भोपाल। शहर में भारतीय कंपनी सचिव संस्थान ने 'फ्यूजन टू फ्यूचर' नाम से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश के कई जिलों से कंपनी के सेक्रेटरी शामिल हुए. कार्यशाला में कंपनियों के लिए हाल में ही बनाए गए नए नियम-कानूनों की जानकारी दी गई. सेमिनार का आयोजन मॉडल शिराज होटल में किया गया था.
इसमें भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के अध्यक्ष रंजीत पांडे समेत कई कॉर्पोरेट एक्सपर्ट ने शिरकत की. कार्यशाला में कंपनी के आर्बिट्रेशन लॉ, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड जैसे विषयों पर चर्चा की गई. बता दें कि ICSI भारत सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आता है.
ICSI के अध्यक्ष ने बताया कि दो दिवसीय सेमिनार का उद्देश्य कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम कर रहे एडवाइजरों और सचिवों को नये नियमों में हुये अपडेट्स की जानकारी देना था. जिससे वे लोगों को सही सलाह दे सकें, ताकि कॉर्पोरेट जगत की ग्रोथ बढ़ सके.
''लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में छात्रों को 100 फीसदी शुल्क माफी''
कार्यशाला में आने वाले समय में लेह लद्दाख सहित सीएस ओलंपिया पर चर्चा की गई. संस्थान के अध्यक्ष रंजीत पांडे ने बताया कि छात्रों के लिए आईसीएसआई एक बढ़िया विषय और करियर है. लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में 100 फीसदी शुल्क माफी योजना के साथ पंजीकरण होगा.
इसके अलावा ICSI आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को शिक्षित करने में भी योगदान दे रहा है. साथ ही लोकल लेवल पर सीएस कोर्स की कोचिंग, लाइब्रेरी जैसी आधारभूत सुविधाएं देने के लिए अब तक देश भर में करीब 99 स्टडी सेंटर खोल चुका है. कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रंजीत पांडे ने बताया कि कंपनी ने एक एजुकेशन फंड ट्रस्ट बनाया है, जो आर्थिक रूप से जरूरतमंद छात्रों को एजुकेशन के लिए मदद करता है. उन्होंने कहा कि ICSI सिलेबस रिव्यू बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर संस्थान ने अपने पाठ्यक्रम में बदलाव किया है.
बता दें कि भारतीय कंपनी सेक्रेटरी भारत सरकार के साथ कॉरपोरेट सेक्टर में विशेष योगदान देती है. इसके साथ ही भारत सरकार के साथ मिलकर अन्य योजनाओं पर भी कार्य करती है. आईसीएसआई भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आता है. कंपनी सचिवों के पाठ्यक्रम में छात्रों के लिए उच्च गुणवत्ता की शिक्षा पर ध्यान दिया जाता है.