भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं में पेपर लीक होने की खबरों के बीच स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने बयान से पलट गए हैं. उन्होंने अब कहा है कि 10वीं और 12वीं का कोई भी पेपर लीक नहीं हुआ, इसलिए परीक्षाएं निरस्त करने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा, 'कांग्रेस पेपर लीक होने का भ्रम फैला रही है. जिन परीक्षाध्यक्षों पर कार्रवाई की गई हैं, वे परीक्षा की गोपनीयता भंग होने के मामले में की गई हैं.'
दोबारा नहीं कराई जाएगी परीक्षा: स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने पेपर लीक मामले को पूरी तरह अफवाह बताया है. उन्होंने अपने पिछले बयानों से यू-टर्न लेते हुए विपक्ष पर ही आरोप मढ़ दिया. परमार ने कहा, "पेपर लीक का भ्रम फैलाकर प्रदेश को बदनाम किया जा रहा है. सुबह साढ़े 8 बजे परीक्षा के लिए बच्चे हॉल में बैठ गए थे. इसके बाद पेपर आउट होने की बात कही जा रही है. जो भी प्रश्नपत्र वायरल हुए, वे फर्जी पाए गए हैं. एक भी पेपर परीक्षा के पहले बाहर नहीं गया. परीक्षाएं जैसे चल रही हैं, वैसे ही चलती रहेंगी. कोई पेपर दोबारा नहीं कराया जाएगा."
विपक्ष पर साधा निशाना: मंत्री इंदर सिंह ने कहा, "एक गिरोह है, जो योजनाबद्ध तरीके से सरकार के सिस्टम को बदनाम करना और बच्चों को लूटना चाहता है. हमने ऐसे लोगों पर कार्रवाई की है. ऐसे मामलों में 19 शिक्षकों पर एक्शन लिया गया है. हमने एक्सपर्ट से जांच करा ली है, कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. किसी तरह का पेपर लीक नहीं हुआ इसलिए परीक्षा जारी रहेगी. दोबारा परीक्षा नहीं कराई जाएगी. उन शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है, जिन्होंने परीक्षा की गोपनीयता भंग की है."
पहले माना था-पेपर लीक हुए: स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के इस बयान से पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सरकार पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि 10वीं और 12वीं कक्षा के पेपर लगातार लीक हो रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने सदन से बर्हिगमन भी किया था. उधर, परमार ने भी माना था कि ऐसी कुछ घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें जरूरी कार्रवाई की जा रही है.