के लिए जरुरी जानकारियां पोर्टल पर अपडेट करने के लिए कर्मचारी यहां तक चले आए. पूरे झाबुआ जिले में लाडली बहना योजना को लेकर ये अभियान चल रहा है. महिलाएं भी 1 हजार महीने मिल पाने की आस में कर्मचारियों के साथ चल रहे दफ्तर के पीछे-पीछे यहां तक चली आईं.

लाडली बहना योजना से जुड़ी खबरें यहां पढ़ें...

बहन के खाते में 1 हजार लेकिन शर्तें कई हैं: शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना के जरिए आर्थिक रुप से कमजोर युवतियों और महिलाओं को सशक्त और स्वतंत्र बनाने की योजना है. सरकार इस योजना में अगले 5 साल में 60 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है. हालांकि योजना को लेकर शर्तें कई हैं. इस योजना में आयु वर्ग 23 से 60 साल का है. इसमें गरीब और निम्न मद्यवमवर्गीय की महिलाएं हीं इसकी पात्र होंगी. पात्रता के लिए बहन के परिवार की आय ढाई लाख रुपए से कम होनी चाहिए. कृषि भूमि भी 5 एकड़ से कम होनी चाहिए. सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग की सभी महिलाओं को इस योजना के लिए पात्र की श्रेणी में रखा है.

भोपाल/झाबुआ। मध्यप्रदेश सरकार की लाडली बहना योजना के एलान के बाद जिस तादात में बहनों की उम्मीदें बढ़ी हैं उसी हिसाब से बढ़ गई हैं सरकारी सिस्टम में बैठे कर्मचारियों की चुनौतियां. आपको ये दिखाई भले न दे रहा हो लेकिन ये सबकुछ इस एक तस्वीर में दर्ज है. आम होते हुए भी बेहद खास है ये तस्वीर जो हम आपको दिखा रहे हैं. झाबुआ जिले की एक पहाड़ तक सरकार के कारिंदे और सरकार की योजना के दायरे में आने वाली ये बहनें इस उम्मीद में चली आई हैं कि उन्हें नेटवर्क मिल जाएगा. नेटवर्क की कनेक्टिविटी मिली तो बहनों के खाते में 1 हजार कैश भी आ जाएगा. बता दें कि ये सारी कवायद लाडली बहना योजना का लाभ दिलाने के लिए की जा रही है.

सरकार का एलान कर्मचारी का इम्तेहान: सरकार में किए गए एलान किस तरह से कर्मचारियों के लिए इम्तेहान बनते हैं उसकी मिसाल झाबुआ जिले की ये तस्वीर है. पेटलावद की ग्राम पंचायत मोहकमपुरा के चंद्रगढ़ गांव से एक तस्वीर सामने आई है जहां गिट्टी-गारे पर पूरा दफ्तर जमा है. आपके जहन में ये सवाल जरूर आया होगा कि गिट्टी-गारे पर इस तरह से बैठक करने की वजह क्या है? दरअसल नेटवर्क की वजह से ये सरकारी दफ्तर लैपटॉप के साथ इस पहाड़ी तक चला आया है. नेटवर्क यहां आकर मिला तो लाडली बहना योजना के लिए जरुरी जानकारियां पोर्टल पर अपडेट करने के लिए कर्मचारी यहां तक चले आए. पूरे झाबुआ जिले में लाडली बहना योजना को लेकर ये अभियान चल रहा है. महिलाएं भी 1 हजार महीने मिल पाने की आस में कर्मचारियों के साथ चल रहे दफ्तर के पीछे-पीछे यहां तक चली आईं.

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बहन के खाते में 1 हजार लेकिन शर्तें कई हैं: शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना के जरिए आर्थिक रुप से कमजोर युवतियों और महिलाओं को सशक्त और स्वतंत्र बनाने की योजना है. सरकार इस योजना में अगले 5 साल में 60 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है. हालांकि योजना को लेकर शर्तें कई हैं. इस योजना में आयु वर्ग 23 से 60 साल का है. इसमें गरीब और निम्न मद्यवमवर्गीय की महिलाएं हीं इसकी पात्र होंगी. पात्रता के लिए बहन के परिवार की आय ढाई लाख रुपए से कम होनी चाहिए. कृषि भूमि भी 5 एकड़ से कम होनी चाहिए. सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग की सभी महिलाओं को इस योजना के लिए पात्र की श्रेणी में रखा है.

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