भोपाल। 21 अक्टूबर को होने जा रहे झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर प्रदेश भर की नजर है. ये उपचुनाव कमलनाथ सरकार के 10 महीने के कार्यकाल पर जनता की संतुष्टि का पैमाना बताएगा. कांग्रेस आर-पार की लड़ाई लड़ रही है. अगर वो यह चुनाव जीतती है, तो उसका संख्या बल मजबूत होगा.
कांग्रेस के प्रवक्ता मिथुन सिंह अहिरवार का कहना है कि झाबुआ का उपचुनाव निश्चित रूप से उनकी पार्टी ही जीत रही है. उपचुनाव उनके लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा है.उन्होंने कहा कि उनकी संख्या सदन में 121 हुआ करती थी, बाद में भाजपा के दो विधायक आने से 123 हो गई और अब 124 होने वाली है. भूरिया जी बड़े कद के नेता हैं, उनके मंत्रिमंडल में शामिल करना है या नहीं. ये विशेषाधिकार मुख्यमंत्री कमलनाथ का है.
बीजेपी लगातार कांग्रेस की सरकार को अस्थिर बताती आई है हाल ही में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना था कि दीवाली बाद शिवराज सिंह फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे, इसके अलावा भी बीजेपी के कई नेता अलग अलग जगहों पर ऐसी बात कर चुके हैं, अब ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि किसकी सरकार बनती है या फिर वर्तमान सरकार ही पूरे पांच साल प्रदेश पर राज करेगी.