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मध्यप्रदेश में बच्चों को जापानी इंसेफेलाइटिस से बचाने की कवायद शुरू, अप्रैल से 4 जिलों में चलाया जाएगा टीकाकरण अभियान - Encephalitis Prevention and Proper Care

मध्यप्रदेश में दिमागी बुखार यानि जापानी इंसेफेलाइटिस का खतरा बना हुआ है. इस बीमारी को बढ़ने से रोकने के लिए 4 जिलों में टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है.

Japanese encephalitis threat in Madhya Pradesh
एमपी में जापानी इंसेफेलाइटिस
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Published : Mar 29, 2023, 11:45 AM IST

भोपाल। दिमागी बुखार यानि जापानी इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए अब जल्द ही मध्यप्रदेश में टीका उपलब्ध होने जा रहा है. भारत सरकार द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार प्रदेश में टीकाकरण की शुरुआत दो जिलों- रायसेन और विदिशा से की जाएगी.

मध्यप्रदेश में पसर रहा इंसेफेलाइटिस: जापानी इंसेफेलाइटिस से पीड़ित बच्चे मध्यप्रदेश में भी बड़ी संख्या में सामने आए हैं. इनके इलाज के लिए अब एक विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है. कोरोना के दौरान मध्यप्रदेश ने देश में टीकाकरण में सबसे आगे रहते हुए टॉप रैंकिंग हासिल की थी. लेकिन इस दौरान अन्य बीमारियों की ओर स्वास्थ्य विभाग का ध्यान ही नहीं गया. ऐसे में जापानी इंसेफेलाइटिस से पीड़ित बच्चों की संख्या मध्यप्रदेश में बढ़ती जा रही है. अब इसके लिए विशेष अभियान चलाए जाने की तैयारी है.

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मध्यप्रदेश के 4 जिलों में सबसे ज्यादा पीड़ित: जापानी इंसेफेलाइटिस मस्तिष्क विकार का रूप होता है. स्वास्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश में भोपाल, इंदौर, रायसेन और विदिशा में सबसे ज्यादा इस रोग से पीड़ित बच्चों को चिह्नित किया गया है. अकेले रायसेन और विदिशा में ही 5.50 लाख के करीब बच्चों का टीकाकरण होना है. एनएचएम के डायरेक्टर संतोष शुक्ला ने कहा, 'पहले फेस के तहत हम इन 4 जिलों में से सिर्फ विदिशा और रायसेन में ही टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं. अप्रैल के पहले पखवाड़े से अभियान शुरू हो जाएगा, जो लगातार जारी रहेगा.'

जापानी इंसेफेलाइटिस क्या है: जापानी इंसेफेलाइटिस मुख्य रूप से मच्छरों के संक्रमण से बच्चों के शरीर में आता है. यह गंदगी और सूअरों के आसपास पनपने वाले वायरस और मच्छरों के मिले-जुले असर के कारण होता है. 15 साल से कम उम्र के बच्चों को यह बीमारी अपनी चपेट में लेती है. जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण कई बार पीड़ित बच्चों की जान भी चली जाती है.

भोपाल। दिमागी बुखार यानि जापानी इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए अब जल्द ही मध्यप्रदेश में टीका उपलब्ध होने जा रहा है. भारत सरकार द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार प्रदेश में टीकाकरण की शुरुआत दो जिलों- रायसेन और विदिशा से की जाएगी.

मध्यप्रदेश में पसर रहा इंसेफेलाइटिस: जापानी इंसेफेलाइटिस से पीड़ित बच्चे मध्यप्रदेश में भी बड़ी संख्या में सामने आए हैं. इनके इलाज के लिए अब एक विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है. कोरोना के दौरान मध्यप्रदेश ने देश में टीकाकरण में सबसे आगे रहते हुए टॉप रैंकिंग हासिल की थी. लेकिन इस दौरान अन्य बीमारियों की ओर स्वास्थ्य विभाग का ध्यान ही नहीं गया. ऐसे में जापानी इंसेफेलाइटिस से पीड़ित बच्चों की संख्या मध्यप्रदेश में बढ़ती जा रही है. अब इसके लिए विशेष अभियान चलाए जाने की तैयारी है.

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मध्यप्रदेश के 4 जिलों में सबसे ज्यादा पीड़ित: जापानी इंसेफेलाइटिस मस्तिष्क विकार का रूप होता है. स्वास्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश में भोपाल, इंदौर, रायसेन और विदिशा में सबसे ज्यादा इस रोग से पीड़ित बच्चों को चिह्नित किया गया है. अकेले रायसेन और विदिशा में ही 5.50 लाख के करीब बच्चों का टीकाकरण होना है. एनएचएम के डायरेक्टर संतोष शुक्ला ने कहा, 'पहले फेस के तहत हम इन 4 जिलों में से सिर्फ विदिशा और रायसेन में ही टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं. अप्रैल के पहले पखवाड़े से अभियान शुरू हो जाएगा, जो लगातार जारी रहेगा.'

जापानी इंसेफेलाइटिस क्या है: जापानी इंसेफेलाइटिस मुख्य रूप से मच्छरों के संक्रमण से बच्चों के शरीर में आता है. यह गंदगी और सूअरों के आसपास पनपने वाले वायरस और मच्छरों के मिले-जुले असर के कारण होता है. 15 साल से कम उम्र के बच्चों को यह बीमारी अपनी चपेट में लेती है. जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण कई बार पीड़ित बच्चों की जान भी चली जाती है.

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