भोपाल। एम्स भोपाल के स्टूडेंट्स अब भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं, पिछले 6 दिनों से हड़ताल पर बैठे छात्र प्रबंधन की मनमानी के आगे विवश हैं. इनका कहना है कि जब तक इन्हें इनके काम का भुगतान नहीं किया जाता तब तक इनकी स्ट्राइक जारी रहेगी. जिसकी जिम्मेदारी एम्स और प्रबंधन की रहेगी.
स्टाइपेंड नहीं मिलने से नाराज इंटर्न डॉक्टर्स
स्टाइपेंड और कोविड के दौरान किए गए काम का भुगतान नहीं होने से एम्स के इंटर्न डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं. पिछले 6 दिनों से एम्स परिसर में बैठे इन 100 से अधिक छात्रों ने अब भूख हड़ताल शुरू कर दी है. इनका कहना है कि प्रबंधन लगातार मनमानी कर रहा है. ऐसे में इनके सामने अब भूख हड़ताल पर ही जाने का रास्ता बचा है. इंटरन डॉक्टर्स के अनुसार, इन्होंने कोविड काल के दौरान 54 दिनों तक अपनी सेवाएं दी थी और इस हिसाब से इन्हें प्रतिदिन का ₹1000 भुगतान होना था, लेकिन प्रबंधन इनके भुगतान की राशि अभी भी नहीं दे रहा. ऐसे में दीपावली का त्योहार है और उस पर इनको स्ट्राइक पर जाना पड़ा. अब यह सभी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. इनका कहना है कि आगे जो भी होता है उसकी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी.
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पल्ला झाड़ रहा प्रबंधन
वही एम्स प्रबंधन इस मामले में उच्च समिति का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ रहा है. एम्स प्रबंधन के अनुसार, यह पूरा का पूरा मामला एम्स की कमेटी का है, जिसमें भुगतान के अलग नियम होते हैं. इसके लिए ऑल ओवर इंडिया में एक कमेटी बनी है, वही इसका निर्णय लेगी। भोपाल प्रबंधन इस मामले में कुछ भी करने के लिए सक्षम नहीं है. फिलहाल छात्र हड़ताल पर हैं और इनका कहना है कि इनकी मांग नहीं मानी गई तो यह भूख हड़ताल लगातार जारी रहेगी.