भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार कोरोना वायरस संक्रमण के आंकड़ों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं अब सैंपलिंग और टेस्टिंग का काम भी तेजी होने लगा है. प्रदेश के 11 लैब्स में कोरोना वायरस के सैंपल की जांच की जा रही है. मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि हमारा ध्यान हमेशा से ही ज्यादा से ज्यादा सैंपल टेस्टिंग पर रहा है. जिसके लिए हमने एक नई स्ट्रेटजी को अपनाया है.
इस रणनीति के बारे में स्वास्थ्य आयुक्त फैज अहमद किदवई का कहना है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्य की जो रणनीति है, वह 4 शब्दों आईआईटीटी पर आधारित है. इसमें आईडेंटिफिकेशन, आइसोलेशन, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट शामिल है. ये रणनीति 4 चरणों में काम करती है. सबसे पहले संदिग्धों और संक्रमितों की पहचान करना, उसके बाद उन्हें आइसोलेट करना, उनकी टेस्टिंग करना और फिर ट्रीटमेंट करना.
इस रणनीति में काम करने के लिए सर्वे का काम लगातार किया जा रहा है. प्रदेश में बनाए गए 456 कंटेनमेंट एरिया में करीब 2600 लोगों की टीम सर्वे का काम कर रही है. इस सर्वे में सर्दी-खांसी, बुखार- जुखाम के केसों को सर्च कर निकाला जा रहा है, जिससे उन्हें समय रहते आइसोलेट कर इलाज दिया जा सके. स्टेट हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक प्रदेश में अब तक कुल 456 कंटेन्मेंट क्षेत्र बनाए गए हैं. अब तक कुल 31078 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. जिनमें से 22664 सैंपल की रिपोर्ट आ चुकी है. इन सैंपल में से 21077 सैंपल नेगेटिव आए हैं और कुछ को रिजेक्ट कर दिया गया है.