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IAS नियाज खान हुए और आक्रामक, सरकारों के TARGET पर रहता है ये IAS अफसर! पढ़ें 20 साल में क्यों  हुए 19 तबादले

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Published : Mar 25, 2022, 12:44 PM IST

Updated : Mar 25, 2022, 2:02 PM IST

फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे और बगावती तेवर अपनाने वाले मध्यप्रदेश के आईएएस (IAS) अधिकारी नियाज खान कुछ दिनों से चर्चा में हैं. राज्य सरकार द्वारा कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद उनके तेवर और कड़े हो गए हैं. नोटिस मिलने के बाद उन्होंने ट्वीट किया कि मैं सिर्फ खुदा से डरता हूं, इंसान से नहीं. खास बात यह है कि आईएएस नियाज खान अपनी सख्त और ईमानदारी की कार्यप्रणाली के कारण हमेशा सभी सरकारों के निशाने पर रहे हैं. (IAS Niyaz Khan became aggressive) (20 years service story of Niyaz Khan)

IAS NIYAZ KHAN statement
आईएएस अधिकारी नियाज खान

भोपाल। मध्यप्रदेश के चर्चित आईएएस (IAS)अधिकारी नियाज खान आजकल मीडिया में छाए हुए हैं. फिल्म द कश्मीर फाइल्स के प्रचार-प्रसार के बीच पीएम मोदी पर दिए गए बयान को लेकर शिवराज सरकार ने उन्हें नोटिस थमाया है. इसके बाद वह और आक्रामक हो गए हैं. नोटिस मिलने के बाद आईएएस नियाज खान ने फिर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि जब आप सभी से प्यार करते हैं और कुरान में गहरा भरोसा रखते हैं तो आप और ज्यादा मजबूत बन जाते हैं. हमेशा न्याय के साथ खड़े रहें. गॉड आपको ताकत देगा. सभी गालियां दुआओं में बदल जाएंगी. सिर्फ भगवान से डरें, न कि इंसान से.

देश का सबसे बड़ा ओडीएफ घोटाला किया था उजागर : साल 2015 बैच के आईएएस अधिकारी अपनी सख्त कार्यप्रणाली की वजह से हमेशा सरकारों के निशाने पर रहे हैं. कभी फिल्म एक्टर सलमान खान को नोटिस देकर तो कभी बड़ा भ्रष्टाचार उजागर करने की वजह से. यही कारण है कि वह लगातार एक जगह लंबे समय तक टिक नहीं सके. 20 साल की सर्विस में उनके 19 से ज्यादा ट्रांसफर हो चुके हैं. मूलतः छत्तीसगढ़ के रहने वाले नियाज खान 2001 में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने थे. इसके बाद उनकी सबसे पहली पोस्टिंग रायसेन के मंडीदीप में बतौर डिप्टी कलेक्टर हुई. पद संभालने के बाद ही उन्होंने रायसेन जिले में नकली सामान बनाने वाली फैक्ट्रियों को निशाने पर लिया. ऐसे फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ उन्होंने मामला पंजीबद्ध कराया. इस दौरान उन्हें जान से मारने तक की धमकी मिली.

गुना में ओडीएफ घोटाले का किया पर्दाफाश : साल 2006-07 में होशंगाबाद पदस्थापना के दौरान उन्होंने अतिक्रमण अभियान चलाया. इस दौरान जानी-मानी लेखिका अरूंधति राय के पति प्रदीप किशन और फिल्मकार विक्रम भट्ट की बहन से बंगले खाली करा लिए. रेत माफिया के खिलाफ भी जमकर कार्रवाई की. उन्हें गुना में जिला पंचायत सीईओ को प्रभार मिला तो उन्होंने जिले में हुए ओडीएफ के नाम पर हुए फर्जीवाड़े का खुलासा किया. करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद उन्होंने कर्मचारियों तक के खिलाफ मामले दर्ज कराए. 125 सरपंचों से वसूली की. इसके बाद उन्हें हटा दिया गया.

The Kashmir Files: PM मोदी पर बयानबाजी IAS नियाज खान को पड़ी भारी! बगावती तेवर अपनाने पर सरकार ने भेजा नोटिस

फिल्म एक्टर सलमान खान व अक्षय कुमार को दिया था नोटिस : साल 2015 में गुना में एडीएम रहते नियाज खान ने खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग द्वारा थम्सअप के नमूने को जांच के लिए भोपाल भेजा. जांच में पेय पदार्थ के मानकों के उल्लंघन के बाद मामला एडीएम कोर्ट में भेजा गया. एडीएम नियाज खान ने इस मामले में कंपनी के पदाधिकारियों के अलावा थम्स अप का प्रचार करने वाले फिल्म अभिनेता सलमान खान, अक्षय कुमार को नोटिस भेजा था. इसके बाद सलमान खान की तरफ से कोर्ट में जवाब पेश किया गया. इसको लेकर नियाज खान जमकर सुर्खियों में आए थे.

रतलाम में एक दिन में 1500 डंपर रेत जब्त की : इसके पहले साल 2009 में उन्हें रतलाम एडीएम बनाकर भेजा गया तो उन्होंने वहां अवैध रेत खनन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी. सैलाना के राजस्थान बार्डर पर होने वाले अवैध रेत खनन पर लगाम लगाने के लिए उन्होंने कार्रवाई की और एक दिन में 1500 डंपर रेत जब्त की. नियाज खान को साल 2015 में आईएएस अवार्ड हो गया, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली की वजह से उन्हें फील्ड पोस्टिंग नहीं मिली.

कमलनाथ सरकार ने भी नहीं छोड़ा : साल 2019 में कमलनाथ सरकार के दौरान उन्हें लूपलाइन समझी जाने वाले संपदा विभाग में भोपाल का प्रभारी बनाया गया. इस दौरान उन्होंने आईएएस अधिकारियों को ही निशाने पर लिया. उन्होंने सालों से सरकारी बंगलों में जमे अधिकारियों और नेताओं की सूची तैयार की और उन्हें बंगले खाली कराने के नोटिस जारी करा दिए. इसके बाद नियाज खान को यहां से भी हटा दिया गया. नियाज खान मौजूदा वक्त में पीडब्ल्यूडी में डिप्टी सेकेटरी हैं. (IAS Niyaz Khan became aggressive) (20 years service story of Niyaz Khan)

भोपाल। मध्यप्रदेश के चर्चित आईएएस (IAS)अधिकारी नियाज खान आजकल मीडिया में छाए हुए हैं. फिल्म द कश्मीर फाइल्स के प्रचार-प्रसार के बीच पीएम मोदी पर दिए गए बयान को लेकर शिवराज सरकार ने उन्हें नोटिस थमाया है. इसके बाद वह और आक्रामक हो गए हैं. नोटिस मिलने के बाद आईएएस नियाज खान ने फिर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि जब आप सभी से प्यार करते हैं और कुरान में गहरा भरोसा रखते हैं तो आप और ज्यादा मजबूत बन जाते हैं. हमेशा न्याय के साथ खड़े रहें. गॉड आपको ताकत देगा. सभी गालियां दुआओं में बदल जाएंगी. सिर्फ भगवान से डरें, न कि इंसान से.

देश का सबसे बड़ा ओडीएफ घोटाला किया था उजागर : साल 2015 बैच के आईएएस अधिकारी अपनी सख्त कार्यप्रणाली की वजह से हमेशा सरकारों के निशाने पर रहे हैं. कभी फिल्म एक्टर सलमान खान को नोटिस देकर तो कभी बड़ा भ्रष्टाचार उजागर करने की वजह से. यही कारण है कि वह लगातार एक जगह लंबे समय तक टिक नहीं सके. 20 साल की सर्विस में उनके 19 से ज्यादा ट्रांसफर हो चुके हैं. मूलतः छत्तीसगढ़ के रहने वाले नियाज खान 2001 में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने थे. इसके बाद उनकी सबसे पहली पोस्टिंग रायसेन के मंडीदीप में बतौर डिप्टी कलेक्टर हुई. पद संभालने के बाद ही उन्होंने रायसेन जिले में नकली सामान बनाने वाली फैक्ट्रियों को निशाने पर लिया. ऐसे फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ उन्होंने मामला पंजीबद्ध कराया. इस दौरान उन्हें जान से मारने तक की धमकी मिली.

गुना में ओडीएफ घोटाले का किया पर्दाफाश : साल 2006-07 में होशंगाबाद पदस्थापना के दौरान उन्होंने अतिक्रमण अभियान चलाया. इस दौरान जानी-मानी लेखिका अरूंधति राय के पति प्रदीप किशन और फिल्मकार विक्रम भट्ट की बहन से बंगले खाली करा लिए. रेत माफिया के खिलाफ भी जमकर कार्रवाई की. उन्हें गुना में जिला पंचायत सीईओ को प्रभार मिला तो उन्होंने जिले में हुए ओडीएफ के नाम पर हुए फर्जीवाड़े का खुलासा किया. करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद उन्होंने कर्मचारियों तक के खिलाफ मामले दर्ज कराए. 125 सरपंचों से वसूली की. इसके बाद उन्हें हटा दिया गया.

The Kashmir Files: PM मोदी पर बयानबाजी IAS नियाज खान को पड़ी भारी! बगावती तेवर अपनाने पर सरकार ने भेजा नोटिस

फिल्म एक्टर सलमान खान व अक्षय कुमार को दिया था नोटिस : साल 2015 में गुना में एडीएम रहते नियाज खान ने खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग द्वारा थम्सअप के नमूने को जांच के लिए भोपाल भेजा. जांच में पेय पदार्थ के मानकों के उल्लंघन के बाद मामला एडीएम कोर्ट में भेजा गया. एडीएम नियाज खान ने इस मामले में कंपनी के पदाधिकारियों के अलावा थम्स अप का प्रचार करने वाले फिल्म अभिनेता सलमान खान, अक्षय कुमार को नोटिस भेजा था. इसके बाद सलमान खान की तरफ से कोर्ट में जवाब पेश किया गया. इसको लेकर नियाज खान जमकर सुर्खियों में आए थे.

रतलाम में एक दिन में 1500 डंपर रेत जब्त की : इसके पहले साल 2009 में उन्हें रतलाम एडीएम बनाकर भेजा गया तो उन्होंने वहां अवैध रेत खनन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी. सैलाना के राजस्थान बार्डर पर होने वाले अवैध रेत खनन पर लगाम लगाने के लिए उन्होंने कार्रवाई की और एक दिन में 1500 डंपर रेत जब्त की. नियाज खान को साल 2015 में आईएएस अवार्ड हो गया, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली की वजह से उन्हें फील्ड पोस्टिंग नहीं मिली.

कमलनाथ सरकार ने भी नहीं छोड़ा : साल 2019 में कमलनाथ सरकार के दौरान उन्हें लूपलाइन समझी जाने वाले संपदा विभाग में भोपाल का प्रभारी बनाया गया. इस दौरान उन्होंने आईएएस अधिकारियों को ही निशाने पर लिया. उन्होंने सालों से सरकारी बंगलों में जमे अधिकारियों और नेताओं की सूची तैयार की और उन्हें बंगले खाली कराने के नोटिस जारी करा दिए. इसके बाद नियाज खान को यहां से भी हटा दिया गया. नियाज खान मौजूदा वक्त में पीडब्ल्यूडी में डिप्टी सेकेटरी हैं. (IAS Niyaz Khan became aggressive) (20 years service story of Niyaz Khan)

Last Updated : Mar 25, 2022, 2:02 PM IST
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