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बैंक फ्रॉड मामले में CBI ने भोपाल में कई जगहों पर एक साथ की छापामार कार्रवाई

बैंकों से जालसाजी मामले में CBI ने देश के 14 राज्यों में छापामार कार्रवाई की, इस दौरान भोपाल में भी CBI के अधिकारियों ने कई जगहों पर छापा मारा, जहां से तमाम अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं.

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Published : Nov 6, 2019, 5:03 AM IST

Updated : Nov 6, 2019, 8:01 AM IST

बैंक फ्रॉड

भोपाल| बैंकों से जालसाजी मामले में CBI देश भर के 14 राज्यों के अलग- अलग शहरों में लगातार छापामार कार्रवाई कर रही है. मध्यप्रदेश के भोपाल और मुरैना में भी CBI की टीम ने कार्रवाई की है. भोपाल में भारतीय स्टेट बैंक के साथ 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी का मामला है, तो वहीं मुरैना में यूको बैंक के साथ धोखाधड़ी में निजी गोदाम के संचालक का नाम भी समाने आया है. इस कार्रवाई के दौरान CBI की टीम को कई अहम दस्तावेज मिले हैं, हालांकि इस पूरी कार्रवाई को काफी गोपनीय रखा गया है. माना जा रहा है कि CBI इस मामले को लेकर जल्द खुलासा करेगी.

मुरैना में सीबीआई को करीब 65 लाख रुपए नगद राशि भी मिली है. जिसे आयकर विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है. इस धोखाधड़ी को लेकर CBI की टीम ने मुरैना, नोएडा, पटना कोलकाता और अन्य शहरों में करीब 23 ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की है. वहीं भोपाल में SBI के साथ 1266.63 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में CBI ने दिल्ली समेत दूसरे शहरों में भी कार्रवाई को अंजाम दिया है. ये धोखाधड़ी जिस कंपनी ने की है, उसका भोपाल और मुंबई में भी कारोबार है. इस मामले में कंपनी के पांच संचालक, अतिरिक्त संचालक, जमानतदार और कुछ अन्य लोग भी शामिल हैं.

भोपाल| बैंकों से जालसाजी मामले में CBI देश भर के 14 राज्यों के अलग- अलग शहरों में लगातार छापामार कार्रवाई कर रही है. मध्यप्रदेश के भोपाल और मुरैना में भी CBI की टीम ने कार्रवाई की है. भोपाल में भारतीय स्टेट बैंक के साथ 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी का मामला है, तो वहीं मुरैना में यूको बैंक के साथ धोखाधड़ी में निजी गोदाम के संचालक का नाम भी समाने आया है. इस कार्रवाई के दौरान CBI की टीम को कई अहम दस्तावेज मिले हैं, हालांकि इस पूरी कार्रवाई को काफी गोपनीय रखा गया है. माना जा रहा है कि CBI इस मामले को लेकर जल्द खुलासा करेगी.

मुरैना में सीबीआई को करीब 65 लाख रुपए नगद राशि भी मिली है. जिसे आयकर विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है. इस धोखाधड़ी को लेकर CBI की टीम ने मुरैना, नोएडा, पटना कोलकाता और अन्य शहरों में करीब 23 ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की है. वहीं भोपाल में SBI के साथ 1266.63 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में CBI ने दिल्ली समेत दूसरे शहरों में भी कार्रवाई को अंजाम दिया है. ये धोखाधड़ी जिस कंपनी ने की है, उसका भोपाल और मुंबई में भी कारोबार है. इस मामले में कंपनी के पांच संचालक, अतिरिक्त संचालक, जमानतदार और कुछ अन्य लोग भी शामिल हैं.

Intro:बैंकों से जालसाजी करने पर राजधानी में हुई छापा मार कार्यवाही, सीबीआई को मिले कई अहम दस्तावेज


भोपाल | सीबीआई के द्वारा बैंकों से जालसाजी करने के चलते देश भर में 14 राज्यों के अलग-अलग शहरों में लगातार छापे मार कार्यवाही की गई है इसी सिलसिले में प्रदेश के भोपाल और मुरैना मैं भी टीम ने कार्यवाही की है भोपाल में भारतीय स्टेट बैंक के साथ 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी का मामला है तो वहीं मुरैना में यूको बैंक के साथ धोखाधड़ी करने वाले निजी गोदाम के संचालक शामिल है . इस कार्यवाही के दौरान सीबीआई की टीम को कई अहम दस्तावेज मिले हैं हालांकि इस पूरी कार्यवाही को काफी गोपनीय रखा गया है माना जा रहा है कि सीबीआई इस मामले को लेकर जल्द खुलासा करेगी .


Body:बताया जा रहा है कि मुरैना में निजी गोदाम संचालकों ने बैंक मैनेजर के साथ मेलजोल कर चपरासी और ड्राइवर के नाम की फर्जी पक्षियों के सहारे खाली पड़े गोडाउन को भरा बताकर बैंकों से बड़ी राशि ले ली है मुरैना में सीबीआई को करीब 65 लाख रुपए नगद राशि भी मिली है जिसे आयकर के सुपुर्द किया गया है इस धोखाधड़ी को लेकर सीबीआई की टीम ने मुरैना नोएडा पटना कोलकाता और अन्य शहरों में करीब 23 ठिकानों पर एक साथ कार्यवाही की है .


बताया जा रहा है कि भोपाल में एसबीआई के साथ 1266.63 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के प्रकरण में सीबीआई की दिल्ली और दूसरे स्थानों की टीमों ने इस कार्यवाही को अंजाम दिया है यह धोखाधड़ी जिस कंपनी ने की है उसका भोपाल और मुंबई में भी कारोबार है प्रकरण में कंपनी के पांच संचालक अतिरिक्त संचालक जमानतदार व कुछ अन्य लोग भी शामिल है कंपनी द्वारा कृषि उत्पादकों की थोक ट्रेडिंग की जाती थी जिसके लिए इन लोगों ने एसबीआई से 6000 करोड़ों रुपए की क्रेडिट लिमिट भी हासिल कर ली थी हालांकि सीबीआई इस मामले को लेकर भी जांच कर रही है कि इतनी बड़ी लिमिट किस तरह से हासिल की गई है क्योंकि बिना मिलीभगत के इतनी बड़ी क्रेडिट मिलना नामुमकिन है .





Conclusion:जानकारी के अनुसार भोपाल और मुरैना के इन संचालकों के द्वारा यह क्रेडिट लिमिट खातों में फर्जीवाड़े जाली दस्तावेजों के सहारे हासिल की गई है कंपनी ने झूठे बिल, माल की गलत जानकारी देते हुए माल की आवक और जावक दिखाई है. साथ ही कई तरह के फर्जी दस्तावेजों को तैयार किया गया है ताकि बैंकों को भी गुमराह किया जा सके कार्यवाही के दौरान सीबीआई की एक टीम ने राजधानी के गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में छापामार कार्यवाही की है बताया गया था कि इस क्षेत्र में एक बड़ी फैक्ट्री लगाई गई है लेकिन जब यहां पर सीबीआई ने छापा मारा तो यहां केवल एक छोटा सा कमरा और खाली प्लॉट मिला है .


बताया जा रहा है कि मुरैना में यूको बैंक से वर्ष 2015 में 7 निजी गोदामों के लिए करीब 200 करोड़ रुपए कार रेड दिया गया था सीबीआई ने सात अलग-अलग एफ आई आर दर्ज कर इसमें जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो गए जिसमें पता चला कि गोदाम संचालकों के गोदाम खाली पड़े रहते थे लेकिन उनमें माल रखने की पर्चियां लगातार काटी जा रही थी जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था जब इस मामले की गंभीरता से जांच की गई तो माल रखे जाने की रसीदें गोदाम संचालकों के चपरासी ड्राइवर और कई परिचितों के नाम की पाई गई है यही नहीं गोदामों की जितनी क्षमता थी उससे कहीं ज्यादा मात्रा में माल रखे जाने की पर्चियां काटकर दस्तावेज तैयार किए गए हैं और इसी के आधार पर यूको बैंक से उन्हें बड़ी राशि का लोन स्वीकृत भी हुआ है .




Last Updated : Nov 6, 2019, 8:01 AM IST
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