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सरकार के नए आदेश, अब डॉक्टर को अस्पताल में लगानी होगी डिग्री और फोटो - एमपी में अस्पताल

एमपी में कोरोना काल में आपदा को अवसर बनाने वाले डॉक्टरों को लेकर प्रदेश सरकार ने अस्पताल में डॉक्टरों की डिग्री और फोटो लगाना अनिवार्य कर दिया है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ऐसा करने से पारदर्शिता आएगी.

Medical Education Minister Vishwas Sarang
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग
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Published : Jun 17, 2021, 7:38 PM IST

भोपाल। कोरोना काल के दौरान लगातार कई अस्पतालों की शिकायत सरकार को मिली. इसके बाद लगातार सरकार ने कड़ा रुख भी अपनाया और कई अस्पतालों को नोटिस भी दिए. ऐसे में कई अस्पतालों में एक डॉक्टर के नाम पर दो-दो अस्पताल होने की बात भी सामने आई. जिसके बाद सरकार ने अब एक नया फरमान जारी किया है. इसके तहत डॉक्टर को अब अस्पताल में अपनी डिग्रियों के साथ ही उसका फोटो और डिटेल भी लगानी होगी. सरकार का कहना है कि इससे काम में जहां पारदर्शिता आएगी. वहीं मरीज को भी डॉक्टर के बारे में जानकारी मिल सके सकेगी.

कोरोना काल में मरीजों से हुई वसूली
आपदा को अवसर में बदलने की बात एक और सरकार ने कही, तो कई अवसरवादी डॉक्टरों ने इस आपदा का पूरा फायदा उठाया. कोरोना के समय कई बार ऐसी शिकायतें सामने आईं, जिसमें अस्पतालों ने मनमर्जी चलाते हुए मरीजों से कई गुना पैसों की वसूली की. इनमें कुछ अस्पताल ऐसे भी थे, जिनमें स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं होने के बाद भी वहां इलाज मरीजों का किया गया. ऐसे अस्पतालों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने भी मुहिम चलाई और कई अस्पतालों को नोटिस भी दिए.

इन अस्पतालों पर अंकुश लगाने की तैयारी
बावजूद इसके अस्पतालों पर मरीजों का लोड ज्यादा होने के चलते सरकार भी कई बार कोरोना काल में पीछे हटती नजर आई. सरकार ने ऐसे अस्पतालों पर अंकुश लगाने की तैयारी कर ली है. इसके लिए अब एक नया प्लान सरकार ने तैयार किया है. सरकार ने अब अस्पतालों में डॉक्टरों की डिग्रियों के साथ ही उनका फोटो लगाने के भी आदेश जारी किए हैं. अगर अस्पतालों में डॉक्टर का फोटो होगा तो उससे यह पता भी चलेगा कि यह अस्पताल किसका है और यहां कौन डॉक्टर है.

काम में आएगी पारदर्शिताः विश्वास सारंग
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि ऐसा करने की सरकार की मंशा इसलिए है कि इसके माध्यम से पारदर्शिता आएगी. वहीं किस अस्पताल में कौन-कौन डॉक्टर हैं और उनकी क्या डिग्री है, यह भी मरीजों को पता चल जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके प्रयास किए जा रहे हैं.

MP में मिला डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला केस: 65 साल की महिला में हुई पुष्टि, vaccinate हो चुकी है महिला

इधर, कई अस्पताल ऐसे हैं, जिन्होंने पहले से ही डॉक्टर की डिग्रियां लगा कर रखी हैं, लेकिन कई अस्पताल ऐसे भी हैं जहां, पर डॉक्टर की डिग्रियां भी नहीं है. यही नहीं वहां नाम तक मौजूद नहीं है.

भोपाल। कोरोना काल के दौरान लगातार कई अस्पतालों की शिकायत सरकार को मिली. इसके बाद लगातार सरकार ने कड़ा रुख भी अपनाया और कई अस्पतालों को नोटिस भी दिए. ऐसे में कई अस्पतालों में एक डॉक्टर के नाम पर दो-दो अस्पताल होने की बात भी सामने आई. जिसके बाद सरकार ने अब एक नया फरमान जारी किया है. इसके तहत डॉक्टर को अब अस्पताल में अपनी डिग्रियों के साथ ही उसका फोटो और डिटेल भी लगानी होगी. सरकार का कहना है कि इससे काम में जहां पारदर्शिता आएगी. वहीं मरीज को भी डॉक्टर के बारे में जानकारी मिल सके सकेगी.

कोरोना काल में मरीजों से हुई वसूली
आपदा को अवसर में बदलने की बात एक और सरकार ने कही, तो कई अवसरवादी डॉक्टरों ने इस आपदा का पूरा फायदा उठाया. कोरोना के समय कई बार ऐसी शिकायतें सामने आईं, जिसमें अस्पतालों ने मनमर्जी चलाते हुए मरीजों से कई गुना पैसों की वसूली की. इनमें कुछ अस्पताल ऐसे भी थे, जिनमें स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं होने के बाद भी वहां इलाज मरीजों का किया गया. ऐसे अस्पतालों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने भी मुहिम चलाई और कई अस्पतालों को नोटिस भी दिए.

इन अस्पतालों पर अंकुश लगाने की तैयारी
बावजूद इसके अस्पतालों पर मरीजों का लोड ज्यादा होने के चलते सरकार भी कई बार कोरोना काल में पीछे हटती नजर आई. सरकार ने ऐसे अस्पतालों पर अंकुश लगाने की तैयारी कर ली है. इसके लिए अब एक नया प्लान सरकार ने तैयार किया है. सरकार ने अब अस्पतालों में डॉक्टरों की डिग्रियों के साथ ही उनका फोटो लगाने के भी आदेश जारी किए हैं. अगर अस्पतालों में डॉक्टर का फोटो होगा तो उससे यह पता भी चलेगा कि यह अस्पताल किसका है और यहां कौन डॉक्टर है.

काम में आएगी पारदर्शिताः विश्वास सारंग
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि ऐसा करने की सरकार की मंशा इसलिए है कि इसके माध्यम से पारदर्शिता आएगी. वहीं किस अस्पताल में कौन-कौन डॉक्टर हैं और उनकी क्या डिग्री है, यह भी मरीजों को पता चल जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके प्रयास किए जा रहे हैं.

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इधर, कई अस्पताल ऐसे हैं, जिन्होंने पहले से ही डॉक्टर की डिग्रियां लगा कर रखी हैं, लेकिन कई अस्पताल ऐसे भी हैं जहां, पर डॉक्टर की डिग्रियां भी नहीं है. यही नहीं वहां नाम तक मौजूद नहीं है.

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