भोपाल। राजधानी में इस बार इज्तिमा हर बार से कुछ अलग रहेगा. इस बार इज्तिमा 3 दिन के बजाय पहली बार 4 दिन का रहेगा. इस बार इसे क्लीन और ग्रीन इज्तिमा की थीम दी गई है. आयोजन स्थल पर पूरी तरह से प्लास्टिक और डिस्पोजेबल आइटम पर रोक लगा दी गई है. साथ ही गुटखा, बीड़ी या सिगरेट पर भी प्रतिबंध रहेगा. यहां से निकलने वाले कचरे के लिए नगर निगम ने दो प्लांट लगा दिए हैं. इससे बनने वाली गैस का उपयोग आयोजन में ईंधन के रूप में किया जाएगा और खाद ईंटखेड़ी के आसपास के किसानों को दे दी जाएगी.
भोपाल में लगने वाले देश के सबसे बड़े इस्लामिक आयोजन में इस साल करीब 54 देशों से 15 लाख लोगों के आने का अनुमान है. इन अंतरराष्ट्रीय मेहमानों का स्वागत भोपाल प्रशासन 34 भाषाओं के साइन बोर्ड के माध्यम से करेगा.
इज्तिमा में भी 'ग्रीन भोपाल क्लीन भोपाल' अभियान
भोपाल कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव ने इस साल 'ग्रीन भोपाल क्लीन भोपाल' अभियान चलाया था. इज्तिमा में आने वाले लोगों को भी ये संदेश जाए, इसके लिए प्रशासन ने आयोजकों से बात की. आयोजक भी पिछले कुछ सालों से इस तरह की कोशिशें कर रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का मन बना लिया है. संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव यहां की तैयारियों पर खुद नजर रख रही हैं.
यहां प्लास्टिक के नाम पर सिर्फ सीलबंद पानी की बोतलें रहेंगी, जिन्हें इकट्ठा करने के लिए 200 वॉलिंटियर लगाए गए हैं. 22 से 25 नवंबर तक चलने वाले इस आयोजन के आखिरी दिन जब दुआ होगी, उस दिन यहां 25 लाख से ज्यादा लोग मौजूद रहेंगे. इसमें भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन और होशंगाबाद के स्थानीय मुस्लिम धर्मावलंबी शामिल हैं.
इज्तिमा में क्या है खास
मध्यप्रदेश में उज्जैन के सिंहस्थ के बाद ये सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होता है. पहली बार यहां पॉलिथीन से पूरी तरह दूरी बनाई गई है और जो कचरा निकलेगा, उसके डिस्पोजेबल के लिए नगर निगम ने दो प्लांट लगा दिए हैं. दिल्ली से संचालित राष्ट्रीय स्तर पर वेस्ट मैनेजमेंट पर काम करने वाली सार्थक संस्था के इम्तियाज अली अपनी टीम के साथ पिछले 15 दिनों से भोपाल में हैं. लंबे समय से सार्थक संस्था के जरिए प्लास्टिक वेस्ट को लेकर देशभर में काम कर रहे हैं.
इम्तियाज अली बताते हैं कि वो संस्था के सदस्यों के साथ ही आयोजन कमेटी के कार्यकर्ताओं की टीम लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बार इज्तिमा जीरो वेस्ट के मॉड्यूल पर काम करेगा और यहां जो भी कचरा उत्पन्न होगा, उसे यहीं डिस्पोज किया जाएगा.