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Vande Bharat Sleeper: देश में लॉन्च होगी 400 स्लीपर क्लास वंदे भारत एक्सप्रेस, 220 Km प्रति घंटे होगी टॉप स्पीड

वंदे भारत एक्सप्रेस देश की हाई स्पीड ट्रेनों में से एक है. अब तक यात्रियों के लिए 8 ट्रेनों की सुविधा दी गई है, लेकिन जल्द ही ट्रेनों के कुछ कोच को स्लीपर में दबदील किया जाएगा, क्योंकि ट्रेन के स्लीपर संस्करण को 220 किमी प्रति घंटे की गति से चलने के लिए डिजाइन किया जाएगा. रेलवे ने 400 वंदे भारत ट्रेनों के लिए निविदा जारी की है और इस महीने के अंत तक काम को मंजूरी दे दी जाएगी.

Vande Bharat Sleeper Version
वंदे भारत एक्सप्रेस में स्लीपर की सुविधा
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Published : Jan 20, 2023, 1:25 PM IST

Updated : Jan 20, 2023, 2:00 PM IST

नई दिल्ली/भोपाल। रेलवे यात्रियों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर वर्जन को 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के लिए डिजाइन किया जाएगा (Vande Bharat Sleeper Version), अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एल्युमीनियम निर्मित स्लीपर वर्जन की ये ट्रेनें पटरियों पर 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. उन्होंने कहा कि चेयर कार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से शताब्दी एक्सप्रेस से बदला जाएगा, जबकि स्लीपर संस्करण राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों का विकल्प होगा.

400 ट्रेनों के लिए निविदा जारी: अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने 400 वंदे भारत ट्रेनों के लिए निविदा जारी की है और इस महीने के अंत तक काम को मंजूरी दे दी जाएगी. इस तरह की कुछ शुरुआती ट्रेनें स्वदेश निर्मित ट्रेनों का स्लीपर संस्करण भी हो सकती हैं. अधिकारी ने कहा कि चार प्रमुख घरेलू और विदेशी कंपनियां उत्पादन के लिए आगे आई हैं. योजना के मुताबिक, पहली 200 वंदे भारत ट्रेनों में शताब्दी एक्सप्रेस की तर्ज पर बैठने की व्यवस्था होगी और इसे 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करने के लिए डिजाइन किया जाएगा. लेकिन रेलवे ट्रैक की अपर्याप्त सुरक्षा और सुरक्षा को देखते हुए उनकी गति को 130 किमी प्रति घंटे तक सीमित रखा जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि ये ट्रेनें स्टील से बनेंगी.

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200 ट्रेनों को किया जाएगा स्लीपर: दूसरे चरण में 200 वंदे भारत ट्रेनें स्लीपर होंगी और इन्हें एल्युमीनियम से बनाया जाएगा. स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों का दूसरा संस्करण 200 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलेगा, इसके लिए दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता रेलवे की पटरियों की मरम्मत की जा रही है, सिग्नल सिस्टम, पुलों को ठीक किया जा रहा है और बाड़ लगाई जा रही है, काम चल रहा है. अधिकारी ने कहा, इसके अलावा दोनों रेल मार्गों पर 1,800 करोड़ रुपये की लागत से टक्कर रोधी तकनीकी कवच लगाया जा रहा है. अगले दो वर्षों में तमिलनाडु के चेन्नई में आईसीएफ, महाराष्ट्र में लातूर रेल फैक्ट्री और हरियाणा के सोनीपत में चार सौ ट्रेनों का उत्पादन किया जाएगा.

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स्लीपर वंदे भारत के लिए टेंडर जारी होगा: देश में 400 स्लीपर क्लास ट्रेन्स दौड़ाने की तैयारी चल रही है. टेंडर प्रक्रिया भी शुरु है. उम्मीद की जा रही है कि इसी महीने के आखिर तक 200 स्लीपर वंदे भारत के लिए टेंडर फ्लोट कर दिेए जाएंगे. ये ट्रने 220 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार पर दौड़ सकेंगी. हालांकि अभी जो वंदे भारत ट्रेने देश में चल रही हैं वो 180 किलोमीटर तक की टॉप स्पीड पकड़ सकती है. मगर स्लीपर क्लास वंदे भारत में यह स्पीड़ 220 किलोमीटर तक होगी. ऑपरेशनल स्पीड रुट पर निर्भर करेगा कि कहां से कहां तक ट्रेन जाएगी.

नई दिल्ली/भोपाल। रेलवे यात्रियों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर वर्जन को 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के लिए डिजाइन किया जाएगा (Vande Bharat Sleeper Version), अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एल्युमीनियम निर्मित स्लीपर वर्जन की ये ट्रेनें पटरियों पर 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. उन्होंने कहा कि चेयर कार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से शताब्दी एक्सप्रेस से बदला जाएगा, जबकि स्लीपर संस्करण राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों का विकल्प होगा.

400 ट्रेनों के लिए निविदा जारी: अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने 400 वंदे भारत ट्रेनों के लिए निविदा जारी की है और इस महीने के अंत तक काम को मंजूरी दे दी जाएगी. इस तरह की कुछ शुरुआती ट्रेनें स्वदेश निर्मित ट्रेनों का स्लीपर संस्करण भी हो सकती हैं. अधिकारी ने कहा कि चार प्रमुख घरेलू और विदेशी कंपनियां उत्पादन के लिए आगे आई हैं. योजना के मुताबिक, पहली 200 वंदे भारत ट्रेनों में शताब्दी एक्सप्रेस की तर्ज पर बैठने की व्यवस्था होगी और इसे 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करने के लिए डिजाइन किया जाएगा. लेकिन रेलवे ट्रैक की अपर्याप्त सुरक्षा और सुरक्षा को देखते हुए उनकी गति को 130 किमी प्रति घंटे तक सीमित रखा जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि ये ट्रेनें स्टील से बनेंगी.

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200 ट्रेनों को किया जाएगा स्लीपर: दूसरे चरण में 200 वंदे भारत ट्रेनें स्लीपर होंगी और इन्हें एल्युमीनियम से बनाया जाएगा. स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों का दूसरा संस्करण 200 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलेगा, इसके लिए दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता रेलवे की पटरियों की मरम्मत की जा रही है, सिग्नल सिस्टम, पुलों को ठीक किया जा रहा है और बाड़ लगाई जा रही है, काम चल रहा है. अधिकारी ने कहा, इसके अलावा दोनों रेल मार्गों पर 1,800 करोड़ रुपये की लागत से टक्कर रोधी तकनीकी कवच लगाया जा रहा है. अगले दो वर्षों में तमिलनाडु के चेन्नई में आईसीएफ, महाराष्ट्र में लातूर रेल फैक्ट्री और हरियाणा के सोनीपत में चार सौ ट्रेनों का उत्पादन किया जाएगा.

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स्लीपर वंदे भारत के लिए टेंडर जारी होगा: देश में 400 स्लीपर क्लास ट्रेन्स दौड़ाने की तैयारी चल रही है. टेंडर प्रक्रिया भी शुरु है. उम्मीद की जा रही है कि इसी महीने के आखिर तक 200 स्लीपर वंदे भारत के लिए टेंडर फ्लोट कर दिेए जाएंगे. ये ट्रने 220 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार पर दौड़ सकेंगी. हालांकि अभी जो वंदे भारत ट्रेने देश में चल रही हैं वो 180 किलोमीटर तक की टॉप स्पीड पकड़ सकती है. मगर स्लीपर क्लास वंदे भारत में यह स्पीड़ 220 किलोमीटर तक होगी. ऑपरेशनल स्पीड रुट पर निर्भर करेगा कि कहां से कहां तक ट्रेन जाएगी.

Last Updated : Jan 20, 2023, 2:00 PM IST
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