भोपाल | राजधानी स्थित राजभवन में चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्रबंधन मंडल की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता राज्यपाल लालजी टंडन ने की.बैठक के दौरान राज्यपाल ने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पूर्ण स्वायत्तता हो. मर्यादा के साथ कुलपति निर्भीक होकर स्वायत्तता का उपयोग करें. विश्वविद्यालय को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में प्रयास जरूरी हैं. इसके लिए उप समिति गठित कर कार्य-योजना प्रस्तुत की जाए. विश्वविद्यालय अपने संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करें.
उन्होंने कहा कि कौशल उन्नयन और प्रबंधन कौशल से वित्तीय स्त्रोतों में वृद्धि के लिये कार्य करें. आधुनिक परिदृश्य में विश्वविद्यालय के कार्यों का दायरा बढ़ाया जाए. विश्वविद्यालय नवाचारी सोच के साथ कार्य के लिए आगे आएं. विश्वविद्यालय की भूमि में आधुनिक कृषि चारा उत्पादन और औषधीय पौधों के उत्पादन की नवीन विधियों का प्रदर्शन किया जाए. औषधीय पौधों के उत्पादन में आय अर्जन की व्यापक संभावनाएं है. विश्व बाजार में इनकी बहुत मांग है. यह विश्वविद्यालय की आय का बहुत बड़ा स्त्रोत बन सकता है. हमें इस दिशा में प्रयास करना चाहिए.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि ग्राम विकास का आधार कृषि है और कृषि का आधार गाय है. विश्वविद्यालय को गाय नस्ल सुधार के क्षेत्र में आगे आना चाहिए. स्पर्म और एंब्रो ट्रांसप्लांट के द्वारा इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं. सही दिशा में सही तरीके से कार्य करें तो केवल 3 वर्ष के समय चक्र में गाय की नस्ल की दूध उत्पादन क्षमता को कई गुना बढ़ाया जा सकता है.