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नवाचार से किया जाएगा पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए MP के 53 गांव किए गए चिन्हित - भोपाल न्यूज

पर्यटन, संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने आयोजित टूरिज्म ई-कॉन्क्लेव के समापन समारोह में शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया.

Usha Thakur joins tourism e-conclave
टूरिज्म ई-कॉन्क्लेव में शामिल हुई उषा ठाकुर
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Published : Jul 31, 2020, 2:56 PM IST

भोपाल| कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश के कई जिलों में अभी भी लॉकडाउन जारी रहने से पर्यटन उद्योग पर भी सीधा असर पड़ा है. संक्रमण के डर से पर्यटन केंद्र सूने पड़े हुए हैं, तो वहीं देश और विदेश के पर्यटक भी प्रदेश के पर्यटक स्थलों से फिलहाल दूरी बनाए हुए हैं. जिसकी वजह से इन पर्यटक स्थलों से जुड़े हुए लाखों लोगों को कई तरह की परेशानियां भी उठाना पड़ रही हैं. प्रदेश की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को उम्मीद है कि प्रदेश में नवाचार करते हुए पर्यटन उद्योग को फिर से मजबूती के साथ स्थापित किया जाएगा और प्रदेश में नए पर्यटन स्थल भी निर्मित किए जाएंगे.

टूरिज्म ई-कॉन्क्लेव में शामिल हुई उषा ठाकुर

MP के 53 गांवों को चिन्हित कर दिया जाएगा पर्यटन को बढ़ावा

Usha Thakur joins tourism e-conclave
टूरिज्म ई-कॉन्क्लेव में शामिल हुई उषा ठाकुर

पर्यटन, संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने आयोजित टूरिज्म ई-कॉन्क्लेव के समापन समारोह में भाग लेते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिये पर्यटन विभाग अनेक नवाचारों पर विचार कर रहा है. प्राकृतिक सुंदरता के साथ विविध संस्कृति और बोली से युक्त मध्यप्रदेश के 53 गांवों को चिन्हित किया गया है. इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. इससे कोविड की मार झेल रहे पर्यटन उद्योग को पुनर्वापसी में सहायता मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे.

पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर और अन्य राज्यों के मंत्री इस बात पर एकमत थे कि पड़ोसी राज्यों के परस्पर सहयोग से पर्यटन को प्रोत्साहित किया जा सकता है. मध्यप्रदेश की सीमाएं 5 राज्यों से मिलती हैं. पर्यटन मंत्री ने कहा कि हम प्रदेश में ईको टूरिज्म के साथ ही आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देंगे. मध्यप्रदेश में प्राचीन तीर्थ उज्जैन, नर्मदा उद्गम अमरकंटक, सांची, महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर आदि महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थल हैं.

पांच राज्यों के पर्यटन मंत्री टूरिज्म ई-कॉन्क्लेव में हुए शामिल

प्रदेश में सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व हैं. इनके बफर क्षेत्र में कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों के लिये सुविधाएं जुटाई जा रही हैं. कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, केरल के पर्यटन मंत्री कणाकमपल्ली सुरेन्द्रन, ओडिशा के पर्यटन मंत्री ज्योति प्रकाश पाणिग्रही, कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सीटी रवि, गुजरात के पर्यटन राज्य मंत्री वसन भाई अहीर, केन्द्रीय अतिरिक्त महानिदेशक पर्यटन रुपिन्दर बरार, फिक्की ईस्टन रीजन टूरिज्म कमेटी के अध्यक्ष सौवाग्य महोपात्र और फिक्की की पूर्व अध्यक्ष ज्योत्सना सूरी ने भी भाग लिया.

सभी राज्यों के पर्यटन मंत्री ने अपने-अपने राज्यों में पर्यटन और संभावित रणनीति के बारे में जानकारी दी है. रुपिन्दर बरार ने कहा कि देश में पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिये हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. अब तक 43 वेबिनार हो चुके हैं. नई परिस्थितियों को देखते हुए राज्यों का डाटाबेस बनाया जायेगा. भारत के प्रत्येक राज्य की संस्कृति, खान-पान, वेश-भूषा, प्राकृतिक स्थल आदि अपने आप में अनोखे हैं . पर्यटकों के लिये डिजिटल डायरी लांच की जायेगी, जो एप के रूप में उपलब्ध रहेंगी.

भोपाल| कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश के कई जिलों में अभी भी लॉकडाउन जारी रहने से पर्यटन उद्योग पर भी सीधा असर पड़ा है. संक्रमण के डर से पर्यटन केंद्र सूने पड़े हुए हैं, तो वहीं देश और विदेश के पर्यटक भी प्रदेश के पर्यटक स्थलों से फिलहाल दूरी बनाए हुए हैं. जिसकी वजह से इन पर्यटक स्थलों से जुड़े हुए लाखों लोगों को कई तरह की परेशानियां भी उठाना पड़ रही हैं. प्रदेश की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को उम्मीद है कि प्रदेश में नवाचार करते हुए पर्यटन उद्योग को फिर से मजबूती के साथ स्थापित किया जाएगा और प्रदेश में नए पर्यटन स्थल भी निर्मित किए जाएंगे.

टूरिज्म ई-कॉन्क्लेव में शामिल हुई उषा ठाकुर

MP के 53 गांवों को चिन्हित कर दिया जाएगा पर्यटन को बढ़ावा

Usha Thakur joins tourism e-conclave
टूरिज्म ई-कॉन्क्लेव में शामिल हुई उषा ठाकुर

पर्यटन, संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने आयोजित टूरिज्म ई-कॉन्क्लेव के समापन समारोह में भाग लेते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिये पर्यटन विभाग अनेक नवाचारों पर विचार कर रहा है. प्राकृतिक सुंदरता के साथ विविध संस्कृति और बोली से युक्त मध्यप्रदेश के 53 गांवों को चिन्हित किया गया है. इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. इससे कोविड की मार झेल रहे पर्यटन उद्योग को पुनर्वापसी में सहायता मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे.

पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर और अन्य राज्यों के मंत्री इस बात पर एकमत थे कि पड़ोसी राज्यों के परस्पर सहयोग से पर्यटन को प्रोत्साहित किया जा सकता है. मध्यप्रदेश की सीमाएं 5 राज्यों से मिलती हैं. पर्यटन मंत्री ने कहा कि हम प्रदेश में ईको टूरिज्म के साथ ही आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देंगे. मध्यप्रदेश में प्राचीन तीर्थ उज्जैन, नर्मदा उद्गम अमरकंटक, सांची, महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर आदि महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थल हैं.

पांच राज्यों के पर्यटन मंत्री टूरिज्म ई-कॉन्क्लेव में हुए शामिल

प्रदेश में सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व हैं. इनके बफर क्षेत्र में कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों के लिये सुविधाएं जुटाई जा रही हैं. कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, केरल के पर्यटन मंत्री कणाकमपल्ली सुरेन्द्रन, ओडिशा के पर्यटन मंत्री ज्योति प्रकाश पाणिग्रही, कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सीटी रवि, गुजरात के पर्यटन राज्य मंत्री वसन भाई अहीर, केन्द्रीय अतिरिक्त महानिदेशक पर्यटन रुपिन्दर बरार, फिक्की ईस्टन रीजन टूरिज्म कमेटी के अध्यक्ष सौवाग्य महोपात्र और फिक्की की पूर्व अध्यक्ष ज्योत्सना सूरी ने भी भाग लिया.

सभी राज्यों के पर्यटन मंत्री ने अपने-अपने राज्यों में पर्यटन और संभावित रणनीति के बारे में जानकारी दी है. रुपिन्दर बरार ने कहा कि देश में पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिये हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. अब तक 43 वेबिनार हो चुके हैं. नई परिस्थितियों को देखते हुए राज्यों का डाटाबेस बनाया जायेगा. भारत के प्रत्येक राज्य की संस्कृति, खान-पान, वेश-भूषा, प्राकृतिक स्थल आदि अपने आप में अनोखे हैं . पर्यटकों के लिये डिजिटल डायरी लांच की जायेगी, जो एप के रूप में उपलब्ध रहेंगी.

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