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8 सितंबर को झाबुआ में जयस की महापंचायत, उपचुनाव में उम्मीदवार उतारने की तैयारी में संगठन - bhopal news

8 सितंबर को झाबुआ में जय आदिवासी युवा महापंचायत करने जा रहे है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की अनदेखी से जयस नाराज चल रहा है.

8 सितंबर को झाबुआ में जयस की महापंचायत
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Published : Sep 7, 2019, 1:57 PM IST

भोपाल। जय आदिवासी युवा संगठन ' जयस ' की 8 सितंबर को झाबुआ में महापंचायत होने जा रही है. इस महापंचायत में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों के भी हजारों की संख्या में युवा पहुंच रहे हैं. वैसे तो यह महापंचायत आदिवासी युवाओं की महापंचायत है. लेकिन इस महापंचायत पर कांग्रेस की निगाहें टिकी हुई है. दरअसल जल्द ही झाबुआ में उपचुनाव होने वाला है और जयस संगठन से इन दिनों कांग्रेस से नाराज चल रहा है. ऐसी स्थिति में जयस संगठन झाबुआ में अपने प्रत्याशी को उतारने पर विचार कर सकता है.

8 सितंबर को झाबुआ में जयस की महापंचायत

जयस संगठन के मुखिया और कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा का कहना है कि कांग्रेस पर जयस संगठन ने बहुत विश्वास किया था. विधानसभा चुनाव में हमारे संगठन ने प्रदेश की 47 सीटों पर कांग्रेस की एकतरफा मदद की और उसमें से 31 सीटों पर कांग्रेस को जीत भी मिली. लेकिन चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने जिस तरह से जयस को अनदेखा किया है. वह सबके सामने हैं. लोकसभा चुनाव में हम परिणाम देख चुके हैं. उनका कहना है कि हमने एक या दो सीटें मांगी थी. कांग्रेस हमें वह भी नहीं दे पाई. लेकिन कांग्रेस अब जयस को अनदेखा कर रही है. हीरालाल का कहना है कि जयस के युवाओं को मौका दे और यदि कांग्रेस नहीं सुनेगी, तो जयस स्वतंत्र निर्णय के लिए तैयार है. झाबुआ में जयस की तरफ से उम्मीदवार मैदान में उतार सकते हैं.

डॉ. हीरालाल अलावा ने बताया कि 8 सितंबर को जयस झाबुआ में महापंचायत करने जा रहा है. जिसमें हजारों की संख्या में युवा आएंगे. उसमें राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र की भी युवा आ रहे हैं. इस महापंचायत में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वकील आनंद मोहन माथुर मुख्य अतिथि होंगे. इस महापंचायत में तय हो जाएगा कि झाबुआ उपचुनाव में जयस की तरफ से कोई चुनाव लड़ेगा या नहीं लड़ेगा.

भोपाल। जय आदिवासी युवा संगठन ' जयस ' की 8 सितंबर को झाबुआ में महापंचायत होने जा रही है. इस महापंचायत में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों के भी हजारों की संख्या में युवा पहुंच रहे हैं. वैसे तो यह महापंचायत आदिवासी युवाओं की महापंचायत है. लेकिन इस महापंचायत पर कांग्रेस की निगाहें टिकी हुई है. दरअसल जल्द ही झाबुआ में उपचुनाव होने वाला है और जयस संगठन से इन दिनों कांग्रेस से नाराज चल रहा है. ऐसी स्थिति में जयस संगठन झाबुआ में अपने प्रत्याशी को उतारने पर विचार कर सकता है.

8 सितंबर को झाबुआ में जयस की महापंचायत

जयस संगठन के मुखिया और कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा का कहना है कि कांग्रेस पर जयस संगठन ने बहुत विश्वास किया था. विधानसभा चुनाव में हमारे संगठन ने प्रदेश की 47 सीटों पर कांग्रेस की एकतरफा मदद की और उसमें से 31 सीटों पर कांग्रेस को जीत भी मिली. लेकिन चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने जिस तरह से जयस को अनदेखा किया है. वह सबके सामने हैं. लोकसभा चुनाव में हम परिणाम देख चुके हैं. उनका कहना है कि हमने एक या दो सीटें मांगी थी. कांग्रेस हमें वह भी नहीं दे पाई. लेकिन कांग्रेस अब जयस को अनदेखा कर रही है. हीरालाल का कहना है कि जयस के युवाओं को मौका दे और यदि कांग्रेस नहीं सुनेगी, तो जयस स्वतंत्र निर्णय के लिए तैयार है. झाबुआ में जयस की तरफ से उम्मीदवार मैदान में उतार सकते हैं.

डॉ. हीरालाल अलावा ने बताया कि 8 सितंबर को जयस झाबुआ में महापंचायत करने जा रहा है. जिसमें हजारों की संख्या में युवा आएंगे. उसमें राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र की भी युवा आ रहे हैं. इस महापंचायत में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वकील आनंद मोहन माथुर मुख्य अतिथि होंगे. इस महापंचायत में तय हो जाएगा कि झाबुआ उपचुनाव में जयस की तरफ से कोई चुनाव लड़ेगा या नहीं लड़ेगा.

Intro:भोपाल। जय आदिवासी युवा संगठन ' जयस ' की कल झाबुआ में महापंचायत होने जा रही है। इस महापंचायत में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों के भी युवा हजारों की संख्या में पहुंच रहे हैं। वैसे तो यह महापंचायत आदिवासी युवाओं की महापंचायत है। लेकिन इस महापंचायत पर कांग्रेस की निगाहें टिकी हुई है। दरअसल जल्द ही झाबुआ में उपचुनाव होने वाला है और जयस संगठन इन दिनों कांग्रेसी नाराज चल रहा है।ऐसी स्थिति में जयस संगठन झाबुआ में अपने प्रत्याशी को उतारने पर विचार कर सकता है। जयस संगठन का मानना है कि विधानसभा चुनाव में हमने कांग्रेस की मदद की थी। लेकिन कांग्रेस अब जयस को अनदेखा कर रही है।ऐसी स्थिति में हम झाबुआ उपचुनाव में अपना प्रत्याशी उतार सकते हैं। अगर जयस झाबुआ उपचुनाव में अलग से अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारता है।तो अपनी एक सीट बढ़ाने की कांग्रेस की कोशिशों को झटका लग सकता है।


Body:इस बारे में जयस संगठन के मुखिया और कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा का कहना है कि कांग्रेस पर जयस संगठन ने बहुत विश्वास किया था। विधानसभा चुनाव में हमारे संगठन ने प्रदेश की 47 सीटों पर कांग्रेस की एकतरफा मदद की और उसमें से 31 सीटों पर कांग्रेस जीती भी। लेकिन चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने जिस तरह से जयस को अनदेखा किया है। वह सबके सामने हैं। लोकसभा चुनाव में हम परिणाम देख चुके हैं। हमने एक या दो सीटें मांगी थी, कांग्रेस हमें वह भी नहीं दे पाई।हमने कहा था कि नए युवाओं को मौका दीजिए। हमारे संगठन में युवाओं में जोश, जुनून और जज्बा है। परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति समाप्त कर नए सिरे से समाज को नया नेतृत्व देना चाहते हैं। कांग्रेस ने लोकसभा में हमारी मांग को पूरी तरह से खारिज कर दिया, एक भी सीट नहीं दी। जिसका परिणाम कांग्रेस ने भी देखा और एक भी सीट नहीं जीती।हम कह रहे हैं कि झाबुआ उपचुनाव में भी सरकार और कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता जयस को प्राथमिकता दें। जयस के युवाओं को मौका दें और यदि कांग्रेस नहीं सुनेगी, तो जयस स्वतंत्र निर्णय के लिए तैयार है। झाबुआ में जयस की तरफ से उम्मीदवार मैदान में उतार सकते हैं।


Conclusion:डॉ हीरालाल अलावा ने बताया कि 8 सितंबर को जयस झाबुआ में महापंचायत करने जा रहा है। जिसमें हजारों की संख्या में युवा आएंगे।उसमें राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र की भी युवा आ रहे हैं। इस महापंचायत में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वकील आनंद मोहन माथुर मुख्य अतिथि होंगे। साथ ही कई ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता भी महापंचायत में आ रहे हैं,जो वन अधिकार कानून को लेकर सक्रिय हैं और आदिवासियों को पट्टा दिलाने का काम करते हैं। इस महापंचायत में तय हो जाएगा कि झाबुआ उपचुनाव में जयस की तरफ से कोई चुनाव लड़ेगा या नहीं लड़ेगा।
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