भोपाल। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान मोर्चा की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर जमकर हंगामा हुआ और हिंसा भड़क गई थी. किसान आंदोलन में भड़की हिंसा पर नेताओं के बयान लगातार सामने आ रहे हैं. वहीं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने किसान परेड में भड़की हिंसा को मोदी सरकार की असफलता बताया है. कांग्रेस का कहना है कि जो कुछ हुआ है, उसमें आंदोलन कर रहे किसान संयुक्त मोर्चा का कोई लेना देना नहीं है. इस पूरे घटनाक्रम में षड्यंत्र की बू आती है.
दिल्ली की घटना किसान आंदोलन को फेल करने की साजिश
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुए घटनाक्रम को कांग्रेस सत्ताधारी दल बीजेपी की साजिश मान रही है. जीतू पटवारी का कहना है कि करीब 2 महीने से आंदोलन कर रहे किसानों की एक तो सुनी नहीं जा रही है और दूसरी तरफ आंदोलन को हिंसक बनाने के लिए साजिश रची जा रही है. पूर्व मंत्री ने कहा कि किसान कानून को लेकर जो आंदोलन चल रहा है, उस मोर्चे का लाल किले पर हुए हंगामे से कोई लेना देना नहीं है. यह पूरी तरह सरकार की असफलता है.
जीतू पटवारी ने कहा कि किसान आंदोलन 60 दिन में 70 लोगों की शहादत, बीजेपी की असफलता और नरेंद्र मोदी की असफलता है. गणतंत्र दिवस पर जो घटनाएं घटी उसके बारे में संयुक्त किसान मोर्चा ने वक्तव्य जारी किया है. उस वक्तव्य के अंतर्गत जिन लोगों ने कृत्य किया है, उसकी मोर्चे ने भी निंदा की है और कांग्रेस ने भी निंदा की है. लाल किले पर हंगामे के जो फुटैज आए हैं, उसके संदर्भ में सवाल खड़ा होता है, कि ये कौन लोग थे, जो संयुक्त किसान मोर्चा के घटक नहीं हैं. वह लोग बीजेपी के नजदीकी हैं, यह वह लोग थे, जो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ फोटो खिचवाते हैं. पूर्व मंत्री ने कहा कि मैं मानता हूं कि सरकार की असफलता के साथ षड्यंत्र की बू आती है.