भोपाल। भोपाल नगर निगम में हमेशा की तरह एनजीटी में एक बार फिर बड़े तालाब के अवैध निर्माण के कब्जों को हटाने के संबंध में गलत जवाब पेश किया है. पिछले दिनों एनजीटी मैं नगर निगम को निर्देशित किया था कि भोपाल के बड़े तालाब के सभी कैचमेंट एरिया में अवैध कब्जों को तत्काल हटाया जाए और वैध निर्माण करने वाले लोगों के कागजात की जांच पड़ताल कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. परंतु इसके जवाब में भोपाल नगर निगम ने 227 में से केवल 11 कब्जे हटाने की कार्यवाही कर जवाब प्रस्तुत कर दिया.
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कब्जा हटाने की बात पर नगर निगम ने केवल वहां से झुग्गियां हटाईं. जबकि बड़े तालाब के किनारे रसूखदार लोगों के अवैध निर्माण छोड़ दिए. निगम का कहना है कि बड़े तालाब के 50 मीटर के दायरे में 1 साल के भीतर 11 अवैध निर्माण हटाए गए हैं, जो कि केवल झुग्गियों के रूप में थे.
नगर निगम पर उठ रहें हैं सवाल
वहीं नगर निगम की झील संरक्षण प्रकोष्ठ के प्रभारी अधीक्षक यंत्री संतोष गुप्ता ने अभी हाल में ही एनजीटी के सामने यह रिपोर्ट प्रस्तुत की है. लेकिन उस रिपोर्ट पर अब यह सवाल उठ रहे हैं कि बड़े तालाब के 50 मीटर के दायरे में किए गए अवैध निर्माण के सर्वे के दौरान 227 अवैध कब्जे पाए गए थे. लेकिन नगर निगम की ओर से सिर्फ 11 पर कार्यवाही क्यों?
बाकी निर्माण रसूखदार लोगो के होने के कारण उन पर कार्यवाही नहीं की गई. इसके अलावा बड़े तालाब का दायरा तय करने के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम के अफसर पिछले 3 साल में तीन बार सीमांकन करने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं. लेकिन आज तक 50 मीटर का दायरा तय नहीं हो पाया है. इस दायरे में बने अवैध निर्माण को लेकर आए दिन विवाद की स्थिति बनी रहती है.
अब तक नहीं हो पाया सीमा का समाधान
सबसे बड़ी बात तो यह है इतने सालों में भी बड़े तालाब की सीमा तय नहीं हो पा रही है और उस पर लगातार कब्जे होते जा रहे हैं. भोपाल में सबसे ज्यादा भदभदा क्षेत्र में 250 से अधिक कब्जे हैं. वही बड़े तालाब के किनारे बसे खानूगांव में 100 से ज्यादा कब्जे हैं. इंदौर रोड पर हलालपुरा में 50 से अधिक कब्जे हैं. बेहटा और भैंसा खेड़ी में मिलाकर 160 से अधिक कब्जे बताए जा रहे हैं.
परंतु भोपाल नगर निगम के झील प्रकोष्ठ के अधिकारी व कर्मचारी इन कब्जों के प्रति उदासीन बने हुए हैं अभी कुछ दिनों पूर्व भोपाल के हुजूर विधायक के संरक्षण में बैरागढ़ के पास बड़े तालाब में अवैध उत्खनन का मामला सामने आने के बाद भी कुछ नहीं हुआ.बड़ी बड़ी मशीनें नगर निगम कार्यालय बैरागढ़ में खड़ी हुई जंग खाती साफ दिख रहीं हैं.