भोपाल। सरकारें बेटी बचाओ का नारा बड़े जोर शोर से लगा रही है, जबकि इन्हीं नारों के बीच बेटियों को अपनी आबरू बचाने की जद्दोजहद करनी पड़ रही है और उन्हें इंसाफ के लिए प्रदेश के मुखिया के दरबार में भी पेट्रोल लेकर जाना पड़ता है क्योंकि जिस अधिकारी को गैंगरेप मामले की जांच की जिम्मेदारी मिली थी, वही पीड़िता की अस्मत लूटने पर आमादा था, जिसके बाद भोपाल पहुंच पीड़िता ने सीएम से इंसाफ की गुहार लगाई.
दो माह पहले सागर के तीन युवकों ने पीड़िता का अपहरण कर गैंगरेप किया था, युवती के गायब होने की शिकायत परिजनों ने गोपालगंज थाने में की थी, जिसके बाद लड़की को गुजरात से बरामद किया गया था, जहां उसके साथ गैंगरेप भी हुआ था. जिसके बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी और मामले की जांच की जिम्मेदारी थाना प्रभारी अरविंद चौबे को सौंपी गई. अब पीड़िता और उसके पिता के आरोप ने इस सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिया है.
पीड़िता ने बताया कि जब उसने कोर्ट में बयान नहीं बदला तो महिला थाने में ले जाकर थाना प्रभारी अरविंद चौबे ने उसके साथ रेप करने की कोशिश की. इसकी शिकायत उसने आईजी व एसपी से की थी, पर कोई सुनवाई नहीं हुई. जबकि परिजनों का आरोप है कि एसआई प्रीति जैन ने लड़की को ढूंढ़ने की एवज में उनसे तीन लाख रूपये भी ऐंठ लिए हैं.
गैंगरेप के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन जांच के दौरान पीड़िता का पुलिस के अधिकारियों पर ऐसे आरोप लगाना व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है. गैंगरेप जैसे दर्द का दंश झेल चुकी पीड़िता और परिजनों ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है.